Yaun Vasna Ke Vashibhoot Par Purush Sahvas

मामा जी ने मेरी योनी के टांके काटे
प्रसव के छह दिनों के बाद जिस दिन मेरी योनि में लगे टांके काटने थी उस दिन मामी के पास एक बहुत जटिल प्रसव केस आ जाने के कारण वह घर नहीं आ सकी।

तब उन्होंने टाँके काटने का सभी सामान नर्स के हाथ घर पर भिजवा दिया और मामा जी से उन्हें काटने के लिए फ़ोन कर दिया।

नर्स ने मेरी योनि को अच्छी तरह से साफ़ करने के बाद जब बेटे को नहलाने के लिए ले गई तब मामा जी नाइटी ऊँची करके मेरी टांगें फैला दी और उनके बीच में बैठ गए।

मामा जी को अपनी योनि के सामने बैठे देख कर मुझे बहुत संकोच हो रहा था और शर्म के मारे मैंने आँखें बंद कर ली।

तभी मैंने मामा जी की एक उंगली मेरी योनि के अन्दर घुसते हुए महसूस की तो मैंने अपनी टाँगें जोड़ने की चेष्टा की एवम् योनि को सिकोड़ लिया।

तब मामा जी ने कहा– अर्पिता, इसे सिकोड़ो नहीं। टांकों को काटने के लिए मुझे तुम्हारी योनि में उंगली डाल कर उन्हें बाहर तो निकालना पड़ेगा और इसलिए तुम इसे ढीला छोड़ दो।

मामा जी की बात सुन कर मुझे अपने टांगें और योनि को ढीला छोड़ना पड़ा और उनकी उंगली से मेरे अंदर होने वाली हलचल को सहन करना पड़ा।

पन्द्रह मिनट के बाद जब मामा जी ने सभी टांकें काट कर मेरी योनि को रुई से साफ़ करने लगे तब मेरे भगनासे पर रगड़ लगने से मेरी मुख से सिसकारियाँ निकलने लगी।

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तब मामा जी ने कहा– अर्पिता, अपने आप पर थोड़ा नियंत्रण रखो, बस एक मिनट और लगेगा।

मैंने अपने पर नियंत्रण किया और आँखें बंद कर के पड़ी रही।

तभी मैंने महसूस किया की मामा जी ने अपनी बड़ी उंगली पर रुई लपेट कर उसे मेरी योनि के अन्दर गर्भाशय के मुँह तक डाल दी।
फिर वह उस उंगली को घुमा कर मेरी योनि की अन्दर से सफाई करने लगे जिसके कारण मेरे शरीर एवम् योनि में हलचल होने लगी और मैं अपने पर नियंत्रण खो कर जोर जोर से सिसकारी भरने लगी।

कुछ क्षणों के बाद मामा जी ने अपनी उंगली बाहर निकाल ली और योनि की बाहर से सफाई करके मेरी नाइटी को नीचे किया और कमरे से बाहर चले गए।

मामा जी द्वारा मेरी उत्तेजना को भड़का कर बेरुखी से चले जाने पर मैं कुछ नहीं कर सकी लेकिन मुझे अपने तथा उन पर बहुत रोष आया।

तभी मेरे बेटे के रोने की आवाज़ सुन कर मेरा वह रोष रफू-चक्कर हो गया और मैंने उत्तेजना को भूल कर उसे चुप कराने के लिए अपनी गोदी में उठा कर दूध पिलाने लगी।

बच्चे की देखभाल तथा घर के काम में व्यस्त रहने के कारण एक माह कब बीत गया मुझे पता ही नहीं चला।

जब मैंने अपनी योनि की सुध ली और उसकी देख-रेख करी, जब मैंने आईने में अपनी योनि का अक्स देखा तो हैरान हो गई क्योंकि वह बिल्कुल वैसी ही दिख रही थी जैसे की बेटा होने से पहले थी।

मामा मामी ने मेरे कमरे में सेक्स किया
प्रसव के बाद मायके में रहते हुए मुझे एक माह ही हुआ था तभी एक दिन मामा-मामी के कमरे का वातानुकूलक खराब हो गया।

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उस रात अधिक गर्मी होने के कारण जब मामा-मामी अपने कमरे में सो नहीं सके तब रात ग्यारह बजे वह मेरे कमरे में सोने के लिए आ गए।

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