विधवा भाभी की चुदाई-2

मैंने ॠतु को अपना लण्ड दिखाते हुये कहा- इसकी गाण्ड तो बहुत ही तंग है। देखो कितना खून निकल आया है।

ॠतु बोली- क्यों तड़पाते हो बेचारी को। घुसा दो ना अपना पूरा लण्ड इसकी गाण्ड में। मैंने कहा- ठीक है बाबा, घुसा देता हूँ।

मैंने लाली की गाण्ड के छेद पर फिर से अपने लण्ड का सुपाड़ा रख दिया। उसकी गाण्ड खून से भीगी हुई थी। मैंने बहुत ही जोर का एक धक्का लगाया तो मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में 5″ तक घुस गया। उसके बाद मैंने 2 धक्के और लगये तो मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में 7″ तक अन्दर घुस गया। लाली का सारा बदन पसीने से भीग गया था। वो अपना सिर पिल्लर पर पटक रही थी। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। मुझे खूब मज़ा आ रहा था। मैं लाली की गाण्ड इसी तरह से मारना चाहता था। मेरी तमन्ना पूरी हो रही थी।

ॠतु आंखे फ़ाड़े मुझे देख रही थी, उसने कहा- रहम करो इस बेचारी पर। क्यों तड़पा रहे हो इसे।

मैंने 2 बहुत ही जोरदार धक्के और लगाये तो मेरा पूरा का पूरा लण्ड लाली की गाण्ड में समा गया।

पूरा लण्ड घुसा देने के बाद भी मैं रुका नहीं, मैंने तेजी के साथ लाली की गाण्ड मारनी शुरु कर दी। लाली के मुँह से गूओ गूओ की आवाज़ निकल रही थी। उसकी गाण्ड बहुत ही ज्यादा टाईट थी इस लिये मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में आसानी से पूरा अन्दर बाहर नहीं हो पा रहा था। मैंने पूरे ताकत के साथ धक्के लगा रहा था। 10 मिनट के बाद मेरा लण्ड थोड़ा आसानी से अन्दर बाहर होने लगा। लाली के मुँह से भी ज्यादा आवाज़ नहीं निकल रही थी। मैंने लाली से पूछा- मुह खोल दूं।

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उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया।

मैंने पूछा- चिल्लओगी तो नहीं। उसने अपना सिर ना में हिला दिया।

मैंने लाली का मुँह खोल दिया और उसके मुँह से कपड़ा बाहर निकल लिया। वो रोते हुये बोली- जीजू, आपने तो मुझे मार ही डाला। क्या इसी तरह से गाण्ड मारी जाती है।

मैंने कहा- हाँ, गाण्ड इसी तरह से मारी जाती है। अगर मैंने तुम्हारा मुँह बांधा नहीं होता तो तुम कितनी जोर जोर से चिल्लाती, यह तुम अब समझ गई होगी।

वो बोली- आप सही कह रहे हो, तब तो मैं बहुत चिल्लाती।

मैंने कहा- अगर मैंने तुम्हें पिल्लर से ना बांधा होता तो अब तक कई बार अपना चूतड़ इधर उधर करती और मैं तुम्हारी गाण्ड में अपना लण्ड नहीं घुसा पाता।

वो बोली- जीजू, आप एकदम सही कह रहे हो। मैंने तो आप को धकेल ही दिया होता।

मैंने कहा- अब तुम ही बताओ मैंने सही किया या नहीं?

वो बोली- आपने बिलकुल ठीक किया। ऐसे ही करना चाहिये था। अब तो मुझे पिल्लर से खोल दो।

मैंने कहा- पहले मैं तुम्हारी गाण्ड तो मार लूं फिर खोल दूंगा।

वो बोली- तो मारो ना।

मैंने पूछा- कुछ मज़ा आ रहा है।

वो बोली- अभी तो बहुत ही कम मज़ा आ रहा है।

मैंने लाली की गाण्ड मारनी शुरु कर दी। मैं पूरे ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगा रहा था। लाली को भी अब मज़ा आ रहा था। उसके मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। 10 मिनट तक उसकी गाण्ड मारने के बाद मैं झड़ गया। मैंने अपना लण्ड लाली की गाण्ड से बाहर निकाला और लाली को दिखाते हुये कहा- देखो कितना खून निकला है तुम्हारी गाण्ड से।

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