उषा की कहानी

“उषा तेरे पति का लण्ड बहुत ही शानदार है, बहुत लम्बा और मोटा है। रमेश का लण्ड मेरे बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है। तेरी ज़िन्दगी तो रमेश से चुदवा कर बहुत आराम से कट रही होगी?”

उषा तब रमेश का एक हाथ सुमन कि चूंची पर से हटा कर सुमन कि चूंची को मसलते हुए बोली, “हां, मेरे पति का लण्ड बहुत ही शानदार है और मुझे रमेश से चुदवाने में बहुत मज़ा मिलता है। मैं तो हर रोज़ तीन – चार बार रमेश का लण्ड अपनी चूत में पिलवाती हूं। क्यों, गौतम तेरी चूत नही चोदता? कैसा है गौतम का लण्ड?”

सुमन बोली, “गौतम का लण्ड भी अच्छा है और मैं हर रोज़ दो – तीन बार गौतम के लण्ड से अपनी चूत चुदवाती हूं। गौतम रोज़ रात को हमको रगड़ कर चोदता है और रात कि चुदाई के समय मैं कम से कम से चार-पांच बार चूत का पानी गिराती हूं। लेकिन रमेश के लण्ड की बात ही कुछ और है। यह लण्ड तो मेरे बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है। असल में मुझे अपनी पति के अलावा दूसरे लण्ड से चुदवाने में बहुत मज़ा आता है और जब से मैने रमेश को देखा है, तभी से मैं रमेश का लण्ड खाने के लिये लालायित थी। अब मेरी मन की मुराद पूरी हो गई है। अब शाम को जैसे ही गौतम ऑफ़िस से घर आयेगा उसका लण्ड मैं तेरी चूत में पिलवाऊंगी। तब देखना कि गौतम कैसे तुमको चोदता है। मुझे मालूम है कि गौतम के लण्ड को अपनी चूत से खाकर तुम बहुत खुश होगी।” उषा चुपचाप सुमन कि बात सुनती रही और झुक कर रमेश का लण्ड सुमन की चूत के अन्दर बाहर होना देखती रही। थोड़ी देर के बाद उषा झुक कर सुमन कि एक चूंची अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी।

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थोड़ी देर के बाद उषा को अहसास हुआ कि कोई उसके चूतड़ के ऊपर से उसकी तौलिया हटा कर उसकी चूत में अपना लण्ड घुसेड़ने की कोशिश कर रहा है। उषा ने चौंक कर पीछे मुड़ कर देखा तो पाया कि उसकी चूत में लण्ड घुसेड़ने वला और कोई नही बल्कि गौतम है। हुआ यह कि गौतम के ऑफ़िस में किसी का देहान्त हो गया था और इसालीये ऑफ़िस में छुट्टी हो गई थी। इसलिये गौतम ऑफ़िस जाकर वापस आ गया था।

गौतम अब तक उषा कि बदन से उसकी तौलिया हटा कर अपना तन्नाया हुअ लण्ड उषा कि चूत में डाल चुका था और उषा की कमार को पकड़ के उषा की चूत में अपने लण्ड की ठोकर मारना शुरु हो गया था। गौतम जोर जोर से उषा कि चूत अपने लण्ड से चोद रहा था और अपने हाथों से उषा कि चूंची को मसल रहा था। रमेश इस समय सुमन को जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था और उसने अपना सिर घुमा कर जब उषा कि चुदाई गौतम के साथ होते देखा तो मुसकुरा दिया और गौतम से बोला, “देख गौतम देख, मैं तेरे ही घर में और तेरे ही समने तेरी बीवी को चोद रहा हूं। तुझे तेरी बीवी कि चुदाई देख कर कैसा लग रहा है?” गौतम ने तब उषा को चूमते और उसकि चूंची को मलते हुए रमेश से बोला, “अबे रमेश, तू क्या मेरी बीवी को चोद रहा है। अरे मेरी बीवी तो पुरानी हो गई है उसकि चूत मैं पिछले दो साल से रात दिन चोद रहा हूं। सुमन कि चूत तो अब काफ़ी फैल चुकी है। अबे तू देख मैं तेरे समने तेरी नई ब्याही बीवी को कुतिया कि तरह झुका कर उसकी टाईट चूत में अपना लण्ड डाल कर चोद रहा हूं। अब बोल किसे ज्यादा मज़ा मिल रहा है। सही में यार रमेश, तेरी बीवी कि चूत बहुत ही टाईट है मगर तेरी बीवी बहुत चुद्दकड़ है, देख देख कैसे तेरी बीवी कि चूत ने मेरा लण्ड पकड़ रखा है।” फिर गौतम उषा कि चूंची को मसालते हुए उषा से बोला, “ओह! ओह! मुझे उषा कि चूत चोदने में बहुत मज़ा मिल रहा है। अह! उषा रानी और जोर से अपनी गाण्ड हिला कर मेरे लण्ड पर धक्का मार। मैं पीछे से तेरी चूत पर धक्का मार रहा हूं। उषा रानी बोल, बोल कैसा लग रहा मेरे लण्ड से अपनी चूत चुदवना। बोल मज़ा मिल रहा कि नही?” तब उषा अपनी गाण्ड को जोर जोर से हिला कर गौतम का लण्ड अपनी चूत को खिलाते हुए गौतम से बोली, “चोदो मेरे राजा और जोर से चोदो। मुझे तुम्हारी चुदाई से बहुत मज़ा मिल रहा है। तुम्हारा लण्ड मेरे चूत की आखरी छोर तक घुस रहा है। ऐसा लग रहा कि तुम्हारा लण्ड का धक्का मेरी चूत से होकर मेरी मुंह से निकल पड़ेगा। और जोर से चोदो, और सुमन और रमेश को दिखा दो कि चूत की चुदाई कैसे कि जाती है।”

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