Savita Chachi Aur Pados Ki Chudasi Auntiyan- Part 2

इतना सब होने के बाद सविता आंटी रसोई में कोल्डड्रिंक लेने के लिए गईं। सभी आंटी सोफे पर बैठ गईं और टीवी ऑन कर दिया। नफ़ीसा आंटी मेरी गोद में आकर बैठ गईं.. मैं उनके मम्मों को चाट रहा था और उनकी चूत में उंगली कर रहा था।

चूत गांड में मोमबत्ती

थोड़ी देर बाद सविता आंटी कोल्डड्रिंक की ट्रे लेकर आईं।
उसमें कुछ कैंडल्स भी पड़ी हुई थीं।

मैंने कोल्डड्रिंक उठाई और पीने लगा.. तो नफ़ीसा आंटी ने बोला- ये पीने के लिए नहीं है बेटा..
रचना आंटी ने कहा- देखो.. ये इसके लिए हैं। उन्होंने कोल्डड्रिंक को सविता आंटी के पूरे बॉडी पर डाल दिया। मेहता आंटी ने कोल्डड्रिंक उठाई और मेरे और नफ़ीसा आंटी को नहला दिया.. जो मेरी गोद में बैठी हुई थीं।

रचना आंटी ने एक बॉटल को मेहता आंटी के ऊपर डाल दिया और एक को खुद के ऊपर डाल लिया। तीनों आंटियां फर्श पर लेट गईं और एक-दूसरे की बॉडी को चाटने लगीं।

मैं भी नफ़ीसा आंटी को चूसने लगा और वो मुझे चाटने लगीं।

फिर सविता आंटी ने सबकी चूत और गाण्ड में एक-एक कैंडल ठूंस दी। नफ़ीसा आंटी ने ये काम खुद अपने हाथों से किया।
उन्होंने मुझसे बोला- घोड़ा बनो बेटा।

जैसे ही मैं घोड़ा बना.. एक कैंडल उन्होंने थूक से गीला करके मेरी गाण्ड में भी डाल दी। मुझे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन मज़ा भी आ रहा था।

सारी आंटियां इतनी चुदक्कड़ थीं कि उन्हें किसी बात का होश नहीं था। सारी आंटियां एक-दूसरे से लिपट-लिपट कर कोल्डड्रिंक से लबरेज कभी चूत को.. कभी गाण्ड को.. कभी मम्मों को.. अपने होंठों से चाट रही थीं।

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सविता आंटी ने कहा- मेरा किरायेदार, कब चोदेगा मुझे?
रचना ने कहा- रूको सविता पहले मेरा नंबर है.. तुम तो कभी भी चुद लेना।

आन्टी की गांड मारी

मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो गया था और रचना आंटी कुतिया बन गई थीं। वे अपनी बड़ी सी गाण्ड को मेरी और करके मुझे चुदाई का इन्विटेशन दे रही थीं।

मैंने अपने घुटने मोड़े और डाल दिया लंड रचना आंटी की गाण्ड में.. वो चिल्ला पड़ीं ‘उउईइ माआ.. ग़लत जगह डाल दिया रे मेरे बच्चे..’
मैंने कहा- आंटी आपकी चूत इतनी बड़ी है.. मेरे लौड़े से क्या होगा.. वैसे भी आपकी गाण्ड बड़ी है.. इसे चोदने में ज़्यादा मज़ा आएगा।

यह सुन कर सारी आंटियां ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगीं।
हँसते हुए नफ़ीसा आंटी सबसे प्यारी लग रही थीं।

रचना आंटी की गाण्ड मारने पर जो ‘फॅक.. फॅक..’ की आवाज़ आ रही थी, वो पूरे कमरे में गूँज रही थी।
नफ़ीसा आंटी हमारी वीडियो क्लिप बना रही थीं।
मुझे इसमें बहुत मज़ा आ रहा था।

मेरा माल इस बार निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था।
मैं धकापेल चोदता रहा.. पर माल नहीं निकला।

रचना आंटी थक गई थीं.. फिर नफ़ीसा आंटी ने कहा- मैं चुदवाऊँगी मेरे बच्चे से..
उन्होंने अपनी चूत को मेरे सामने फैला दिया।
मैं उन पर कुत्ते की तरह टूट पड़ा।

वो बोलीं- ये तो मेरा फैन हो गया..

सच में पता नहीं उनकी चूत में क्या कशिश थी.. मेरा माल निकलने ही वाला था कि मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और थोड़ी देर रुक गया।
मैं उन्हें भरपूर चोदना चाहता था।

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अब मैंने अपना लंड उनकी गाण्ड में डालना चाहा तो उन्होंने कहा- रूको..
वो घोड़ी बन गईं और कहा- ले फाड़ दे बेटा.. आज मेरी इस गाण्ड को.. इसको और बड़ी कर दे।

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