Savita Chachi Aur Pados Ki Chudasi Auntiyan- Part 2

मैंने उनकी गाण्ड पर ज़ोर से चपत मारी.. उनकी गाण्ड लाल हो गई।

मैंने लंड अन्दर डाला लेकिन पूरा नहीं घुसा.. उन्होंने पीछे की तरफ ज़ोर से धक्का लगाया.. तो मेरा पूरा लंड गाण्ड फाड़ कर अन्दर घुस गया।

वो चिल्लाईं- मार डाला रे.. आज तो फाड़ दी मेरी गाण्ड..

मैंने खूब झटके लगाए और जब निकलने वाला था तो मैंने लंड बाहर निकाल लिया और नफ़ीसा आंटी के चेहरे पर और मम्मों पर पूरा पानी छोड़ दिया।
सभी आंटियां वीर्य को उनके चेहरे और मम्मों पर से चाटने में लग गईं।

सविता आंटी ने अपने मुँह से वीर्य निकाल कर नफ़ीसा आंटी को चाटने के लिए दिया।

नफ़ीसा आंटी और रचना आंटी की तो गाण्ड फट गई थी, उनमें अब चुदने की हिम्मत नहीं बची थी, उन्हें अब घर वापस जाना भी था.. तो उन्होंने शावर लिया और तीनों आंटियां जाने के लिए रेडी हो गईं।

अब हम दोनों.. सविता आंटी और मैं.. हम दोनों अभी तक नंगे ही थे। सविता आंटी कपड़े पहनने लगीं.. तो नफ़ीसा आंटी ने बोला- सविता भाभी, अभी आपकी चुदाई बाकी है।

सविता आंटी समझ गई और उन्होंने कपड़े नहीं पहने.. वो मेरी तरह नंगी ही बनी रहीं।
तीनों आंटियां अब जाने वाली थीं तो उन तीनों ने मेरे लंड को किस किया और कहा- चलते हैं बेटे.. कल फिर मिलेंगे।

मैंने सबको ‘बाय’ कहा और मैं और सविता आंटी नंगे ही सबको ‘सी-ऑफ’ करने गेट तक गए। जाते वक़्त नफ़ीसा आंटी ने मुझे बांहों में लेकर किस कर दिया।
मैं आज बहुत खुश था।

यह कहानी भी पड़े  कैसे मैने अपनी पड़ोसन को चोदा

सविता के साथ नहाया

तीनों आंटियां चली गईं, अब घर में सिर्फ़ मैं और नंगी सविता आंटी ही बचे थे।
मैं सिर्फ़ उन्हें ही घूर रहा था, वो भी बेशर्मों की तरह मेरे सामने नंगी ही थीं।

वे कमरे को फिर से सैट कर रही थीं।
उन्होंने फर्श साफ़ किया.. फिर कहा- चलो नहा लो।

हम दोनों ने एक साथ शावर लिया।
इतनी चुदाई करने के बाद मेरा लंड दर्द कर रहा था और आंटी भी इस बात को समझती थीं।

उन्होंने कहा- मुझे पता है तुम आज बहुत थक गए हो और तुम्हारा प्यारा लंड भी.. आज के लिए तुम्हें छोड़ देती हूँ लेकिन अगली बार नहीं.. मैं तो तुमसे चुदवा कर ही रहूँगी।
मैंने कहा- ऑफ कोर्स सविता डार्लिंग।

मैंने कपड़े पहन लिए। मैंने सोफे पे पड़ी अपनी पैन्ट से 1500/- निकाल कर आंटी को दिए- ये लो किराया।
उन्होंने कहा- रहने दे.. अब तो तू मेरे हज़्बेंड जैसा है.. तुझसे पैसे नहीं लूँगी।

लेकिन मैंने उन्हें पैसे दे ही दिए। आख़िर में मुझे फ्री में 4-4 औरतों को चोदने का सौभाग्य जो प्राप्त हुआ था।

मैं नीचे अपने कमरे में आ गया।
आज बहुत ज़्यादा थकान होने के कारण मैं जल्दी ही सो गया था।

अब मुझे कोई डर नहीं था। मैं गेट खोलकर ही नंगा सो गया। सुबह कल की ही तरह आंटी 7 बजे मेरे कमरे में आईं। तब तक सभी लड़के कोचिंग के लिए जा चुके थे।

उन्होंने मुझे जगाया और कहा- तुम इस तरह गेट खोलकर क्यों सोते हो.. कोई देख लेगा तो क्या कहेगा।
मैंने कहा- डोंट वरी आंटी, मेरे बारे में सभी लड़कों को पता है और वो सब भी ऐसे ही सोते हैं। हम सब कभी-कभी एक साथ मुट्ठी भी मारते हैं.. सो डोंट वरी।

यह कहानी भी पड़े  Customer Ki Sexy Biwi Rashmi

उन्होंने कहा- चलो ठीक है फिर.. कोई बात नहीं.. पर हमारे बारे में किसी को मत बताना यार।
मैंने कहा- डोंट वरी आंटी, बी कूल।

Pages: 1 2 3 4 5



error: Content is protected !!