विधवा भाभी की चुदाई-2

वो बोली- तुम कहते हो तो मैं चाट लेटी हूँ।

उसने मेरा लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया।

ॠतु ने पूछा- चुदवाने में मज़ा आया?

वो बोली- हाँ, मज़ा तो आया लेकिन ज्यादा नहीं।

ॠतु ने पूछा- क्यों। वो बोली- जब मुझे ज्यादा मज़ा आना शुरु हुआ तो जीजू झड़ गये।

ॠतु ने कहा- अगली बार ज्यादा मज़ा आयेगा। इस बार तो इनका सारा समय तेरी चूत में रास्ता बनने में ही लग गया।

मैं लाली के बगल में लेट गया। वो मेरी पीठ को सहलाते हुये मुझे चूमती रही। 10 मिनट में ही मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया। मैंने लाली को डॉगी स्टाईल में कर दिया और उसकी चुदाई शुरु कर दी। उसे इस बार चुदवाने में ज्यादा मज़ा आया और मुझे भी। उसने इस बार पूरी मस्ती के साथ खूब जम कर चुदवाया। मैंने भी उसे पूरे जोश के साथ बहुत ही जोर जोर के धक्के लगाते हुये खूब जम कर चोदा। इस बार मैंने लगभग 35 मिनट तक उसकी चुदाई की। लाली इस दौरान 4 बार झड़ गई थी।

मैं लाली के बगल में लेट गया। हम सब आपस में बातें करते रहे। लगभग 1 घण्टे के बाद ॠतु ने मुझसे कहा- क्यों जी, तुम मुझे आज नहीं चोदोगे क्या। साली की कुंवारी चूत का मज़ा पाकर मुझे भूल गये क्या?

मैंने कहा- भला मैं तुम्हे कैसे भूल सकता हूँ, तुम तो मेरी बीवी हो। मैं रोज रोज घर का ही तो खाना खाता हूँ। कभी कभी होटल के खाने का मज़ा भी ले लेना चाहिये। तुम तो मेरे लिये घर का खाना हो और लाली होटल का। आज मैंने कुंवारी चूत का मज़ा लिया है इस लिये मैं तुम्हारी चूत को आज हाथ भी नहीं लगाऊगा। आज तो मैं तुम्हारी गाण्ड मारूंगा।

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ॠतु बोली- फिर मारो ना।

लाली बोली- जीजू क्या कह रहे हो?

मैंने कहा- ठीक ही कह रहा हूँ। यह कभी कभी मुझसे गाण्ड भी मरवाती है। गाण्ड मरवाने में भी खूब मज़ा आता है। तुम भी मरवाओगी?

वो बोली- पहले आप दीदी की गाण्ड मार लो। जरा मैं भी तो देखूँ कि दीदी आपका इतना लमबा और मोटा लण्ड अपनी गाण्ड के अन्दर कैसे लेती है।

ॠतु घोड़ी बन गई तो मैंने ॠतु की गाण्ड मारनी शुरु कर दी। लाली आंखे फ़ाड़े मेरे लण्ड को ॠतु की गाण्ड में अन्दर बाहर होते हुये देखती रही। मैं 2 बार लाली की चुदाई कर चुका था इस लिये मैं जल्दी झड़ नहीं पा रहा था। ॠतु सिसकारियां भरते हुये मुझसे गाण्ड मरवा रही थी। लाली ॠतु को गाण्ड मरवाते हुये देख रही थी। उसकी आंखो में भी जोश की झलक साफ़ दिख रही थी। मैंने लाली से पूछा- कैसा लग रहा है।

वो बोली- बहुत ही अच्छा लग रहा है, जीजू।

मैंने पूछा- गाण्ड मरवाओगी?

वो बोली- फिर से दर्द होगा।

मैंने कहा- गाण्ड मरवाने में तो बहुत ही ज्यादा दर्द होता है।

वो बोली- ना बाबा ना, मैं गाण्ड नहीं मरवाऊँगी।

ॠतु ने कहा- लाली, पहले तू खूब जम कर इनसे चुदवाने का मज़ा ले ले। उसके बाद एक बार गाण्ड भी मरवाने का मज़ा भी ले लेना।

मैंने लगभग 45 मिनट तक ॠतु की गाण्ड मारी और झड़ गया।

मैंने कई दिनों तक लाली को खूब जम कर चोदा। उसे अब चुदवाने में बहुत मज़ा आने लगा था। मुझे भी कुंवारी चूत को चोदने का मज़ा मिल चुका था और मैं अब उसकी एकदम टाईट चूत को चोद रहा था। मैं लाली की गाण्ड भी मारना चहता था लेकिन उसे मैं खूब तड़पा तड़पा कर उसकी गाण्ड मारना चहता था। मैंने कई बार लाली के सामने ॠतु की गाण्ड मारी तो एक दिन वो अपने आप को रोक नहीं पाई। वो मुझसे कहने लगी- जीजू, एक बार मेरी भी गाण्ड मार लो, मैं भी गाण्ड मरवाने का मज़ा लेना चाहती हूँ।

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