उषा की कहानी

रमेश थोड़ी देर तक सुमन कि चूत पीछे से लण्ड डाल कर चोदता रहा। थोड़ी देर के बाद उसने अपनी एक अंगुली में थूक लग कर सुमन कि गाण्ड में अंगुली करने लगा। अपनी गाण्ड में रमेश कि अंगुली घुसते ही सुमन ओह! ओह! है! कर उठी। उसने रमेश से बोली, “क्या बात है, अब मेरी गाण्ड पर भी तुम्हारी नज़र पड़ गई है। अरे पहले मेरी चूत कि आग को शान्त करो फिर मेरी गाण्ड कि तरफ़ देखना।” लेकिन रमेश अपनी अंगुली सुमन की गाण्ड के छेद पर रख कर धीरे धीरे घुमाने लगा। थोड़ी देर के बाद रमेश ने अपनी अंगुली सुमन कि गाण्ड में घुसेड़ दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा। सुमन भी अपना हाथ नीचे ले जाकर अपनी चूत कि घुण्डी को सहलाने लगी। जब अपनी थूक और अंगुली से रमेश ने सुमन कि गाण्ड कि छेद काफ़ी गीली कर ली तब रमेश ने अपने लण्ड पर थूक लगाकर सुमन कि गाण्ड की छेद पर रखा। अपनी गाण्ड में रमेश का लण्ड छूते ही सुमन बोल पड़ी, “अरे अरे क्या कर रहे हो। मुझे अपनी गाण्ड नही चुदवाना है। मुझे मालूम है कि गाण्ड मरवाने से बहुत तकलीफ़ होती है। हटो, रमेश हटो अपना लण्ड मेरी गाण्ड से हटा लो।” लेकिन तब तक रमेश ने अपना खड़े हुअ लण्ड सुमन कि गाण्ड के छेद पर रख कर दबाने लगा था और थोड़ी से देर के बाद रमेश का लण्ड का सुपारा सुमन कि गाण्ड कि छेद में घुस गया। सुमन चिल्ला पड़ी, “अर्रर्रीईए माआर्रर्र डालाआआ, ओह! ओह! रमेस्सास्सह्हह निकल्लल लूऊ अपनाआ म्मूस्सास्साअर्रर ज्जजाआईस्सास्साअ लण्ड्द म्ममीर्ररीई गाआनद्दद सीई। मैईई मार्रर्र जौनगीईए।”

यह कहानी भी पड़े  चुदासी मम्मी को पटा के गांड मारी

लेकिन रमेश कहना सुनने वाला था। वो अपना कमर घुमा कर के और अपना लण्ड को हाथ से पकड़ के एक धक्का मारा तो उसका आधा लण्ड सुमन कि गाण्ड में घुस गया। सुमन छटपटाने लगी।

थोड़ी देर के बाद रमेश थोड़ा रुक कर एक धक्का और मारा तो उसका पूरा का पूरा लण्ड सुमन कि गाण्ड में घुस गया और वो झुक कर एक हाथ से सुमन की चूंची सहलने लगा और दूसरे हाथ से सुमन की चूत में अंगुली करने लगा। लेकिन सुमन मारे दर्द के छटपटा रही थी और बोल रही थे, “अबे साले भड़ुवे गौतम, देखो तुम्हारे सामने तुम्हारि बीवी कि गाण्ड कैसे तुम्हारा दोस्त जबरदस्ती से मार रहा है। तुम कुछ करते क्यों नही। अब मेरी गाण्ड आज फट जायेगी। लग रहा है आज इस चोदु रमेश मेरी गाण्ड मार मार कर मेरी गाण्ड और बुर एक कर देगा। गौतम प्लीज तुम रमेश से मुझे बचाओ।” तब रमेश अपने अंगुलियों से सुमन की चूत में अंगुली करते हुए सुमन से बोला, “अरे सुमन रानी, बस थोड़ी देर तक सबर करो, फिर देखना आज गाण्ड मरवाने ने तुम्हे कितना मज़ा मिलता है। आज मैं तुम्हारी गाण्ड मार कर तुम्हारी चूत का पानी निकालूगा। बस तुम ऐसे ही झुक कर खड़ी रहो।” रमेश की बात सुन कर गौतम अपना लण्ड से उषा कि चूत चोदता हुअ सुमन से बोला, “रानी, आज तुम रमेश का मोटा लण्ड अपनी गाण्ड डलवा कर खूब मज़े उड़ाओ, मैं भी अभी अपना लण्ड रमेश की नई बीवी कि गाण्ड में घुसेड़ता हूं और फिर उषा की गाण्ड मारता हूं। मैं उषा की गाण्ड मार कर तुम्हारी गाण्ड मारने का बदला निकलता हूं।” उषा जैसे ही गौतम की बात सुनी तो बोल पड़ी, “अरे वाह क्या हिसाब है, रमेश आज मौका पा कर सुमन कि गाण्ड मार रहा है और उसकी कीमत मुझे अपनी गाण्ड मारवा कर चुकनी पड़ेगी। नही मैं तो अपनी गाण्ड में लण्ड नही पिलवती। गौतम तुम मेरी गाण्ड के बजाय रमेश कि गाण्ड मार कर अपना बदला निकालो।” गौतम तब उषा से बोला, “नहीं मेरी चुद्दकड़ रानी, जिस तरह से रमेश ने मेरी बीवी कि गाण्ड में अपना लण्ड घुसेड़ कर मेरी बीवी की गाण्ड मार रहा है, मैं भी उसी तरह से रमेश कि बीवी की गाण्ड में अपना लण्ड घुसेड़ कर रमेश कि बीवी कि गाण्ड मारुंगा और तभी मेरा बदला पूरा होगा।” इतना कह कर गौतम ने अपना लण्ड उषा कि चूत से निकाल लिया और उसमे फिर से थोड़ा थूक लगा कर उषा कि गाण्ड से भिड़ा दिया। उषा अपनी कमर इधर उधर घुमाने लगी लेकिन गौतम ने अपने हाथों से उषा की कमर पकड़ कर अपना लण्ड का आधा सुपारा उषा कि गाण्ड कि छेद में डाल दिया। उषा दर्द के मारे छटपटाने लगी।

यह कहानी भी पड़े  कामुकता कहानी कमसिन मोनिका

Pages: 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19



error: Content is protected !!