समधन की दबी हुई चिंगारी भड़की
तो दोस्तों आपने पिछले पार्ट में पढ़ा कैसे मेरे समधी जी मेरा नंबर चुरा के मेरे साथ दोस्ती करने की कोशिश करने लगे, और मुझे बहला-फुसला कर नज़दीकियाँ बढ़ने लगे. मैं भी साज-धज कर उनके घर पूजा में जाने के लिए निकल गयी. जब हम बेटे के ससुराल पहुँचे, तो समधी जी मेरी बहू शरुष्टि …