नटखट बिजली और भोला अरुण

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी लेकर हाजिर हू
एक बार अरुण नाम का एक बिहारी लड़का था उसकी उमर 16 बरस थी जब से 16 वर्ष का हुआ ….वो हर सुबह जब भी जागता था उसकी अंडरवेर गीली होती थी उसे समझ नही आता था कि उसकी अंडरवेर मे बारिश कहाँ से होती है ऑर वो भी इतनी चिकनी वो अक्सर सोचता कि “यह बात मे किससे पुच्छू? एक दिन उसे विचार आया कि उसकी बड़ी बहन बिजली जो उसकी बहुत करीब है क्यूँ ना वो उससे पुछले.?”

मा ऑर बापू से पूछने मे उसे शरम आती थी क्यूंकी यह बात उसके लंड से जुड़ी थी वो यह सोचकर सो गया कि अगर कल सुबह उसे चिकनी वर्षा के सुराग मिलेंगे तो वो जल्दी अपनी बड़ी बहन बिजली को यह बात बताएगा अगली सुबह फिर वोही ससूरी चिकनी बारिश ने उसके अंडरवेर को गीला किया उसका 8 इंच काला लंबा लंड उस मे नहा चुका था उसने सोचा कि वो तुरंत अपनी बहन बिजली के कमरे मे जाए ऑर उसे अपना हाल बताए ऑर फट से वो अपनी उसी हालत मे बिजली के उपर वाले कमरे घुस गया पर बिजली सो रही थी उसका गदराया जवान बदन मोहक अंदाज़ मे बिस्तर पर लेटा हुआ था.

उसकी घाघरी घुटनो के उपर चली गयी थी ऑर उसके गोरे गोरे पैर पर सूरज की धूप गिर रही थी अरुण ने कहा… “बिजली उठ…बिजली उठ बिजली सेक्सी अंदाज़ मे बोली…. “सोने दे ना बचुआ….” रात भर जागी हूँ अरुण फिर से बोला..”अरे बिजली उठ उठ भुतनि की ऑर ज़ोर से उसने बिजली की गांद पे थप्पड़ मारा बिजली को अपनी गोल गोल कोमल गांद पर जलन महसूस हुई…. अरुण ने बेहद ज़ोर से उसे गांद पर मारा था बिजली काँप कर उठी ओर गुस्से मे अरुण का मूह नोचने लगी….ऑर उसे मारने लगी अरुण ने कहा “अरे डायन मुझे तुझसे काम है.

एक गंभीर समस्या है बिजली शांत हुई छोटे भाई को चिंता मे देख … वो खुद टेन्षन मे होगई बिजली ने पूछा “अरे बोल बचुआ… का हुआ तोका? अरुण शरमा गया अरुण बोला “अब का बताए तुमका दीदी” बिजली बोली “अरे बोलना हमार प्यारा बचुआ… का बात है…”अरुण ने कहा “पहले हम दरवाज़ा तनिक बंद करले”बिजली बोली “अच्छा बाबा कर लो….”दरवाज़ा अरुण ने बंद किया.. ऑर बिजली के पास आकर बैठ गया बिजली बोली “अब बोल बचुआ का बात है… अपनी बहन से छुपाएगा” अरुण ने बोला … “मुझे बोलना नही कुछ बताना है तोका”

बिजली नेर्वस हो गई…ऑर पूछी “का बताने तोका.?”अरुण ने कहा “पहले बोलो कि हसोगि नही….”बिजली गुस्साई गई ऑर वो बोली “अरे बोल वरना देती हुन्न कान के नीचे बता का बात है? “जो दिखाना है दिखा” अरुण झट से उसके बिस्तर पर खड़ा हो गया…अरुण ने अपनी धोती उतारना शुरू किया…ये देख बिजली को तो करेंट महसूस होने लगा…वो सोच मे पड़ गयी… कि “इह ससुरा सुबह सुबह हमे का दिखाना चाहता है.?” अरुण ने फॅट से धोती निकाल दी…ऑर अपने चौड़े काले अंडरवेर मे खड़ा हुई गया…बिजली ने पूछा “इह का कर रहा है तू… नंगा काहे हो रहा है?”

अरुण ने कहा कि बहेनिया .. “वोही तो बात है बिजली बोली “का बात है…. बताना” ऑर अरुण ने फॅट से अपनी अंडरवेर उतार दी….हाए भवानी…. का लंड था…इतना लंबा लंड..अपने छोटे भाई अरुण का 8 इंच लंबा भयानक लंड देख बिजली तो दंग रह गई उसका छोटा भाई अब छोटा नही रहा बहुत बड़ा हुई गवा है बिजली असमंजस मे पड़ गई… “चाटना तो चाहती हूँ… पर का इह ससुरा यही चाटने देगा क्या.?बिजली पूछी “अरे बता अब का बात है उसने कहा कि “बहेनिया तनिक नज़दीक आके देखो…उहह हे भवानी … इह का… हम नज़दीक से देखे.

बिजली खुशी खुशी मन मे मुस्काने लगी….वो आगे बढ़ी… तो का देखती है….. “वीर्य तो पहले ही बह चुका है”…..धुत ससुरा! सब कुछ चिकना देख .. जानकर बिजली समझ गयी…उसके भाई को स्वप्न दोष हुआ है बिजली का पहला बाय्फ्र्न्ड लखनवा जिसने उसका कुँवारापन तोड़ा था उसको भी ये सब होता था… बिजली को ठोकने के पहले बिजली बोली…. “तो का हुआ मेरे भोले भैया?”अरुण बोला… “अरे बहेनिया इह देखो नज़ाने रात को हमे इह का हो जाता है हर सुबह हमे इह चिकना चिकना पानी सॉफ करना पड़ता है..”

नटखट बिजली अपने भाई की भोली सूरत देख कर हस पड़ी और बोली “तोह्का मे सॉफ कर दूँ….. तोका सॉफ करना ना हो तो”अरुण बोला “आप काहे सॉफ करोगी….?”सफाई प्रोबलम नही बहेनिया इह ससुरा चिकना पानी आता कैसे है बिजली हसी ऑर ज़ोर ज़ोर से हसी….ऑर बोली….” हमरे पियारे नटखत भैया तुम बड़े तो हो गये हो… पर बड़े नही हुए….””बिजली की बात अरुण को समझ ना आई….वो बोला “का कह रही हो बहेनिया.?”हमसे मज़ाक ना करो…”

ज़रा हमारे लंड की हालत देखो…”“ चिकने रस मे फसा पड़ा है.“ ऑर आप हस रही हो….” डायन हो तुम डायन” बिजली बोली….” कोई बात नही मोरे भैया …. आज रात तुम हमरे संग हमरे कमरे मे सोना…. हम गारंटी देती हुन्न्ं… तुम्हार इह प्रोबलम का सारा सल्यूशन चूस चूस के निकाल देंगे हम भोला अरुण बोला “सच बहेनिया तुम हमरा प्रोबलम सॉल्व करोगी का बिजली बोली… “हाँ…….तू भरोसा रख हम पर”अरुण बोला “तो अभी करो ना… सॉल्व हमार प्रोबलम” बिजली बोली “ अभी घर मे मा बाबा जाग रहे है…. इह प्रोबलम सॉल्व करते हुए… तुम ज़ोर ज़ोर से आहें भरोगे…. ऑर वो सुन जाएँगे….

तो दूसरी बहुत प्रोबलम हो जाएगी…”अरुण घबरा गया…वो नही जानता था कि ये प्राब्लम कैसे सॉल्व होगा ओर बोला बहेनिया “इह मे हामका दर्द तो नही होगा नाअ?” बिजली नटखट अंदाज़ मे बोली….” तुम्हे पता भी नही चलेगा ऑर सब कुछ फट फट निकल आवेगा….. तुंरा प्रोबलम” अरुण बोला “ठीक है….आज रात हम तुमरे संग सोएंगे….”बिजली अच्छी बहन थी पर एक नंबर की हवस्खोर थी लंड चूसना उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी थी.

उसका भोस हमेशा गीला रहता था… उसे चुदवाना ऑर लंड चूसना बहुत पसंद था….अपने इस एक इंचीहॉल मे उसने 8 लड़को के लंड चूसे थे…. 4 से ठुकवाया था… अपने भाई के साथ ये सब करना… तो पर्मनींटमजा आएगा… “क्यूंकी स्कूल तो गर्मियो मे बंद होता है बिजली बोली… “हम तुमरि मदद करेंगे हमरे भैया…. पर आजसे कह देना माइ को… हम बिजली दीदी के साथ ही सोएंगे अरुण बोला “ हान्न्न”

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रात हुई… अरुण फट से अपनी बहेनिया के रूम मे घुस आया…कमरे मे चाँदनी रात की हल्की रोशनी आ रही थी …..उस वखत बिजली कुछ कर रही थी…. अपने पैरो के बीच मे….उसका हाथ अपने घाघरे के अंदर था….अरुण ने कहा “का कर रही हो दीदी? बिजली चौंक कर बोली….” का तू साप की तरह अंदर आ गया ससुरे… तनिक आवाज़ तो दे बिजली ने अपनी घाघरि नीची की ऑर बोली… “दरवाज़ा बंद करके….आजा मेरे पास…”अरुण ने जैसा अपनी बहन ने कहा वैसे किया भोला अरुण नही जानता था कि उसकी बहन उसका योन शोषण करने वाली है….

वो तो अपनी बहन को देवी समझ रहा था…. देवी….. जो उसकी मुश्किले हॉल करेंगी…बिजली बोली “अब आजा जल्दी बिस्तेर पर….ऑर खोल अपनी धोती… ऑर निकाल दे अपना वीआइपी…..तेरा इलाज़ शुरू करना होगा…..अरुण घबराते हुए अपनी धोती ओर अंडरवेर निकाल कर लेट गया कमरे मे अंधेरा बहुत था…कुछ नज़र नही आ रहा था भगवान जाने बिजली का करने वाली है…?” ये सोच कर अरुण घबराने लगा “का होने वाला था उसके साथ….” अचानक बिजली का कोमल हाथ अरुण को अपने लंड पे मेसूस हुआ….

अरुण बोला “बिजली दीदी का कर रही हो हमे डर लग रहा है…..”बिजली गुस्से से बोली “चुप ससुरे थोड़ा मर्द बन …. आज तुझे मर्द बना के छोड़ूँगी….”ये सुनके अरुण नेरवसा गया…नज़ाने कितना दर्द होगा इह ऑपरेशन वा मे…अरुण घबरा गया उसका लंड ढीला हो गया….. ऑर खड़ा होने का नाम ना लिया ऐसी हालत मे एक्सपीरियेन्स्ड बिजली ने फिर अपना कमाल दिखाने की सोची अब तक 56 बार बिजली अलग अलग प्रकार के लंड चूस चुकी थी…. उसकी लिस्ट मे गाओं के 8 लड़के शामिल थे

तो अब तो वो बड़ी एक्सपीरियेन्स हो गई थी… मान लो.. एक नंबर की हवस्खोर थी बिजली…बिल्कुल हवस खोर…उसकी भोली प्यारी शकल के पीछे एक बहुत नटखट शरारती बिजली छुपी थी….. जिसे अपना घाघरा उँचा करना बहुत पसंद था बिजली की हवस जाग उठी…उसने अपने भाई का लंड बड़ी जोरो से पकड़ा…अरुण चिल्लाया “बिजली.”ऑर तभी बिजली अरुण के लंड के पास झुक गई….ऑर फिर अरुण ने अपने लंड को एक गरम जगह पे जाते महसूस किया सब कुछ बहुत अछा ऑर गरम ऑर गीला था ह्म्म मा कसम मज़ा आ रहा था” अरुण के लंड को ससूरी बिजली चाट रही थी.

अरुण को इतना मज़ा पहले कभी नही आया…..”अहाआ हाा…” अरुण आवाज़े निकालने लगा अरुण सोच रहा था “इह ऑपरेशनवा मे तो मज़ा ही मज़ा है!”पर पता नही आगे का होगा…..”बिजली ज़ोर ज़ोर से अपने भाई अरुण का लंड चूसने लगी… ऑर हवस की देवी बन गयी ओर अपना जादू भोले अरुण के लंड पे दिखाने लगी इस सब से अरुण का लंड बहुत कड़क हुई गवा अरुण का लंड अपने पूरे भीमकाय आकार मे आगया इससे बिजली ऑर भी पागला गई गाओं के सभी छोरो मे उसका भाई का सब से बड़ा था ये सोच कर हवस की मारी बिजली बावली हो गई ओर अपनी पूरी गरम जवानी से अरुण का लंड चूसने लगी.

चुसते चूस्ते गले तक उके भाई का लंड यह रांडी चूस लेती थी…“ चूस… चूस.. चूवस” अरुण आहें भरने लगा इतना अछा आजतक महसूस ना हुआ था उसको बिजली हवस मे बावली हो गई थी उसने अरुण के लंड को बड़ी बेदर्दी से चूसना शुरू किया उपर से नीचे तक नीचे से उपर तक अपने गरम गीले मूह मे अरुण का लंड लेने लगी लंड को चारों ओर से चाट ती रहती उसकी हवस भरी ज़ुबान ओर फिर गदराई सी बिजली अरुण के लंड का मूह चाटने लगी.

आ……..” अरुण जान्नत मे पहुँच गया था उकी बहेनिया कुछ जबरजस्‍ट ऑपरेशन वा कर रही थी….अरुण को बदर्श्त नही हो सकता था अब…. हवस्खोर बिजली अपना जलवा दिखाने लगी पूरे जोरों से… ऑर ऐसा चूसी जैसे कल ना हो….अरुण ऑर सहन नही कर सका ऑर…ऑर…ऑर…..अचानक धाय से उसके प्रेम की पिचकारियाँ बहने लगी…. ऑर अरुण को चिकनी वर्षा का ज्ञान हुआ… कि यह वर्षा कैसे होती है…. यह वर्षा क्या होती है….. ओह यह वर्षा कितने मज़े देती है…… “अहह” हवस्खोर बिजली… एक बूँद गवाने वाली नही थी…

वीर्य का स्वाद उसे बहुत पसंद था वो ऑर जोरो से चूसने लगी… अपने हाथ से उसका लंड मसल्ति रही….अरुण चिल्लाते रहा मज़े से आहे भरने लगा…… “अहह…बिजली…………मज़ा आ रहााआअ हाईईईईई अहह” इतना मज़्ज़ा…. मज़ा ही मज़ा……. आ रहा था इतना मज़ा कभी नही आया बिजली……” अरुण बोला बिजली ऑर चूसो” ऑर चूसो” बस इह कहना बाकी था बिजली को…अपने भाई को चिल्लाते सुन…ओर वो भी चूसने के लिए बोलते सुन

बिजली हवस मे बावली हो गई ऐसा चूसी उसके लंड को कि अरुण के प्यार की पिचकारियाँ ज़ोर ज़ोर से उसके मूह मे छूटने लगी, अरुण चिल्लाते रहा … ओर वो हवस्खोर चूस्ति रही… एको बूँद नीचे टपकने ना दी ओर फिर रात के अंधेरे मे इस बहन ने अपने भोले भाई का योन शोषण कर डाला ऑर उसको एक ऐसे गलियारे मे लेगई… जहाँ वो भेन्चोद बनने वाला था इस हवस की हवस्खोर की प्यास बुझी नही थी अरुण के लंड को पिचकारिया छोड़ने के बाद भी वो उसे छोड़ नही रही थी.

बल्कि उससे ऑर चूसे जा रही थी….इनएक्सपीरियन्स्ड अरुण अपनी हवस्खोर बहन के क़यामति मुख मैथुन को बर्दाश्त नही कर सकता था… इसलिए जल्द ही… पिचकारिया छोड़ दी…अरुण को अपने लंड मे दर्द होने लगा…पर फिर भी हवस मे बावली उसकी बहन बिजली चूस्ति रही…चूस्ते चूस्ते अरुण का लंड फिरसे खड़ा हुई गया आफ्टर ऑल हमारा अरुण भी बिहारी जात था वो तय्यार था अपनी हवस की बावली बहन बिजली के लिए नेक्स्ट राउंड ईज़ आन बेबी! अरुण के लंड को लंबा होता देख हवस की बावली बिजली खुस हो गई और वो सोची इतने लंबे लंड को अंदर लेना ही होगा

अपनी घाघरि के बीच मे उसने कहा…”अरुण एक सेशनवा ऑपरेशन का ख़तम हुआ…अभी दूसरा सेशनवा है हवस्खोर बिजली अपनी गंदी प्लॅनिंग मे माहिर थी उसने अपने भोले भाई से कहा चल अब उठ के मुझ पे लेट जा…मारे उपर” अरुण ने बड़ी बहन की आग्या का पालन किया ऑर वो अपने नंगे बदन को अपनी बहन के उपर लेटा दिया वो भोलेपन मे पूछा अरे बिजली अब का करना होगा….”बिजली ने अपनी घाघरि उँची की…

उँची करते करते अपने पेट तक ले आई….ऑर नीचे से पूरी नंगी हो गई…इह देख अरुण घबरा गया अरे इह का बिजली……. तू नंगी काहे हो रही है अरुण बोला बिजली बोली “ज़रूरी है…”बार बार मूह मे मैं चिकनी वर्षा नही झेल सकती…. अभी कही ऑर इह चिकना पानी निकालना होगा…हमरे पैरो के बीच मे जो कोना है वहाँ पर अरुण को अपनी मददगार बहन पर दया आ गयी…ऑर वो बोला “हाँ बहेनिया…. इस चिकनी वर्षा से हम भी दुखी है…. आप बोलो अब हम इह चिकनी वर्षा कहाँ करे.?”

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बिजली का गंदा हवस भरा प्लान कामयाब हुआ भोला अरुण अब अपनी हवस की बावली बिजली बहेनिया को ठोकने के लिए तय्यार था बिजली ने अरुण का पृथ्वी मिज़ाइल जितना लंबा लंड अपने हाथो मे लिया ऑर अपने फट भोसे की तरफ बढ़ाने लगी. प्रेग्नेन्सी की चिंता किस कमिनि को थी… वो सोचने लगी…. आज तो बस ठुकवाना है हामका ऑर अरुण का भीमकाय लंड अपनी बहन के फटे भोसडे के बाहर खड़ा था अपना पहला हमला बोलने के लिए तय्यार था सिपाही ऑर फिर बिजली बोली “झटका दे मेरी तरफ…. जोरों से अरुण ने झटका दिया… पर धीरे से.

उसका लंड का मूह अंदर घुस गया…पर इस हवस की बावली बिजली के लिए ये कुछ नही था वो गुस्से मे बोली…” अरे हरम्खोर जोरों से..इतना ख़ाता है…… दम लगा” अरुण बोला “बिजली तोहरा कोना कितना छोटा है…. तोह्का दर्द होगा” बिजली बोली” ससुरे दर्द मुझे होगा ना तू झटका दे….”झटका दे” जल्दी दे….” हवस की बावली बिजली बस चुदवाना चाहती थी…. चोदो मुझे चोदो मुझे…. एक बार नही बार बार चोदो… ये हवस्खोर की अंतर आत्मा चिल्ला रही थी..

अरुण ने जोरों से झटका दिया…इस बार का झटका बड़ी जोरो से लगा हवस की बावली बिजली को इतना लंबा लंड पहले कभी नसीब नही हुआ था ये तो बस कमाल था…… कमाल फटे भोस को मिज़ाइल की तरह चीरता हुआ… अरुण का भीमकाय लंड अंदर घुसता गया… हवास्खोर बिजली अपने भाई के बड़े लंड को अपने भीतर महसूस कर… पागला गई…. इतना बड़ा लंड…. बहुत बड़ा…. जय भवानी…. बहुत बड़ा है… 50 बार चुदवा चुकी बिजली भी चिल्लाई…. “हााअ हाा हााअ…” अरुण का भीमकाय लंड अपना कमाल दिखा रहा था

यह बिहारी जात अपने पहले चोद काम का आनन्द लेने लगा ऑर अपने बहन को ठोकने लगा…. झटका… झटका … झटके पे झटका लगाते रहा… ताड़ ताड़ अपनी बहन की गांद मारते रहा मारने मे उसे मज़ा आने लगा उका लंड धाय धाय से बिजली के भोस को चीरता रहा….. बिजली बावली हो गई ओर आहें भरने लगी… अहग्ग….. आआआ…….. आआअहहाअ…. ससुरे तू बहुत बड़ा है……बहुत अछा है” मारते मारते अरुण अपनी बहेनिया के भोस को गीला होता महसूस करने लगा…यह हवास्खोर अभी चरमसिमा पानेवाली… है..

बिजली ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी…इतना बड़ा लंड उसके फटे भोस के लिए भी काफ़ी भयानक था अरुण अपने झटके तेज़ करता गया… ऑर बिजली ऑर चिल्लाति गई….अरुण को भी अब अपने लंड पे मज़ा आने लगा….ऑर वो अपने झटके तेज करने लगा…. बिजली ने अपना सीना पहली बार उसके भाई के सामने खोल दिया ऑर उसके गजरारे बड़े बड़े गोल गोल स्तन बाहर आ गये… बिजली के स्तन पूरे गाओं को झटके देते थे….. ऑर आज वो अरुण के सामने खुल गये….. गाओं के सबसे अच्छे बड़े ऑर गोल गोल स्तन अपनी आँखों के सामने देख अरुण पागला गया…. अगर अरुण के पास लंड था तो बिजली के पास बोल्ट था….

दोनो भाई बहन एक दम ज़ालिम सेक्सी थे…. झटको के कारण बिजली के स्तन बड़े जोरों से झूम रहे थे… डोल रहे थे ये देख अरुण को हवस चढ़ गयी…. भोला अरुण बस अपनी हवस्खोर बहन को चोदने लगा… फ़स्तूम फास्ट…. ऑर झुक कर उसके गजरारे स्तन चूसने लगा….. ऑर पूरा मर्द बनने लगा बिजली चिल्लाई… ज़ोर से चिल्लाई…. अपने स्तनो को चुटकियाँ भी भरने लगी…….. “चोद मुझे अरुण …चोद मुझे…. फाड़ डाल मेरा भोस…हाआँ चोद अरुण….. बस चोदो…अहहा अहग”ओर चिल्लाति रही….

मा कसम बहुत मज़ा आ रहा था….दोनो ही अपनी चरम सीमा पर थे….ऑर कुछ क्षणों मे पाप की नदी एक भाई से उसकी हवस्खोर बहन के भोस मे जाने वाली थी दोनो चिल्लाए… मज़े मे चिल्लाए… जब चरम सीमा महसूस होने लगी….एक दूजे को अपनी बाहों मे जकड़के वो दोनो..पकड़ते व्हुए दोनो…ठोकते रहे… जोरों से ठोकने लगे…. ढाय ढाए ठोकने लगे तभी ढाए ढाए से अरुण की पिचकारियाँ अपनी बहन बिजली के फटे भोस मे जाने लगी….ऑर हवस की बावली बिजली…अरुण के ठोकने का परम आनंद लेते हुए..

अपने प्रेम के रस की पिचकारियाँ छोड़ने लगी….दोनो सब कुछ गीला करने लगे….ऑर बस एक दूजे को बाहों मे जाकड़ के ठोकते रहे….. ढाए ढाए से ठोकते रहे…अरुण लंबे लंबे झटके लगाने लगा….. हहाा भवानी…मा कसम इतना मज़ा पहले कभी नही आया…सब कुछ गीला था अब…प्रेम रस चारों ओर था
सब कुछ गीला बिजली सेक्सी आवाज़ों से चिल्ला रही थी…”हााआ अहहाअ ह्म्‍म्म्मममम”
अपने भाई के कयामती लंड के मज़े लेती गई…. ऑर ठुकवाटे गई एमेम आआआआआआ…चोद्द्द्दूओन मुझे अरुण ह्म्म्म”

वातावरण मे बस आनंद ही आनंद था…बहुत सारा आनद…बहुत सारा…आनंद अरुण तो बस बावला हो गया… ऑर जंगली शेर की तरह बिजली को ठोकने लगा ऑर मज़े लेते गया……अरुण ऑर बिजली अपने समागम की परम सीमा मे थे…. ऑर परम आनंद ले रहे थे…पाप की पिचकारियाँ छूट रही थी….दोनो ओर से…..दोनो ही अपने तन बदन मे बिजली सा सुख पा रहे थे… ऑर ज़ोर ज़ोर से आहें भर रहे थे..ऑर बस एक दूजे को ठोके जा रहे थे….. झटके पे झटका लगते जा रहे थे ऑर फिर सब समाप्त हुआ थका हारा अरुण अपनी हवस्खोर बहन के नंगे बदन पर गिर गया…

बिजली के बड़े गजरारे गोरे गोरे स्तन अरुण की चौड़ी छाती से दब गये कुछ देर बाद अरुण खड़ा हुआ ऑर बिस्तर देख बोला “बहेनिया यह करने से तो सब कुछ गंदा हो गया…सब कुछ……कुछ सॉफ कहाँ हुआ… आप हमसे झूट बोली….आपने कहा था कि आप हमरी चिकनी वर्षा का पिरोब्लम सॉल्व करेगी…. पर आपने खुद ही हम पर चिकनी वर्षा कर दी…. ऑर वो भी अपनी खुदकी” बिजली देख मुस्कने लगी….
अरुण भी मुस्कराने लगा…..दोनो की नज़रों मे शरारत थी… अरुण बोला “पर माँ कसम मज़ा आया … क्या हम यह ऑपरेशन रोज़ कर सकते है?” बिजली खुशी से बोली….” हाँ रोज़ रोज़ लगातार….आज से हर रात…पर सिर्फ़ मेरे साथ”



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