Yaun Vasna Ke Vashibhoot Par Purush Sahvas

पिछले छह माह से मैं हर माह दो तीन दिनों के लिए मामा-मामी को मिलने के लिए जाती हूँ और उन दिनों में जब भी एकांत मिलता है तब मामा जी और मैं के लिए सम्भोग कर लेते हैं।

मेरे द्वारा वासना के वशीभूत हो कर परपुरुष सहवास करने से अब मेरे अपने जीवन में यौन सुख, आनन्द एवम् संतुष्टि की कोई कमी नहीं है।

अंत में मैं अन्तर्वासना की लेखिका टी पी एल का बहुत धन्यवाद व्यक्त करना चाहूँगी जिन्होंने मेरे जीवन में घटी इस घटना के विवरण का अनुवाद एवम् सम्पादन करके अन्तर्वासना पर प्रकाशित करने में सहयोग दिया।

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