थोड़ी देर में ही उसकी चूत गीली हो गई तो मैंने पूछा- कैसा लगा?
वो बोली- बहुत अच्छा।
लाली अब तक पूरे जोश में आ चुकी थी। मैंने कहा- जब तू मेरा लण्ड अपनी चूत के अन्दर लेगी तो तुझे और ज्यादा अच्छा लगेगा।
वो बोली- ठीक है जीजू, घुसा दो, लेकिन बहुत धीरे धीरे घुसाना।
मैंने कहा- थोड़ा दर्द होगा, ज्यादा चिल्लाना मत।
वो बोली- मैं अपना मुँह बन्द रखने की कोशिश करुंगी।।
मैंने कहा- ठीक है, तू पहले अपने कपड़े उतार दे।
वो बोली- मैंने कपड़े ही कहाँ पहन रखे हैं।
मैंने उसकी ब्रा और पेण्टी की तरफ़ इशारा करते हुये कहा- फिर ये क्या है?
वो बोली- क्या इसे भी उतारना पड़ेगा।
मैंने कहा- हाँ, तभी तो मज़ा आयेगा।
उसने कहा- ठीक है, उतार देती हूँ।
इतना कह कर लाली खड़ी हो गई और उसने अपने सारे कपड़े उतार दिये। ॠतु मुझे देख कर मुसकुराने लगी तो मैं भी मुसकुरा दिया। लाली बेड पर लेट गई तो मैं लाली के पैरों के बीच आ गया। मैंने उसके पैरों को एकदम दूर दूर फैला दिया। उसके बाद मैंने अपने लण्ड के सुपाड़े को उसकी चूत पर रगड़ना शुरु कर दिया। वो जोश के मारे पागल सी होने लगी और जोर जोर की सिसकारियां भरते हुये बोली- जीजू, बहुत मज़ा आ रहा है, और जोर से रगड़ो।
मैंने और ज्यादा तेजी के साथ रगड़ना शुरु कर दिया तो 2-3 मिनट में ही लाली जोर जोर की सिसकारियां भरने लगी और झड़ गई।
लाली की चूत अब एकदम गीली हो चुकी थी इसलिये मैंने अब ज्यादा देर करना ठीक नहीं समझा। मैंने उसकी चूत के होंठ को फैला कर अपने लण्ड का सुपाड़ा बीच में रख दिया। उसके बाद जैसे ही मैंने थोड़ा सा जोर लगाया तो वो चीख उठी और बोली- जीजू, बहुत दर्द हो रहा है, बाहर निकाल लो।
मैंने कहा- बस थोड़ा सा बरदाश्त करो।
मेरे लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुस चुका था। मैंने फिर से थोड़ा सा जोर लगाया तो इस बार वो जोर जोर से चीखने लगी। उसने रोना शुरु कर दिया तो ॠतु ने उसे चुप करते हुये कहा- दर्द को बरदाश्त कर तभी तो तू मज़ा ले पायेगी।
वो बोली- बहुत तेज दर्द हो रहा है, दीदी।
ॠतु उसका सिर सहलाने लगी तो थोड़ी ही देर में वो शान्त हो गई।
मेरा लण्ड इस उसकी चूत में 2″ तक घुस चुका था। जब लाली चुप हो गई तो मैंने फिर से जोर लगाया तो मेरा लण्ड थोड़ा सा और घुस गया और उसकी सील मेरे लण्ड के रास्ते में आ गई। वो फिर से चीखने लगी और बोली- जीजू, बाहर निकल लो, मैं मर जाऊंगी, बहुत दर्द हो रहा है, मेरी चूत फट जायेगी।
मैंने उसकी चूचियों को मसलते हुये कहा- बस थोड़ा सा ही और है।
थोड़ी देर तक मैं उसकी चूचियों को मसलता रहा और उसे चूमता रहा तो वो शान्त हो गई। मुझे अब उसकी सील को फ़ाड़ना था।
मैंने लाली की कमर को जोर से पकड़ लिया पूरी ताकत के साथ बहुत ही जोर का धक्का मारा। उसकी चूत से खून निकलाने लगा। मेरा लण्ड उसकी सील को फ़ाड़ते हुये 4″ से थोड़ा ज्यादा अन्दर घुस गया। लाली इस बार कुछ ज्यादा ही जोर जोर से चिल्लाने लगी तो ॠतु ने उसे चुप करते हुये कहा- बस हो गया, अब रो मत। अब दर्द नहीं होगा, केवल मज़ा आयेगा।