नक्श को बिज़्नेस ट्रिप पर गये हुए दो दिन हो चुके थे. इशिका अपना काम करते हुए सोच रही थी पापा को कैसे सिड्यूस करू चुदाई के लिए. एक दिन तो टाइट कुरती पहनी, उसमे तो उसके चुचे भी बाहर होने को आ रहे थे, और लेगैंग्स में उसकी आस भी उभर के दिख रही थी.
दूसरे दिन मॅक्सी ड्रेस पहनी, जिसमे उसके चुचे दिख रहे थे, और वो बहुत हॉट लग रही थी. पर पापा ने ध्यान नही दिया. दूसरी तरफ आशीष को सब समझ आ रहा था, की इशू करना क्या चाहती थी. वो जान कर भी अंजान बन रहा था. पर उसने सोच लिया था की उसे करना क्या था.
तभी बेल बजती है, और इशिका दरवाज़ा खोलने जाती है. आशीष अंदर आ कर कहता है की उसने कृष को स्कूल छ्चोढ़ दिया था, और सब्ज़ी देते हुए कहता है की वो मार्केट से लेते हुए आया था.
आशीष: इशू, क्या हुआ? तुम कहा खोई हो?
इशू: कही नही पापा, अपना काम कर रही थी.
आशीष: या कुछ सोच रही हो, जो नक्श कह रहा था उसके बारे में?
इशू: नही तो पापा, आप को ऐसा क्यूँ लगा?
आशीष: दो दिन से देख रहा हू, तुम मुझे सिड्यूस करने की कोशिश कर रही हो. तुमने जो कपड़े पहने थे उहे देख कर तो यही लग रहा था.
ये सुन कर इशू शर्मा जाती है और कहती है: ऐसा कुछ नही है पापा.
आशीष: अगर ऐसा नही है तो तुमने ये टांक टॉप और शॉर्ट्स क्यूँ पहने है? जब मैं कृष को स्कूल छ्चोढने गया था, तब तो गाउन पहने रखा था. मेरे आने तक तुमने ड्रेस चेंज कर ली. सच बताओ क्या बात है?
इशू: जब आप जानते है तो पूच क्यूँ रहे है?
आशीष इशू को अपनी बाहों में लेकर कहता है: क्या सच में तुम मुझसे चुदाई करना चाहती हो?
इशू: हा पापा चाहती हू आपसे चुदाई करना. क्या आप नही चाहते?
आशीष: हा पहले सही नही लग रहा था ये करना. पर तुम्हे जब ऐसे कपड़ो में देखा, तो मुझे भी लगा की हमे चुदाई करनी चाहिए. बहुत दिन हो गये मुझे चुदाई किए हुए. तुम्हारी सासू मा जब थी तो ठीक था, पर अब मुझे भी अकेलापन लगने लगा था.
आशीष: जब नक्श बाहर जेया कर ये सब कर सकता है, तो तुम क्यूँ नही? और तुम्हारे किसी और के साथ चुदाई करने से अछा है की हम साथ में चुदाई करे.
पर तुम्हे मेरे साथ चुदाई करने में कोई प्राब्लम तो नही? क्यूंकी अब मैं उतना यंग नही रहा.
इशू: कैसी बात कर रहे है पापा? आप तो बहुत फिट हो, और हॅंडसम भी हो.
आशीष: अछा तो मैं तुम्हे हॅंडसम भी लगता हू. ठीक है फिर रात में तुम्हारे बेडरूम में आ जौंगा. पर उसके पहले एक किस तो बनता है.
इससे पहले इशू कुछ समझ पाती, आशीष इशू को किस करने लगता है, और वो भी उसका साथ देने लगती है. आशीष इशू को डाइनिंग टेबल पर बिता देता है, और उसकी लेग्स के बीच में खड़ा हो जाता है.
धीरे-धीरे उसे नेक पर किस करता है, और फिर शोल्डर्स पर. उसके दोनो चुचो के बीच में किस करता है. इशू अपने हाथ आशीष की बॅक पर घूमती है. इतने में आशीष इशू का टांक टॉप निकाल देता है.
आशीष: क्या बात है इशू! लगता है तुम तैयार थी. ब्रा भी नही पहनी.
ऐसा कहते हुए चुचे दबाने लगता है, और उन्हे चूमने लगता है. इधर इशू का बुरा हाल था. उसकी सिसकारियाँ निकल रही थी-
इशू: आ आ पापा, क्या कर रहे है आप? मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा.
आशीष का लंड भी खड़ा होने लगता है, और उससे भी अब बर्दाश्त नही हो रहा था.
आशीष: अभी तो सिर्फ़ शुरुआत है, अभी से तुम्हारी हालत खराब हो गयी? इशू अब मैं भी रात तक रुक नही पौँगा. पर कृष को भी लेने जाना है.
इशू: रुकिये मैं मेरी मा को बोल देती हू. वो कृष को ले लेंगी स्कूल से, और शाम को मेरे पापा उसे घर छ्चोढ़ देंगे.
इशू फिर कॉल करके अपनी मा को बोल देती है कृष को स्कूल से अपने यहा ले जाए और स्कूल में कृष की टीचर को बता देती है. आशीष इशू को अपनी गोद में उठा कर बेडरूम में ले जाता है, और बेड पर बिता देता है. वो फिरसे उसे चूमने लगता है. इशू बराबर उसका साथ देती है.
आशीष उसके चुचे चूमता है. उसके पेट पर भी चूमता है, और नीचे शॉर्ट्स पर से उसकी छूट पर चूमता है. इधर इशू का बहुत बुरा हाल था. वो बस आ ह्म की आवाज़ निकालती है. उसे बहुत अछा लग रहा था. उसे यकीन नही हो रहा था की वो अपने ससुर से चूड़ने वाली थी.
आशीष इशू के शॉर्ट्स निकालता है. उसे विश्वास नही होता की इशू ने पनटी नही पहनी थी. उसकी चिकनी छूट देख कर उसका लंड खड़ा हो जाता है. वो अपनी उंगलियों से छूट खोलता है, और दूसरे हाथ की उंगली छूट में डालता है.
आशीष: क्या गीली छूट है इशू तुम्हारी, मज़ा आ गया.
और अपनी उंगली अंदर-बाहर करने लगता है.
इशू: पापा रुकना मत, करते रहो, अछा लग रहा है.
आशीष अपनी उंगली निकालता है, और अपनी टंग अंदर डाल कर उसकी चुदाई करने लगता है.
इशू: आ पापा, और करो, बहुत अछा लग रहा है, करते रहो. आ पापा, मैं झड़ने वाली हू.
ये कहते हुए उसने अपना पानी छ्चोढ़ दिया और आशीष उस पानी को पी लेता है, और इशू के लिप्स फिरसे चूम लेता है. फिर आशीष भी अपने कपड़े उतार देता है, और इशू कहती है-
इशू: पापा आप बैठो, मैं आपका लंड चूमूंगी.
आशीष: नही आज नही, फिर कभी. अभी तो मेरा लंड तुम्हारी छूट में जाने के लिए मचल रहा है.
और ये कहते हुए उसकी छूट में अपना लंड डाल देता है. इशू की सिसकारी निकल जाती है.
आशीष: इशू तुम ठीक हो?
इशू: हा पापा, आप चुदाई शुरू करो, मैं ठीक हू.
ये कहते हुए अपना लंड अंदर बाहर करने लगता है, और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगता है.
इशू: आह ह्म पापा, ज़ोर से करो आ, कितना मज़ा आ रहा है बता नही सकती.
इधर आशीष चुदाई करते हुए इशू के चुचे चूमने लगता है, और उसके लिप्स चूमने लगता है.
आशीष: आह ह्म इशू तुम्हारी छूट कितनी मस्त है. मज़ा आ गया. नक्श तुम्हे छोड़े बिना कैसे रह लेता है? पता है अब मैं तुम्हारी चुदाई करे बिना नही रह पौँगा. आह ह्म इशू मैं झड़ने वाला हू.
इशू: पापा जल्दी करो, डाल दो आपका पानी मेरे अंदर.
आशीष: आ इशू, लो मेरा पानी.
ये कहते हुए आशीष उसकी छूट में झाड़ जाता है. फिर अपना लंड निकाल कर उसकी बगल में लेट जाता है. आशीष इशू को अपनी बाहों में भर लेता है.
इशू: पापा आप रोज़ मेरे साथ चुदाई करोगे?
आशीष: हा इशू, रोज़ करूँगा.
हम दिन में समय निकल लिया करेंगे, और रात में तुम नक्श के साथ रहोगी ना.
इशू: और जब नक्श यहा नही होंगे, तब हम दिन रात साथ रहेंगे, और रोज़ चुदाई भी करेंगे.
आशीष: हा बिल्कुल करेंगे. अब मैं अपनी बहू से चुदाई किए बिना रह नही पौँगा. पर एक बात ध्यान रखना इशू, जब भी हम साथ में चुदाई करेंगे, चाहे जब नक्श घर पर हो या ना हो, हम पति-पत्नी की तरह करेंगे.
इशू: क्या कहना चाहते है पापा मैं समझी नही.
आशीष: मैं कह रहा हू, की जब हम चुदाई करेंगे, तुम मुझे अपना पति समझोगी, और मैं तुम्हे अपनी पत्नी. मैं तो तुम्हे इशू कहता ही हू, पर बहू नही कहूँगा, और तुम मुझे अपना ससुर नही समझोगी, और मेरा नाम लेकर बुलाओगी, ठीक है?
इशू: ठीक है पापा, ओह सॉरी आशीष. अब ठीक है?
आशीष: हा अब ठीक है.
कहते हुए इशू को चूम लेता है.
अब नक्श के आने तक आशीष और इशिका के बीच में क्या क्या होता है, और नक्श के आने पर उसे जब पता चलता है, की जो वो चाहता था वो हो गया था, तो उसका क्या रिक्षन होगा? ये सब अगले भाग में पता चलेगा.