कमरे में रखे हुए बहुत चौड़े बैड के पास ही रखे पालने में मैंने अपने बेटे को सुलाया हुआ था और मैं खुद उस बैड पर पालने के बिल्कुल साथ ही एक ओर सो गई थी।
बाकी का बैड खाली देख कर मामी मेरे साथ सो गई तथा मामा उनके साथ बैड के दूसरी ओर सो गए।
रात के लगभग बारह बजे जब मेरी नींद खुली तब मैंने मामा-मामी की खुसफुसाहट सुनी तो मैं चुपके से बिना हिले-डुले लेट कर उनकी बातें सुनने लगी।
मामा मामी से संसर्ग करने के लिए कह रहे थे लेकिन मामी मेरा हवाला दे कर उनकी बात नहीं मान रही थी।
कुछ देर की बहस के बाद मामा ने उन्हें समझाया कि पहले मैं अविवाहित थी इसलिए वह दोनों जब कभी भी मेरे कमरे में सोते थे तब कुछ नहीं करते थे।
क्योंकि अब मैं विवाहित हूँ और संसर्ग के बारे में सब कुछ जानती हूँ इसलिए उन दोनों को उस समय संसर्ग करने से मुझे कोई आपति नहीं होनी चाहिए।
मामा का यह तर्क सुन कर मामी संसर्ग के लिए मान गई और अपनी नाइटी ऊपर कर के ब्रा और पैंटी उतार दी और अर्ध-नग्न होकर लेट गई तब मामा भी अपनी लुंगी उतार कर अर्ध-नग्न हो गए।
फिर मामा ने अपना लिंग मामी के हाथ पकड़ाते हुए उसे चूसने का संकेत किया और वह खुद मामी की जाँघों के बीच में अपना मुँह डाल कर उसकी योनि को चाटने लगे।
लगभग पन्द्रह मिनट तक 69 की स्थिति में दोनों एक दूसरे के गुप्तांगों को चूसते एवम् चाटते रहे और जब दोनों उत्तेजित हो गए तब मामा ने मामी को सीधा लिटा कर उसकी टाँगें फैला दी तथा बीच में बैठ गए।
फिर मामा अपने सात इंच लम्बे और ढाई इंच मोटे तने हुए लिंग के लिंग-मुंड को मामी के भगनासे पर रगड़ने लगे और मामी सिसकारियाँ भरने लगी।
पांच मिनट में ही जब मामी के मुख से खूब सिसकारियाँ निकलने लगी और मामी बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।
तब मामा ने अपने तने हुए लिंग को उनकी योनि के मुख पर रख कर एक धक्का लगा दिया।
उस धक्के से उनका पूरा लिंग मामी की योनि में समा गया और मामी की मुख से एक लम्बी सिसकारी निकल गई।
अगले दस मिनट तक मामा जी लगातार धक्के लगा कर अपने लिंग को मामी की योनि के अंदर बाहर करने लगे और मामी चूतड़ उचका कर उस लिंग को अपनी योनि की गहराई में उतारती रही।
दस मिनट के बीतते ही मामी का शरीर अकड़ गया और उन्होंने मामा जी को जकड़ लिया और बोली– जल्दी करो, मैं आने वाली हूँ।
मामा जी ने भी तेजी से धक्के देते हुए कहा– मैं भी आने वाला हूँ।
और इसके साथ ही एक हुंकार और एक सिसकारी के साथ दोनों एक साथ ही स्खलित हो कर निढाल हो कर लेट गए।
पांच मिनट के बाद दोनों ने बाथरूम में जाकर अपने गुप्तांगों को साफ़ किया और कपड़े पहन कर एक दूसरे की तरफ पीठ कर के सो गए।
मामा मामी का संसर्ग देख कर मैं बहुत गर्म हो चुकी थी तथा मुझे योनि में गीलापन भी महसूस होने लगा था।
इसलिए मैं उन दोनों के सोते ही उठ कर बाथरूम में गई और अपनी योनि को शांत करने के लिए उसमें उंगली करने के बाद उसे ठन्डे पानी से धोने के बाद ही सोई।