अब तक आपने पढ़ा..
सविता आंटी और उनकी सहेलियां मेरे लौड़े को देखने का इन्तजार कर रही थीं।
अब आगे..
नफ़ीसा आंटी ने जैसे ही मेरी चड्डी उतारी मेरा लंड स्प्रिंग की तरह बाहर आकर थोड़ा हिलोरें मार के रुक गया। मेरे लंड की नसें फूल गई थीं और प्री-कम निकल रहा था, इससे मेरे लंड का टोपा पूरा गीला हो गया था।
सविता ने लौड़ा चूसा
सविता आंटी ने कहा- मेरा किराएदार है.. तो सबसे पहले मैं इसका चुसूंगी।
उन्होंने मेरा लौड़ा हाथ में लेकर चूसना चालू कर दिया। वो घोड़ी बनकर मेरा लंड चूस रही थीं.. और मेहता आंटी उनके पीछे जाकर उनकी गाण्ड चाटने लग गईं।
नफ़ीसा आन्टी को नंगी किया
रचना आंटी ने कहा- नफ़ीसा हमारी सबसे जवान प्लेयर.. ज़रा रोल में आओ यार..
उन्होंने नफ़ीसा आंटी का दुपट्टा खींच दिया और कुर्ते को उठाना चालू किया, नफ़ीसा आंटी ने अपने हाथ ऊपर कर दिए।
नफ़ीसा आंटी के मम्मे सबसे बड़े तो नहीं थे लेकिन थे सबसे शानदार.. जो उनकी ब्रा से बाहर निकालने के लिए झाँक रहे थे।
फिर उन्होंने सलवार का नाड़ा खींच दिया और सलवार अपने आप नीचे सरक गई। उनकी ब्लैक कलर की पैन्टी में से चूत का फूला हुआ उभार दिखाई दे रहा था।
उनकी पैन्टी चूत के रस से गीली हो गई थी।
फिर नफ़ीसा आंटी ने खुद ही अपनी पैन्टी उतार दी.. कसम से नफ़ीसा आंटी का फिगर इन सबसे अच्छा था और वो सबसे ज़्यादा सुन्दर और गोरी भी थीं।
उन्होंने जब अपने दोनों हाथ पीछे किए ब्रा खोलने के लिए.. तो वो सीन आज भी मेरी जिन्दगी का सबसे शानदार सीन है।
ब्रा के बटन खुलते ही उनके बड़े-बड़े.. सख्त और गोरे-चिट्टे मम्मे हेडलाईट की तरह चमक रहे थे। उनके निप्पलों के तो क्या कहने.. एकदम पिंक और कड़क थे।
मेहता आंटी ने कहा- बच्चे का लण्ड उद्घाटन तो नफ़ीसा ही करेगी।
अब नफ़ीसा आंटी भी खुल गई थीं।
आंटी की चूत चुदाई
यह कहते ही सविता आंटी पीछे हट गईं और नफ़ीसा आंटी मेरे खड़े लौड़े पर आकर बैठ गईं।
मैंने उन्हें कसके बांहों में भर लिया।
वो मेरे ऊपर-नीचे हो रही थीं और उनके मम्मे ज़ोर-ज़ोर से हिल रहे थे, मैंने उनके मम्मों को ज़ोर से पकड़ कर दबा दिए।
वो चिल्लाईं – आउच.. धीरे से मेरे बेटे.. धीरे से..
मैंने उनकी आवाज़ पहली बार सुनी थी।
मेहता आंटी बोलीं- नफ़ीसा थोड़ा हमारे लिए भी छोड़ दे यार..
यह कहते हुए मेहता आंटी फर्श पर अपनी टांगें फैला कर लेट गईं।
नफ़ीसा आंटी हट गई और मैं मेहता आंटी के ऊपर चढ़ कर उनको चोदने में लग गया।
जब मैं उन्हें चोद रहा था.. तो रचना आंटी ने मेरे कूल्हों पर जोरदार थप्पड़ मार दिया.. इससे मैं और उत्तजित होकर ज़ोर से झटके देने में लग गया।
सविता आंटी.. मेहता आंटी के मुँह पर जाकर बैठ गईं और अपनी चूत को चटवाने में लग गईं।
हे भगवान सविता आंटी ऐसी होंगी.. मैंने सोचा नहीं था।
रचना आंटी और नफ़ीसा आंटी पास में ही फर्श पर 69 पोज़िशन में लेट गईं और एक-दूसरे की चूत को चाटने में लग गईं। ये देख कर और मेहता आंटी को चोदते-चोदते मेरा माल उनकी चूत में निकल गया।
मेहता आंटी बोलीं- लो यह छोकरा तो निपट ही गया।
मैं सोफे पर जाकर बैठ गया।
बाकी की तीनों आंटियां मेहता आंटी की चूत चाटने लगीं और बारी-बारी से मेरा उनकी चूत में निकाला हुआ माल चाट गईं।
लेकिन अभी मैंने सविता आंटी और रचना आंटी को नहीं चोदा था।