मैने बच्चो को स्कूल ड्रॉप किया और मैं उसको घर छ्चोढने गया. उसने मुझे रास्ते में ही कहा-
भाभी: आज तो आप मेरे हाथ की छाई पी के ही जाना.
मैने माना किया. लेकिन फिर कहा-
मैं: ओक चलो तुम्हारी इक्चा है तो छाई पी के ही जौंगा.
उसका फ्लॅट 5त फ्लोर पे था. हम लिफ्ट से उसके फ्लॅट तक पहुँच गये. वो अकेली उसके बेटे के साथ रहती थी. उसने दरवाज़ा खोला, और बैठने को कहा. मैं बैठा, और उसने पानी पिलाया. फिर वो छाई पकोडे लाई, और टेबल पे रखने के लिए थोड़ी झुकी. तभी मैने उसकी पिंक कलर की ब्रा देखी, जिसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
ये देखते हुए उसने भी मुझे नोटीस किया. लेकिन स्माइल करते हुए वो किचन में गयी. फिर वो आई और साइड वाले सोफे पे बैठी. करीब 10 मिनिट हम बात करते रहे. लेकिन मेरा तो ध्यान उसके ब्रा दिखने की वजह से बातें करने में नही लग रहा था.
फिर वो नाश्ते की प्लेट और छाई का कप लेके गयी. तब तक मैं खड़ा हो गया था. उसने कहा बैठो, लेकिन मैने कहा नही मुझे जाना है. वो जैसे मायूस हो गयी. मैने उसका हाथ और कमर पकड़े, और अपनी तरफ खींचा. वो शॉक्ड हो गयी. मैने उसके होंठो पे होंठ रख दिए, और किस किया. फिर तुरंत उसे छ्चोढ़ दिया.
उसने आँखें बंद कर ली थी, जैसे उसको कोई ऐतराज़ नही था. जब आँखें खोली, तो वो कुछ नही बोली. मैने फिरसे उसे किस किया. इस बार मैं उसका नीचे का होंठ अपने दोनो होंठो के बीच में लेके किस करने लगा, और कभी उपर का होंठ, कभी नीचे का होंठ चूस्टा.
वो भी साथ देने लगी, और उसकी साँसे गरम होने लगी. अब मैने उसके पंत के उपर से उसके चूतड़ दबाए, और फिर पंत के अंदर हाथ डाल के चूतड़ दबाए. अब उसकी चड्डी के अंदर हाथ डाला, लेकिन मुझे लगा उसने पीरियड पद लगाया था. फिर मैने आयेज हाथ डाल के छूट को सहलाना चाहा, लेकिन उसने कहा-
भाभी: हेररी मैं पीरियड्स में हू. आज 3र्ड दे है. 2-3 दिन में फ्रेश हो जौंगी.
मैने हाथ निकाल लिया, और किस करना शुरू किया. वो भी साथ दे रही थी. मैं किस करते हुए सोफे पे बैठा, और उसको अपनी गोद में बिताया, और उपर से बूब्स दबाने लगा. फिर मैने त-शर्ट में पीछे से हाथ डाल के ब्रा की हुक खोल दी, और उसके बूब्स के छ्होटे से निपल को जीभ लगाई.
उसने सस्शह करते हुए मेरा माता बूब्स पे दबाया. मैने वन बाइ वन दोनो बूब्स करीब 10 मिनिट तक चूज़. वो भी बहुत गरम हो चुकी थी, लेकिन पीरियड्स की वजह से हम बस इतना ही कर पाए. अब मैं खड़ा हुआ और तुरंत निकल के घर आया, और बातरूम में जाके मूठ मारने लगा. क्यूंकी लंड बैठने का नाम ही नही ले रहा था.
मूठ मार रहा था तभी उसका मसाज आया: पहुँच गये घर पे?
मैने रिप्लाइ नही दिया. थोड़ी देर बाद रिप्लाइ किया-
मैं: हा पहुँच गया.
तो उसने पूछा: क्यूँ इतना लाते रिप्लाइ?
मैने बता दिया: लंड बैठ नही रहा था, तो मूठ मार रहा था.
फिर उसने कहा: झूठे!
मैने कहा: तुम जो समझो.
फिर उसने कहा: हेररी, सॉरी मैने आज आपको नाराज़ किया, वो भी हमारी पहली मुलाकात पे.
मैने कहा: उसमे तुम्हारी क्या ग़लती?
फिर थोड़ी बात करके बाइ बोला. वो अपने बेटे को स्कूल लेने आई तो शर्मा रही थी. 2 दिन ऐसे ही बातें चलती रही. जब वो स्कूल उसके बेटे को लेने आती थी, तो हम डोर से ही एक-दूसरे को देखते और Wहत्साप्प पे चाटिंग करते थे. हम नही चाहते थे की हमारे अफेर का किसी को पता चले.
फ्रेंड्स 2 दिन के बाद मैं 6 बजे उठा तो मैने उसका गुड मॉर्निंग मेसेज देखा, और रिप्लाइ किया.
फिर मैने कहा: आज मैं तुमको स्कूल के लिए लेने को आता हू, वेट करना.
तो उसने ओक कहा और मैं टाइम पे उसको लेने के लिए पहुँचा तो आज वो एक-दूं फ्रेश दिख रही थी. उसने लेगैंग्स कुर्ता पहना था. बच्चो को स्कूल ड्रॉप किया, और हम दोनो उसके घर के लिए निकले. मैने कार में ही उसका हाथ पकड़ के किस किया, और वो शर्मा रही थी.
उसके घर पहुँचे. उसने छाई-पानी पिलाया, और मेरे पास आके बैठी. हम दोनो बातें करने लगे, और मैं उसके बालों को सहलाते हुए उससे बात कर रहा था. अब मैने उसको अपनी तरफ खींचा, और किस किया. उसने शरम से नज़रें झुका ली.
मैं फिरसे उसको किस करने लगा, और वो गरम होने लगी. वो भी अब साथ देने लगी. हम दोनो एक-दूसरे को बाहों में भर के किस करने लगे. मैं खड़ा हुआ, और उसको अपनी गोद में उठाया, और उसके बेडरूम में ले गया. फिर उसको बेड पे लिटा दिया, और उसके उपर जेया कर उसके माथे को, गालों को, और फिर होंठो को किस करने लगा.
वो भी मेरी पीठ पे हाथ रख के किस करने में साथ देने लगी. अब मैने उसकी छूट को लेगैंग्स के उपर से सहलाया, और फिर कुर्ता उतार दिया. लेगैंग्स उतारने में तोड़ा 5-7 मिनिट का टाइम लगा, क्यूंकी वो उतारने नही दे रही थी. वो बोल रही थी उसको बहुत शरम आ रही थी.
क्या कमाल लग लग रही थी वो. गोरे बदन पे मरून कलर की ब्रा-पनटी. मेरा लंड आसमान की तरफ पंत में ही उठा था. मैं उसको एक-दूं सेक्सी नज़र से, उसके बदन को और ब्रा-पनटी को देख रहा था. वो शर्मा के पीछे की साइड पलट गयी, और उसके बड़े चूतड़ जैसे पनटी से बाहर आने को कह रहे हो.
मैने देर ना करते हुए उसके हेर को पीठ से साइड किया, और किस करने लगा. फिर ब्रा का हुक खोल दिया, और उसकी पीठ को जीभ से चाटने लगा. धीरे-धीरे नीचे गया, और थोड़ी सी पनटी उतरी, जिससे उसके सिर्फ़ चूतड़ ही बाहर आए.
पनटी उतरते ही उसके गोरे-गोरे चूतड़ बाहर आ गये जिसको मैने किस किया, और बीते करने लगा. इससे मेरे दांतो के निशान उसके चूतड़ पे हो गये, और फिर पनटी फिरसे पहनाई. फिर उसको मैने सीधा लिटाया, लेकिन वो ब्रा नही हटाई थी. ब्रा को मैने खींच लिया, और उसके 34+ के बूब्स को आज़ाद किए.
वाह क्या गोरे-गोरे बूब्स थे. जैसे ब्र्व्नी रखी हो वैसे बड़े-बड़े बूब्स पे छ्होटे-छ्होटे निपल्स थे, जिसपे जीभ से हल्के से च्छुआ. जीभ लगते ही उसने सस्शह करके सिसकारी ली, और मेरा सर पकड़ लिया.
मैने दोनो बूब्स के निपल्स वन बाइ वन चूज़. पुर बूब्स को मूह में भर के चूसने की कोशिश कर रहा था. लेकिन आधे ही मेरे मूह में भर पाता, और कभी-कभी दांतो के बीच निपल को दबा के निपल पे जीभ घुमा रहा था. तब वो सस्सह म्मह जैसी आवाज़ निकाल के मेरे बालों को सहलाते हुए बूब्स चुस्वा रही थी. जिससे उसकी साँसे तेज़ और वो काफ़ी गरम हो चुकी थी. करीब 5-7 मिनिट तक मैने बूब्स से खेला और चूज़.
इसके आयेज क्या हुआ वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा.