मैं जनवरी 2012 को किसी काम से मेरी ससुराल गया हुआ था साम के 5 बजे के समय मैं मेरी BMW कार से जा रहा था जहा रोड में एक मीडियम साइज़ [ना तो ज्यादा मोटी और ना ही ज्यादा दुबली] की औरत को जाते हुए देखा उसकी चाल को देखकर ऐसा लगा जैसे मैं …
bete ke dost ki maa ki chudai यह सत्य कहानी अभी 6 अप्रैल 2014 की है जब मैं मेरे लड़के को JEE कि एक्जाम दिलाने पास के सहर में ले कर जाने वाला था | जब सुबह 7 बजे घर से निकला तो एक चौराहे पर मेरे लड़के का दोस्त भी अपनी माँ के साथ …
फ़रीदा अब 2-2 लंड से चुदवाती थी पर उसकी पहली पसंद राज शर्मा का लंड ही था. वो डर रही थी कि कही सुनील राज शर्मा को उनके बारे मे सब ना बता दे इसलिए वो सुनील से भी चुदवाति थी. वो दो दोस्त भी उसे अलग-अलग टाइम बुला कर चोदते थे जिससे फ़रीदा को …
गतान्क से आगे………बूढ़ो मे भी दम है –1 दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा बूढ़ो मे भी दम है का तीसरा पार्ट लेकर हाजिर हूँ अब आगे की कहानी कंदर अंकल ने मेरी बाहों के नीचे से हाथ ले जाकर मेरे बदन को ठीक मेरे बूब्स के नीचे से पकड़ा. जिससे मेरे बड़े बड़े …
अपूर्वा मेरी प्रिया पबित्रा की सब से करीब की सहेली थी. पबित्रा कनक-काया साँचे ढली अप्रतिम गदराई प्रतिमा थी तो अपूर्वा केसर घुली दूधिया गुलाबी बदन की परी थी. एक का दमकता तपा रूप खींचकर बदन को पिघला छोड़ता था तो दूसरी पूनम की वह दूधिया चांदनी थी जिसमे सर से पाँव तक अपने रूप …
गतान्क से आगे………….. मेरी चाची बड़ी निकम्मी–1 फूफा: “तो क्या..कह देते हल्दी लगा रहे थे” चाची: “हमे नही लगवानी आपसे हल्दी…हमारी तो जान ही निकल दी आपने” फूफा: “तुम्हारा इतने मे ही दम निकल गया…अगर थोड़ी देर और पकड़ के रखता तो?” चाची: “हम तो बेहोश ही हो जाते” फूफा: “अर्रे पकड़ने से भी कोई बेहोश …
मेरा नाम मुकेश अग्रवाल है, उमर 16 साल, अभी अभी 11थ क्लास में पढ़ता हूँ. मेरे घर में मेरी मा, उमा देवी, 39 साल और बेहन कमला, उमर 18 साल और हमारा नौकर गोपी 24 साल, रहते हैं. मेरे बाप बुद्धि राज ने मा को तलाक़ दे दिया है और वो हम से अलग रहता …
पिच्छले भाग में आप ने पढ़ा कैसे नाज़ और नामिता की चुदाई के साथ मेरी चुदाई की शुरू आत हुई. उस दिन मैने सच में सेक्स का मज़ा लिया और जाना कि इस्को स्वर्ग का सुख किओं कहते हैं. मेरे सामने चुदाई का रास्ता खुल चुका था और एक नहीं दो दो लड़कियो से मैं …
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी लेकर हाजिर हू एक बार अरुण नाम का एक बिहारी लड़का था उसकी उमर 16 बरस थी जब से 16 वर्ष का हुआ ….वो हर सुबह जब भी जागता था उसकी अंडरवेर गीली होती थी उसे समझ नही आता था कि उसकी अंडरवेर मे …
बहुत दिन हुए मैं एक ट्रेन से वापिस घर आ रहा था. रात भर और पूरे दिन चल कर ट्रेन दिल्ली पहुँचती कोई २० घंटे में और आगे होती हुई जम्मू तक जाती. मुझे उतरना था दिल्ली, और मेरी स्लीपर टिएर में बुकिंग हुई हुई थी. हमेशा मेरी नज़र आस पास के माल पे रहती …