विधवा भाभी की चुदाई-2

मैंने कहा- हाँ, ले आया और इसे दिखा भी दिया। इसे बहुत पसन्द भी आया।

मैं टीवी देखने लगा। ॠतु लाली के साथ खाना बनने चली गई। रात के 10 बजे हम सब ने खाना खाया और सोने चले गये। आज लाली बहुत खुश दिख रही थी। उसने आज जरा सा भी शरम नहीं की और खुद ही अपने कपड़े उतार दिये और मैक्सी पहन ली। हम सब बिस्तर पर लेट गये।

ॠतु ने मुझसे कहा- मुझे नींद आ रही है। तुम अपना काम कर लो और मुझे सोने दो।

मैं समझ गया। मैंने अपनी लुंगी उतार दी। ॠतु ने भी अपनी मैक्सी खोल दी और पैंटी उतार दी। लाली देख रही थी। आज वो कुछ बोल नहीं रही थी, केवल चुपचाप लेटी हुई थी। मैंने ॠतु को चोदना शुरु कर दिया। मैंने देखा कि लाली आज ध्यान से हम दोनों को देख रही थी।

15-20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया तो आज मैंने ॠतु की चूत को चाटना शुरु कर दिया। लाली ने मुझे ॠतु की चूत को चाटते हुये देखा उसने अपना हाथ अपनी चूत पर रख लिया। मैं समझ गया की अब वो धीरे धीरे रास्ते पर आ रही है। ॠतु की चूत को चाटने के बाद मैंने अपना लण्ड ॠतु के मुँह के पास कर दिया तो ॠतु ने भी मेरा लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया। उसके बाद मैं लेट गया।

तभी लाली ने कहा- दीदी, आप दोनों को घिन नहीं आती एक दूसरे का चाटते हुये?

ॠतु ने कहा- कैसी घिन, मुझे तो मज़ा आता है और तेरे जीजू को भी। उसके बाद हम सो गये।

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सुबह मैं नहाने गया तो मैंने लाली को पुकारा और कहा- तौलिया ले आ।

वो बोली- अभी लाई, जीजू।

वो तौलिया लेकर आ गई। मैंने अपने लण्ड की तरफ़ इशारा करते हुये कहा- थोड़ा रुक जा, मैं इसे साफ़ कर लूं।

मैंने अपने लण्ड पर साबुन लगाना शुरु कर दिया। आज लाली ने अपना सिर नीचे नहीं किया और मेरे लण्ड को ध्यान से देखती रही। वो अब ज्यादा नहीं शरमा रही थी। मैंने अपने लण्ड को साफ़ किया और फिर उससे तौलिया ले लिया। वो चली गई। मैं बाथरूम से बाहर आया तो ॠतु ने मेरे लण्ड पर तेल लगाया और फिर मेरे लण्ड को चूमा और किचन में चली गई। लाली इस दौरान मेरे लण्ड को ध्यान से देखती रही। मैंने नाश्ता किया और दुकान चला गया।

रात के 8 बजे मैं वापस आया तो मैं कुछ मिठाई ले आया था। मैंने लाली को पुकारा। लाली आ गई तो मैंने उसे मिठाई दे दी। उसने मिठाई ले ली और कहा- आपके लिये अभी ले आऊँ?

मैंने कहा- हाँ, थोड़ा सा ले आ। वो मिठाई ले कर आई तो मैं मिठाई खाने लगा। तभी ॠतु आई। उसने मुझे मिठाई खाते हुये देखा तो बोली- आज कल साली की बहुत सेवा हो रही है।

मैंने कहा- क्या करूं। मेरी तो कोई साली ही नहीं थी। अब जब मुझे एक साली मिल गई है तो उसकी सेवा तो करूंगा ही। लेकिन मेरी साली मेरा ज्यादा ख्याल ही नहीं रखती।

लाली बोली- जीजू, मेरी कोई बहन नहीं है इसलिये मेरा कोई जीजू तो आने वाला नहीं है। आप ही मेरे जीजू हो, आप हुकुम तो करो।

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मैंने कहा- क्या तुम मेरा कहा मानोगी?

वो बोली- क्यों नहीं मानूंगी।

मैंने कहा- ठीक है, जब मुझे जरूरत होगी तो तुम्हें बता दूंगा।

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