मैने मेरी रियल सेक्स स्टोरी देसी कहानी पर उपलोआड की, तब मुझे बहुत सारी लॅडीस की मेल्स आई. बहुत सारी मोम्स ने अपना सेक्स एक्सपीरियेन्स भी शेर किया. उनमे से एक टीचर की कहानी यहा बता रहा हू.
मेरे पास एक टीचर मृदुला का मैल आया. वो बोली की मुझे हेल्प चाहिए. मैने उसको बोला की मुझसे बात करनी है तो छत पर आ जाओ. उसने बोला की रात को 11 बजे फ्री हो कर बात करेगी. फिर दूसरे दिन उसका मेसेज आ गया. रात को 11:30 बजे थे.
मृदुला: ही.
मैं: ही, बोलो, अपना इंट्रोडक्षन दो.
मृदुला: आपकी स्टोरी बहुत अची है. मैं काफ़ी दीनो से पढ़ रही हू. पढ़ कर बहुत मज़ा आता है. आपकी हर स्टोरी का वेट करती रहती हू.
मैं: थॅंक्स. अपने बारे में बताओ.
मृदुला: आप सच में फॅमिली में सेक्स करते है? आपकी स्टोरी रियल सेक्स स्टोरी है?
मैं: ह्म, तभी तो लिखी है.
मृदुला: मेरा मतलब ऐसा हो सकता है क्या? मों सोन में ग़लत नही होता? मतलब सच में होता है क्या?
मैं: सब होता है तभी तो मैं अपनी सग़ी बेहन को छोड़ रहा हू. मेरे दादा जी भी मेरी मों को बहुत साल से छोड़ रहे है.
मृदुला: हा वो सब तो पढ़ा है. बुत मैं पूच रही थी की मों सोन में भी ऐसे होता है क्या? अगर मों करना चाहे तो बेटा ग़लत तो नही सोचेगा क्या?
मैं: आप दर्र क्यूँ रही हो? आराम से सब बताओ. मैं भी मों को छोड़ता हू. मों बहुत खुश रहती है. मों को भी तो लंड चाहिए.
मृदुला: सच में! मों को क्या फील होता है? मतलब तुम को बुरा नही लगता की मों अपने बेटे के साथ ये सब करती है?
मैं: अर्रे नही यार. मेरे तो मज़े है. मों जैसी मस्त माल डेली छोड़ने को मिल रही है. अपने ही घर में अपनी मम्मी को छोड़ कर मज़ा आता है.
मृदुला: मतलब बुरा नही लगता? मतलब मों का कॅरक्टर ऐसा है?
मैं: अर्रे यार पूरी रात बेड पर मम्मी नंगी मिल जाए, और फिर सारी रात मम्मी को जितनी चाहे छोड़ो. बेटे को और क्या चाहिए? वैसे भी मॅरीड लेडी मस्त हो कर चुड़वति है. इतना मज़ा तो वाइफ भी नही देती होगी, जितना मज़ा मों देती है.
मृदुला: ऑश बस यही पूच रही थी. तुम्हारी मों क्या बोलती है अबौट योउ?
मैं: मों तो मेरे साथ बहुत खुश है. जब से मैं मों को छोड़ रहा हू, तब से मों बहुत हॅपी रहती है. मों बोलती है की तू ऐसे ही मुझे छोड़ा कर. तू बहुत मस्त छोड़ता है.
मृदुला: ऑश रियली. तुम्हारे पापा को नही पता ये सब?
मैं: नही यार वो बाहर ही रहते है. पापा ने बस मों से शादी की थी. बुत कभी ढंग से सेक्स नही किया. मेरे दादा ही मों को शुरू से ही छोड़ रहे है.
मृदुला: ऑश मतलब पापा को पता है ये सब?
मैं: यार मेरे दादा ही मेरे असली पापा है. क्यूंकी मेरी मों ने पापा को बोल दिया की तेरे से कुछ नही होता. तेरे से तलाक़ चाहिए. फिर मों को दादा छोड़ने लगे. दादा बोले की बहू तू घर मत छ्चोढ़, तुझे रात को वाइफ की तरह रखुगा.
मृदुला: ऑश वाउ, फिर क्या हुआ?
मैं: फिर दादा जी मों को छोड़ने लगे. दादा जी खूब पेलते थे मों को. फिर मों दादा जी के साथ ही सेट हो गयी. आज तक वो दादा जी के साथ ही सेट है.
मृदुला: वाउ यार. मेरी भी हेल्प करो यार कुछ. कुछ समझ में नही आ रहा. प्लीज़ अमित.
मैं: आपने अपनी डीटेल तो बताई ही नही.
मृदुला: ऑश सॉरी. तुम ये सब किसी को मत बताना प्लीज़. मुझे तुम आचे लगे तो मेसेज किया था.
मैं: ह्म ओक. दररो मत यार, हेल्प कर दूँगा.
मृदुला: मैं टीचर हू. आगे अबौट 40. हब्बी दुबई में रहते है काफ़ी यियर्ज़ से. वो वाहा होटेल मॅनेजर है. 2 साल बाद घर आते है. मेरी फॅमिली में सास-ससुर है, बुत वो हमारे साथ नही रहते है. 2 जुड़वा बेटे है. उनकी आगे 19 यियर्ज़ है.
मैं: और बताओ.
मृदुला: यार पहले मेरे साथ टीचर थे. उनके साथ रिलेशन्षिप थी. मतलब बहुत टाइम तक. वो वीकेंड पर मेरे रूम पर ही रुक जाते थे. मतलब एक-दूं हज़्बेंड-वाइफ की तरह रहते थे. किसी को कोई शक भी नही होता था. मतलब काफ़ी मज़ा आता था.
मैं: तो अब क्या प्राब्लम है?
मृदुला: यार सिर का अब ट्रान्स्फर हो गया है. मेरा भी हो गया. हम दोनो मतलब बहुत डोर पोस्टेड है. पिछले 6 मंत्स से बहुत प्यासी हू.
मैं: यार कोई न्यू सिर सर्च कर लो. इसमे क्या है!
मृदुला: मैं बताना भूल गयी. पहले मेरे दोनो बच्चे हॉस्टिल में थे. मैं गाओं में घर में अकेली थी. बुत अब सिटी में पढ़ती हू, और वही दोनो बेटे पढ़ते है. मतलब घर में करने का कोई चान्स नही है. ज़्यादातर टीचर बुड्ढे है. बाकी सब मेडम्स है.
मैं: ऑश.
मृदुला: यार दोनो बेटे मेरे साथ ही रहते है, तो घर में नही हो सकता.
मैं: तो तुम क्या चाहती हो?
मृदुला: यार प्लीज़ बुरा मत मानना. मेरा मतलब था की मुझे एक दोस्त चाहिए, जो रात को बेड पर मेरे साथ सो सके.
मैं: आप जो भी बोलो खुल कर बोलो. ताकि आपकी हेल्प कर साकु.
मृदुला: वो यार इतने टाइम तक लाइफ बहुत मस्त चल रही थी. कभी कोई हब्बी की ज़रूरत ही नही पड़ी. बुत अब 6 मंत्स से एक-दूं अकेली हो गयी हू.
मैं: तुम बोलो तो सही आप चाहती क्या हो?
मृदुला: यार तुम्हारी स्टोरी पढ़ कर बहुत मज़ा आता है. रात को स्टोरी पढ़ कर… मतलब तुम समझ जाओ. मुझे शरम आ रही है.
मैं: कोई बात नही. तुम बहुत प्यासी हो जाती हो. बुत अब तुम अपने बेटे से करना चाहती हो क्या? शरम मत करो, खुल कर बोलो. अगर बेटा पसंद आ गया है तो अची बात है. कोई शक भी नही करेगा, और दोनो मज़े भी ले लोगे.
मृदुला: ह्म, तुम मेरे बारे में बुरा मत सोचना. यार मुझे एक बॉय की ज़रूरत है. मुझे बस जल्दी कोई ना कोई चाहिए. अब ज़्यादा वेट नही कर सकती. वैसे भी मैने मेसेज करने में बहुत देर कर दी. प्लीज़ यार कुछ करो.
मैं: यार तो बेटे को पत्ता लो. मज़े करोगी घर में.
मृदुला: बस यही तो प्राब्लम है यार दो बेटे है. समझ में नही आ रहा की किससे करू? अगर एक से करूँगी तो दूसरे का भी दर्र रहेगा. दूसरे से करूँगी तो पहले वाला क्या सोचेगा? अगर दोनो से करूँगी तो वो दोनो क्या सोचेंगे?मतलब दोनो साथ कैसे करेंगे? अगर एक बॉय होता तो सीक्रेट रह जाता.
मैं: ह्म्म्म्म.
मृदुला: दोनो का फेस एक जैसा है. मान लो मैने जे को सेट कर लिया, और भूल से कभी विजय को पकड़ लिया तो? उनको काई बार मैं खुद भी नही पहचान पति.
मैं: अर्रे यार दर्र मत. तुम दोनो को ही सेट कर लो. दोनो एक साथ तुझे छोड़ेंगे तो खूब मज़ा आएगा. एक बार उनको तेरी छूट मिल गयी तो वो कुछ नही बोलेंगे. आज-कल बाय्स को छूट चाहिए बस.
मृदुला: ऑश, बुत ये सब कैसे होगा? बस मुझे वो दोनो ग़लत ना समझे.
मैं: यार जब मेरे दादा मेरी मों को छोड़ रहे थे, तो अजीब लगा की मों को पकड़ कर क्यूँ छोड़ रहे है. बुत अगले दिन मों को चुड्ती देखी तो मेरा भी मूड बन गया. मैं सोचने लगा की मों को खूब दबा-दबा कर छोड़े तो मज़ा आएगा.
मृदुला: ऑश अगर मैं मेरे बेटों को पटौ तो वो क्या सोचेंगे अबौट मे?
मैं: अर्रे यार उनको तो मज़ा आ जाएगा. दोनो को घर में ही तेरी जैसी माल छोड़ने के लिए मिल जाएगी. वो तो सारी रात तेरे उपर ही चढ़े रहेंगे. घर में नंगी करके दिन-रात छोड़ेंगे. मूड बनते टाइम नही लगेगा.
मृदुला: ऑश वाउ, सुन कर मस्त फील हो रहा है.
मैं: यार घर को लॉक करके बेडरूम में नंगी करके ही छोड़ेगे. बारी-बारी से दोनो मज़े लेंगे. ना कोई रोकने वाला, ना कोई टोकने वाला. मूड बना और पकड़ कर छोड़नी शुरू. किसी का दर्र भी नही रहेगा.
मृदुला: यार ये सब सछो जाए तो मज़ा आ जाएगा.
मैं: तुम दिखने मैं कैसी हो? साइज़ क्या है? बूब्स बड़े है क्या?
मृदुला: एक-दूं मस्त हू. जो भी देखता है देखता ही रह जाता है. योगा करती हू तो फिट हू एक-दूं. मार्केट जाती हू तो सब घूरते है.
मैं: फिर तो समझ लो की दोनो बेटों से चूड़ने वाली हो तुम.
मृदुला: सच में? मतलब ये सच हो जाए तो बहुत मज़ा आएगा यार. सच बोलू तो अब रहा नही जेया रहा. रात को तो बाहर देखती हू की काश कोई भिखारी ही मिल जाए जो मेरे साथ कर ले. रात को मूड बन जाता है.
मैं: दोनो बेटे कैसे है? तुम्हारे साथ सेक्स कर लेंगे?
मृदुला: ह्म, दोनो लंबे है अपने पापा की तरह. बॉडी एक-दूं फिट है. दोनो काफ़ी आचे है बिहेवियर में. मतलब एक-दूं पर्फेक्ट है. बस यार वो मुझे ग़लत ना समझे.
मैं: तुमने अपना ट्रान्स्फर क्यूँ करवा लिया, जब आप अपने सिर के साथ सेट थी?
मृदुला: वो किए तो आचे के लिए था. सोचा की सिटी में अपने घर में आ जौंगी, और सिर को अपना किरायेदार बना कर रख लूँगी, ताकि रात को डेली अपने रूम में बुला साकु. बुत सब उल्टा हो गया. मेरा तो ट्रान्स्फर हो गया, और उनका दूसरी जगह हो गया. अब दोनो बेटे भी कॉलेज में हो गये है, तो अब हॉस्टिल की जगह मेरे साथ ही घर में रहेंगे.
मैं: हो सकता है आचे के लिए हुआ हो ये सब. तुमको एक चाहिए था, और अब दोनो बेटे मिल जाए.
मृदुला: अर्रे यार मुझे तो एक ही सेट करवा दो. रात को एक बेटा सो जाएगा तब कर लेंगे. तुम्हारी स्टोरी पढ़-पढ़ कर रहा नही जेया रहा. मैं तो काफ़ी टाइम से बेटों के साथ करने की सोच रही थी. बुत शरम और दर्र की वजह से मेसेज नही कर पाई.
मैं: सब हो जाएगा.
मृदुला: बेटों के साथ सोच-सोच कर गीली हो जाती हू. काई बार रात को सपने भी आते है की बेटा मुझे किचन में पकड़ कर किस कर रहा है.
मैं: बस सपना सच होने वाला है.
मृदुला: अगर ऐसे हो जाए तो तुम्हारा एहसान कभी नही भूलूंगी.
मैं: दोनो बेटों को अपने बूब्स दिखाने शुरू कर दो. निघट्य पहन कर घूमा करो. बूब्स देख कर खुद ही लंड तैयार हो जाएगा.
मृदुला: मैने पहले कभी बेटों के सामने ये सब नही किया है. अपने रूम में सोती हू, तभी निघट्य पहनती हू. वैसे दोनो बेटे मेरी बहुत रेस्पेक्ट करते है.
मैं: एक बार तुम उनके साथ बेड पर सो जाओ. फिर देखना तुमको वाइफ की तरह रखेंगे.
मृदुला: ऑश वाउ, सुन कर अछा लग रहा है. मुझे ऐसा फ्रेंड चाहिए जो सब प्यार से करे. खूब रेस्पेक्ट करे, और वो सब भी खूब मस्ती के साथ करे. बस ऐसा नही हो की बस पकड़ी और किया, फिर छ्चोढ़ दिया.
मैं: तेरे दोनो बेटे आचे है, तो वो रेस्पेक्ट करेंगे. आज-कल के बाय्स को पता है की लॅडीस को कैसे खुश रखा जाता है. दिन भर वेब सीरीस आती रहती है. उनमे बस ये सब चलता है. देवेर-भाभी, ससुर-बहू, और दोस्त की मदर के साथ.
मृदुला: मैं ट्राइ करूँगी. बुत मैने काई बार नोटीस किया है. दोनो बेटे मेरे बूब्स को देखते है. मतलब जब झुकती हू तो वो बूब की तरफ देखते रहते है.
मैं: ह्म और क्या देखते है.
मृदुला: काई बार मैने उनका टूल भी खड़ा देखा है. मोबाइल में भी वो आज-कल वेब सीरीस देखते है. मतलब उनको सब पता है. सुबह छाई देने जाती हू तो उनका टूल तन्ना हुआ होता है. मतलब दोनो का टूल लंबा है.
मैं: और क्या करते है?
मृदुला: बस दोनो आचे है. एक-दूं जवान है. काई बार देखा है की वो मेरे बूब्स देख कर अजीब सा फील करते है. मतलब बूब को लगातार देखते है. फिर नज़र घुमा लेते है. वैसे मैं ज़्यादा बूब नही दिखती, बुत फिर भी दिख हो जाते है.
मैं: तुम ज़रा सी कोशिश करो तो दोनो बेटों के साथ मज़ा ले सकती हो. दोनो पर एक साथ ट्राइ शुरू कर दो.
मृदुला: पहले तो रॉनी पर ही ट्राइ करूँगी. मुझे लगता है की वो तैयार हो जाएगा. ज़्यादातर वो ही घूरता है मेरे बूब्स को.
मैं: तुम दोनो पर ट्राइ कर लो. कोई एक तो पट्ट ही जाएगा.
मृदुला: नही यार कहना ईज़ी है. करने में बहुत दर्र लगता है. दोनो बेटे मेरी बहुत रेस्पेक्ट करते है. अगर रॉनी करेगा तो मैं हा कर दूँगी. बुत मैं पहले खुद चल कर उसको छोड़ने के लिए नही बोलूँगी.
मैं: सही है यार.
मृदुला: अब बहुत दिन तक प्यासी रहा नही जाता. स्कूल में भी सब ओल्ड टीचर्स है. मैं तो बस तुम्हारी स्टोरी पढ़ कर बेटे से करने की सोचने लगी.
मैं: क्या फील करती हो?
मृदुला: काई बार सपना आता है की जैसे बेटा मुझे किस कर रहा है. वो च्छूप कर अपने रूम में बुला रहा है. मगर सपने में बेटे के साथ सेक्स नही हुआ. बस किस करता है, और पीछे से पकड़ता है, या फिर छोड़ना चाहता है तो कोई घर में आ जाता है. इतने में आँखें खुल जाती है.
मैं: मुझे भी मों छोड़ने के बहुत सपने आते है.
मृदुला: चलो यार तुम मेरी हेल्प कर देना. मुझे तोड़ा दर्र लग रहा है. चल कल मेसेज करती हू तुम को. रात बहुत हो गयी.
मृदुला ने बाइ बोल दिया. अगले दिन क्या कुछ हुआ? वो सब अगली स्टोरी में. आप भी अपना सेक्स एक्सपीरियेन्स बीटीये सकती हो. आपको स्टोरी अची लगे तो बताना.