मैंने किस करते ही उसकी चूत में एक बार फिर से धक्का मारा। मेरा पूरा लंड सुहानी की चूत में घुस गया। सुहानी तड़पने लगी। मै उसे दबाए उसे किस करता रहा। सुहानी मेरा लंड अपनी चूत से निकालना चाहती थी। मैंने उसे नहीं निकालने दिया। धीऱे धीऱे मैंने अपना लंड उनकी छूट में आगे पीछे कर रहा था। धीऱे धीऱे सुहानी शांत होने लगी। उसका दर्द भी कम हो गया। मैंने उसकी होंठो से अपना होठ उठाया। मैंने उसे बेड के किनारे किया। मैं नीचे खड़ा होकर अपना लंड सुहानी की चूत में पेलने लगा। सुहानी की हल्का हल्का दर्दअब भी हो रहा था। लेकिन फिर भी चुदाई में उसे बहुत मजा आ रहा था। सुहानी अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी। मैं उसकी चूत को चीर फाड़ रहा था। सुहानी अपनी कमर हिला हिला के चुड़वा रही थी। सुहानी की चूत चोदने में बहुत मजा आ रहा था। सुहानी की चूत फट गई थी। उसकी चूत का दर्द भी आराम हो गया था। मैंने सुहानी की एक टांग उठाकर बिस्तर पर लेट गया। सुहानी अपनी टांग उठाये थी। मैंने पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डालकर उसकी जम कर चुदाई करने लगा। सुहानी “आ आ आ अह् हह्हह..ई ई ई.. ईईईई. .ओह्ह्ह्.. .अई..अई.अई.अई..मम्मी..”
चिल्ला रही थी। मै सुहानी की चूत में धकापेल अपना लंड पेल रहा था। सुहानी की चूत अपना पानी छोड़ रही थी। सुहानी की चूत से छप छप की आवाज आ रही थी।
सुहानी की दोनों टांगो को उठा कर सुहानी की कमर उठा उठा के चोद रहा था। सुहानी भी कमर उछाल उछाल कर चुदवा रही थी। सुहानी को कुतिया बनाया। सुहानी की चूत में लौंडा डाल कर कुत्तो की तरह चोदने लगा। मेरे पेलने के धक्के से सुहानी जोर जोर से हिल रही थी। सुहानी का लटकती चूंची उछल रही थी। सुहानी ने अपनी चूत पर उंगली रखकर जोर जोर से मसल रही थी। मैंने अपना लंड सुहानी की चूत से निकाल लिया। मै नीचे लेट गया। सुहानी की चूत की खुजली अभी शांत नहीं हुई थी। सुहानी मेरे लंड पर आकर अपनी चूत का छेद लगाकर बैठ गई। मेरा पूरा लंड सुहानी की चूत में घुस गया। सुहानी ऊपर नीचे होकर चुदवा रही थी। कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने सुहानी को उठा लिया। अपनी गोद में लेकर दीवार से चिपका कर चोदने लगा। मै सुहानी को उछाल उछाल कर चोद रहा था। सुहानी को भी झूले की तरह झूलकर चुदवाते अच्छा लग रहा था। सुहानी मेरा गला पकड़े उछल उछल के चुदवा रही थी। मै थक गया। मैंने सुहानी को नीचे उतार दिया। सुहानी की चूत ढीली हो गई। इतनी चुदाई के बाद उसकी चूत की चटनी बन गई। मैंने सुहानी को झुकाया। इस बार मैंने अपना गीला लंड सुहानी की चूत से निकालकर उसकी गांड के छेद में लगा दिया।
सुहानी कुछ कहती उससे पहले मैंने उसकी कमर पकड़ कर जोर से धक्का मार कर अपना लंड सुहानी की गांड में घुसा दिया। सुहानी जोर से चिल्लाई ओह्ह मम्मी.मम्मी.मम्मी.सी सी सी सी.. हा हा हा .ऊऊऊ.ऊँ.ऊँ..ऊँ.उनहूँ उनहूँ.” करके चिल्ला रही थी। मैंने बिना ध्यान दिए फिर से धक्का मारा इस बार मेरा पूरा लंड सुहानी की गांड ने अंदर ले लिया। सुहानी अपनी चूत मसल रही थी। सुहानी की टाइट गांड मारने से मेरा लौड़ा भी दर्द कर रहा था। लेकिन फिर भी मैं सुहानी की गांड में अपना लौड़ा कर उसकी गांड मारता रहा। दर्द से वो चीख रही थी। उसकी चीख पूरे रूम में गूँज रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई। मै भी झड़ने वाला हो गया। मैं जल्दी जल्दी सुहानी की गांड मार रहा था। मैंने अपना लंड सुहानी की गांड से निकाल करसुहानी के सामने कर दिया। सुहानी अपनी गांड नीचे रख के नहीं बैठ पा रही थी।
मैंने सुहानी को लिटा दिया। सुहानी के मुँह में अपना लंड डालकर मुठ मारने लगा। मैने अपना सारा माल सुहानी की मुँह में गिरा दिया। सुहानी मेरे लंड का सारा माल पी गई। मै सुहानी के ऊपर ही लेट गया। सुहानी की गांड दर्द कर रही थी। वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। मैंने उसे दर्द की दवा दी। फिर हमलोग बॉथरूम में नहाने चले गये। बॉथरूम में भी ढेर सारी मस्ती की। बाद में सुहानी अपने घर चली गई। हैं लोग अब जब भी मौका पाते है। खूब चुदाई करते है। जब भी सुहानी के घर पर कोई नहीं होता है। वो फ़ोन करके बुला लेती है। फिर हम लोग खूब चुदाई करते हैं।