सेक्स कहानी : बरसात की एक रात

मेरा नाम मुकेश अग्रवाल है, उमर 16 साल, अभी अभी 11थ क्लास में पढ़ता हूँ. मेरे घर में मेरी मा, उमा देवी, 39 साल और बेहन कमला, उमर 18 साल और हमारा नौकर गोपी 24 साल, रहते हैं. मेरे बाप बुद्धि राज ने मा को तलाक़ दे दिया है और वो हम से अलग रहता है. कहते है कि मा और पिता जी का तलाक़ इस कारण हुआ कि मा पिता जी से 16 साल छोटी थी और पिता जी मा को संतुष्ट नहीं कर पाते थे. मेरी मा उमा देवी 5 फीट 5 इंच कद, गदराया बदन, गोरा रंग, भारी भारी चुचि, मस्त चूतड़ हैं जो कि वो मटकती हुई चलती है. हमारा किरायेदार मिस्टर चोपड़ा भी मा पर लाइन मारता है लेकिन मा उसको घास नहीं डालती. मिस्टर चोपड़ा की उमर कोई 45 साल की हो गी लेकिन ना जाने क्यों मा उसको पसंद नहीं करती. मेरे दोस्त महेश की बेहन शालिनी मेरी बेहन की पक्की सहेली है जो हमारे घर अक्सर आती रहती है.

मैं क्यो कि जवानी की दलहीज़ पर कर चुका हूँ, मुझे चुदाई की नालेज अपने दोस्तों से मिल चुकी है. हम राज शर्मा स्टॉरीज पर सैक्सी कहानियाँ पढ़ चुके हैं. एक दिन मेरे दोस्त महेश ने मुझे एक नॉवेल दिया,” जवानी की नादानी” जिस में नॉवेल का हीरो अपनी सग़ी बेहन को चोद लेता है. दोनो भाई बेहन चुदाई की आग में जल रहे होते हैं और एक दूसरे से शारीरिक संबंध बना लेते हैं. नॉवेल पढ़ते हुए मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरा ध्यान अपन बेहन शालिनी की तरफ चला गया. शालिनी मा का दूसरा रूप है, बस उसकी चुचि और चूतड़ मा से कुच्छ छोटे हैं, लेकिन हैं मा की चुचि से भी अधिक टाइट. नॉवेल का हीरो कहानी में अपनी बेहन को चोद रहा था और मैं अपना लंड मुठियाते हुए शालिनी को नंगा कर के चोदने की कल्पना कर रहा था. उस दिन जब मेरा लंड छूटा तो इतना रस निकला जितना आज तक नहीं निकला था. मैने लंड सॉफ किया और किताब को छुपा कर अपनी अलमारी में रख दिया.

उस दिन मैं महेश के साथ बैठा दोपहर को शराब पी रहा था, तो महेश ने मुझे कहा,” मुकेश, ज़रा जल्दी कर लो आज मैं अपनी बड़ी दीदी के यहाँ जा कर उसको चोदने वाला हूँ और मुझे ठीक वक्त पर पहुँचना है, अगर तुम भी चूत का स्वाद चखना चाहते हो तो मेरे साथ चलो, मेरी दीदी की ननद भी चुदाई की शौकीन है, उसको तेरे हवाले कर दूंगा, तू तो जानता ही है कि मेरे जीज़्जा जी शुगर के मरीज़ हैं और दीदी को संतुष्ट नहीं कर पाते. जीजू के कहने पर ही दीदी की चुदाई करता हूँ.” मैने उमड़ते हुए बादल देख कर कहा,” मेरे दोस्त, ऐसा निमंत्रण मैं ठुकरा तो नहीं सकता लेकिन मैं तेरे साथ फिर कभी चलूं गा, आज मुझे मा की कमर दर्द की मेडिसिन ले कर जाना है, तू चल, लेट हो रहा है, मैं भी चलता हूँ, बारिश कभी भी शुरू हो सकती है,”

मेरे कहते ही बारिश शुरू हो गयी. महेश ने स्कूटर स्टार्ट किया और चल दिया और मैं पैदल घर चल पड़ा. बारिश इतनी तेज़ हो गयी कि मैं बिल्कुल भीग गया. मैने मेडिसिन ली, एक क्वॉर्टर लिया जो कि मैं घर जा कर पीना चाहता था और घर चल पड़ा. बारिश ज़ोरों पर गिर रही थी. आसमान में घने काले बादल छा चुके थे. घर में चारों तरफ अंधेरा हो चुका था. मैं मा के कमरे की तरफ बढ़ा. मैं मा को मॅडिसिन देकर, अपनी सेक्सी किताब पढ़ कर शराब पी कर मूठ मारना चाहता था. लेकिन ज्यों ही मा के रूम के पास पहुँचा तो मा के कराहने की आवाज़ें आ रही थी,” उईईए, मैं मरी, मेरी मा, बहुत दर्द हो रहा है,”

मैने सोचा कि मा की कमर मे दर्द हो रहा है और मैं मेडिसिन लाने में लेट हो चुका था. लेकिन जब मैने मा के कमरे में झाँका तो मामला कुच्छ और ही था. मेरी मा उमा देवी मादर जात नंगी फर्श पर घुटनो और हाथों के बल झुकी हुई थी, गोपी पूरा नंगा मा के चुतडो के पीछे खड़ा हो कर उसकी चूत में अपना लंड पेल रहा था. गोपी का लंड कुच्छ इतना बड़ा था कि मा उसको अपनी चूत में लेने में असमर्थ थी. गोपी मा को कुतिया की तरह चोदने में लगा हुआ था, उसकी आँखें बंद थी, वर्ना वो मुझे ज़रूर देख लेता. मेरी मा कामुकता की देवी लग रही थी, उसकी बड़ी बड़ी चुचि नीचे को लटक रही थी और उसके चूतड़ उपर की तरफ उठे हुए थे. उसका गोरा जिस्म बल्ब की रोशनी में चमक रहा था. गोपी ने लंड एक बार बाहर निकाला, उस पर ढेर सारा थूक लगाया और फिर से पेल दिया मा की चूत में.

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चिकनाई की वजह से इस बार लंड मा की चूत में चला गया,” उमा, मेरी रानी, अब तो ठीक है मेरी जान, आज कितने दिनो के बाद मौका मिला है तुझे चोदने का, मा कसम तुम बहुत टाइट हो. ऑश्फह उमा, मेरी रानी तेरी चूत दिन ब दिन टाइट होती जा रही है, तू और भी जवान हो रही है, मुझ से ऐसे ही चुदवाना, मेरी उमा, तुझे चोद चोद कर मेरा लंड गधे के लंड समान हो गया है, अहह बहुत मज़ा आ रहा है रानी.” मा भी कामुकता की आग में जल रही थी और उसने अपनी गांद को गोपी के लंड पर मारना शुरू कर दिया,” गोपी मेरे राजा, चोद ले अपनी रानी को, अपनी उमा को, मैं भी तेरे इस मस्ताने लंड की प्यासी हूँ, मादरचोद अगर तुम ना होते तो मैं तो लंड बिना तड़प कर ही मर जाती, मेरा पति तो कुच्छ करने के काबिल ही नहीं रहा, साला नमार्द. मेरा गोपी तेरे लंड पे वारी जाऊ, साले चोद मुझे कुत्ते”

गोपी दना दन मा की गांद पर अपने लंड का प्रहार पीछे से करने लगा. मेरे हाथों में मेडिसिन पकड़ी हुई थी लेकिन मेरा ध्यान अंदर अपनी मा की चुदाई में इतना खो चुका था कि मुझे और कुच्छ याद नहीं रहा. गोपी मा पर हमला कर रहा था और कह रहा था,” उमा, आज तुझे चोदते हुए 8 साल हो चुके हैं, लेकिन तू तो हर दिन और भी निखर रही है मेरे लंड से चुदवा कर, साली अब किसी और जवान चूत का भी बन्दो बस्त करा अपने साड गोपी के लिए, अब तो तेरी बेटी कमला भी तैयार हो चुकी है, कब चुदवायेगि उसको मेरे लंड से, मेरी उमा, साली सारी उमर तुम मा बेटी की खिदमत करूँ गा, आगगगगगगग उफफफफ्फ़, बहनचोद तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है, साली उमा मैं झाड़ रहा हूँ, मेरा रस तेरी चूत में गिरने को है, ओह मादरचोद मैं झाड़ा,”

उमा ने जल्दी से अपनी गांद गोपी के लंड से दूर खींच ली. मा की चूत का रस भी ज़मीन पर गिर रहा था. उसने गोपी का हाथ अपनी चूत पर रखा और वो बिना बोले मा की चूत को रगड़ने लगा और मा गोपी के लंड को चूसने लगी. मैं समझ गया कि मा गरभ धारण नहीं करना चाहती थी. इसी लिए उसने गोपी का लंड छूटने से पहले बाहर निकाल दिया था. मैं चुपके से अपने रूम में गया और पेग बना कर पीने लगा. थोड़ी देर में गोपी सर्वेंट क्वॉर्टर्स में चला गया और मा बाहर अपनी सहेली के घर चली गयी.

मूठ मारने से पहले मैं देखना चाहता था कि घर में कोई है तो नहीं. मैं जब अलमारी से मस्त राम की किताब निकालने लगा तो हैरान रह गया कि किताब वहाँ नहीं थी. मैं डर गया. किताब किसी के हाथ तो नहीं लगी.मैं सभी रूम्स की तलाशी लेने लगा. कमला के रूम के पास जा कर मेरे कदम ठिठक गये. अंदर से आवाज़ें आ रही थी,” चूस कमला साली मेरी चूत चूस, मेरी चुचि भींच, बहनचोद मेरी चूत शांत नहीं हो रही, मुझे शांत कर दे मेरी रानी,” आवाज़ यक़ीनन शालिनी की थी. मैने अंदर झाँका तो देखा कि कमला और शालिनी नंगी बिस्तर पर लेटी हुई थी और कमला अपनी सहेली की चूत में ज़ुबान डाल कर चाट रही थी. शालिनी की जंघें मेरी बेहन के चेहरे पर कसी हुई थी और शालिनी कमला के सिर में हाथ फेर रही थी. मेरा लंड कुतुब मीनार की तरह खड़ा हो गया और मेरे देखते ही देखते दोनो 69 पोज़िशन में चली गयी. मैने सोचा कि कहीं दोनो साली लेज़्बियन्स तो नहीं हैं. मेरी मस्त राम वाली किताब बिस्तर पर खुली पड़ी थी. इन लड़कियों का क्या करना है?

मैं फिर अपने कमरे में आया तो मेरा सेल फोन बज उठा. फोन महेश का था”मुकेश, यार यहाँ तो सारा प्रोग्राम चोपट हो गया, मेहमान आए हुए हैं. मैं लंड खड़ा कर के गया था दीदी को चोदने लेकिन लंड हाथ में ले कर वापिस आ गया हूँ, अगर फ्री हो तो आ जाओ, शराब पीते हैं दोनो दोस्त,” मैने अपनी आवाज़ दबाते हुए जवाब दिया,” साले अगर चुदाई ही करनी है तो मेरे घर चले आओ. तेरी बड़ी दीदी की चूत नहीं मिली तो ना सही, आज तुझे सील बंद चूत दिलवा देता हूँ, जल्दी से एक बॉटल दारू लेते आना, साले अपनी कुँवारी बेहन चुदवाने वाला हूँ तुझ से, हां बेहन्चोद, कमला को चोदे गा क्या. मेरी बेहन?”

मैने महेश को ये नहीं बताया कि मैं भी उसकी बेहन को चोदने वाला हूँ. मैने कमला के रूम का डोर खोल दिया. मेरी बेहन और शालिनी एक गहरे लेज़्बीयन बंधन में क़ैद थी. शालिनी की नज़र मुझ पर पड़ी तो कमला की चूत से अपना मूह खींचते हुए बोली,” मुकेश भैया आप? हम तो बस यूँ ही बस……” कमला ने मुझे देखा तो पैरों पर गिर पड़ी,’ भैया, मा को मत बताना, हम आप की किताब पढ़ कर बहक गयी थी, प्लीज़ माफ़ कर दो भैया,” और अपने नंगे जिस्म को ढकने लगी. मैने हाथ बढ़ा कर अपनी बेहन की मस्त चुचि को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से शालिनी की जाँघ को सहला दिया,” सुनो मेरी बहना मेरी बात ध्यान से सुनो, तुम दोनो क्या कर रही हो मुझे इस से कोई एतराज़ नहीं है. तुम दोनो ही जवान हो, तुम्हारे बदन जवानी की आग में जल रहे हैं और तुम्हारी चूत को सिर्फ़ जवान लंड ही ठंडी कर सकते हैं. तुम को लंड चाहिए और मुझे चूत. शोर मत मचाओ मेरी बहनो, तुम दोनो की चूत के लिए मोटे तगड़े लंड मिल जाएँगे अगर तुम वो ही करो जो मैं कहता हूँ. बोलो मंज़ूर है?”

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दोनो लड़कियाँ मुझे मुँह फाड़ कर देखने लगी. मैने अपनी पैंट उतार दी और शालिनी को अपने कमरे में जाने को कहा. वो बिना बोले नंगी ही मेरे रूम में चली गयी. मैने कमला को सारा प्लान बता दिया. तभी महेश पहुँच गया. मैने दो ग्लास में शराब भर कर उसको दे दिया और कमरे में भेज दिया जहाँ मेरी बेहन चुदाई के लिए तड़प रही थी. महेश एक दम दंग रह गया,” साले अपनी सग़ी बेहन पेश कर रहा हूँ तुझे, चोद ले इसको जिस तरह तू चाहे और मैं चल के अपना माल चोद्ता हूँ, तुझे कोई एतराज़ तो नहीं?” मैने कमला की गांद पर हाथ मारते हुए कहा. महेश जल्दी से कपड़े उतारने लगा.

शालिनी बेसब्री से मेरा इंतज़ार कर रही थी. मैने एक ग्लास उसको पिला दिया और शराब की बूँदें उसकी चुचि पर डाल कर चाटने लगा. शालिनी तड़प उठी,” भैया, ये क्या कर रहे हो, मेरी चूत में आग लगी हुई है, मेरा बदन जल रहा है, मेरे जलते बदन को शांत कर दो मुकेश भैया, मेरी चूत में अपना लंड पेल दो भैया, तुम तो मेरी आग और भड़का रहे हो मेरे भाई, चोद लो अपनी बेहन को हाईईईई मेरे भाई, यह कैसी जलन है मेरी चूत में जो मुझे सोने भी नहीं देती, आज मुझे अपना लो भैया, मेरी चूत पर अपने लंड की मोहर लगा दो मेरे भाई, एक बेहन अपने भाई से लंड की भीख मांगती है, भैया चोदो मुझे,”

मेरा हाथ शालिनी की चूत को रगड़ रहा था जिस से रस की धारा बहने लगी. साली लौंडिया पूरी तरह से गरमा चुकी थी. देर करना मुनासिब नहीं था लेकिन मैं अपनी बेहन की चूत को चाट कर उसकी चूत रस को चखना चाहता था. मैने उसकी टाँगें खोल कर अपना मूह उसकी चूत में धकेल दिया और अपना लंड उसके मूह में डाल दिया. नमकीन अमृत की धारा मेरे मुँह में गिरी और शालिनी मेरे लोड्‍े को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी. मैने उसकी गांद को पकड़ कर खींच लिया और मेरी ज़ुबान उसकी चूत की गहराई में चली गयी. हम दोनो हाँफ रहे थे.

तब मैने उसको सीधा लिटा दिया, जांघों को फैला कर अपना लंड चूत पर रख दिया. शालिनी की चूत भट्टी की तरह गरम थी. मैने धक्का मारा और मेरा लंड दन दनाता हुआ उसकी कुँवारी चूत में चला गया,” आआआआआ, भैया, धीरे से पेलो, दर्द होता है, आराम से चोदो अपनी कुँवारी बेहन को, अहह भैया, अब ठीक है, पेल दो पूरा लंड अब मेरी चूत में, हां भैया चोद डालो मुझे, आज मेरी सील तोड़ डाली है तुम ने मेरे भाई, चोद लो मुझे,”

मैं धीरे से चुदाई कर रहा था और मेरा पूरा लंड शालिनी की चूत खा चुकी थी. मैने धक्के मारने शुरू कर दिए और चुचि को मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. चुदाई पूरे ज़ोरों से चलने लगी,” ओह शालिनी, मेरी बेहन आज मैं पहली चूत चोद रहा हूँ और वो भी अपनी बेहन की, मेरी बहना बहुत टाइट है तेरी चूत, तेरा भैया आज तुझे वो आनंद दे गा जो तुम ने कभी ना देखा हो गा, मेरा लंड धन्य हो गया तेरी चूत में जा कर, मेरी बहना, दूसरे कमरे में महेश कमला की चुदाई कर रहा है, ओःःःःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भगवान आज दो दोस्त एक दूसरे से अपनी बहनो को चुदवा रहे है, अहह शालिनी मेरा रस निकल रहा है, मैं झाड़ रहा हूँ तेरी प्यारी चूत के अंदर मेरी बेहन,”

उधर शालिनी की भी पहली बारी होने से वो भी जल्दी ही झड़ने लगी. मेरे लंड का फॉवरा शालिनी की चूत में जा गिरा और हम दोनो झाड़ गये. दूसरे रूम से महेश और कमला की चुदाई की आवाज़ सुन रही थी. जब वो भी फ्री हो गये तो हम उनको मिलने चले गये . दोस्तो इसी तरह हमारी काम लीला आगे भी चलती रही

समाप्त



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