बहन के साथ चूत चुदाई का मज़ा-1

“मैं बगल से हाथ निकल कर दीदी के सामने अख़बार पाकर लिया और दीदी अपनी हाथ पीछे करके ब्रा की हुक को लगाने लगीं।

दीदी की ब्रा को खोलकर पूरा मजा लिया

मैं पीछे से ब्रा का हुक लगाना देख रहा था। ब्रा इतनी टाईट थी की दीदी को भी हुक लगाने में दिक्कत हो रहीं थी। आख़िरकार दीदी ने अपनी ब्रा की हुक को लगा लिया।

जैसे ही दीदी ने ब्रा की हुक लगा कर अपने हाथ सामने किए माँ कमरे में फिर से आ गईं माँ बिस्तर पर बैठ कर दीदी से बातें करने लगीं। मैं उठ कर टॉयलेट की तरफ़ चल दिया, क्योंकी मेरा लंड बहुत गरम हो चुका था और मुझे उसे ठंडा करना था।

दूसरे दिन जब मैं और दीदी बालकोनी पर खड़े थें तो दीदी मुझसे बोलीं- हम कल रात क़रीब क़रीब पकड़ लिए गए थे।
मुझे बहुत शरम आ रहीं थी, “मुझे पता है और मैं कल रात की बात से शर्मिंदा हूँ।
तुम्हारी ब्रा इतनी टाईट थी की मुझसे उसकी हुक नहीं लगीं” मैंने दीदी से कहा।

दीदी तब मुझसे बोलीं- मुझे भी बहुत दिक्कत हो रहीं थी और मुझे अपने हाथ पीछे करके ब्रा की स्ट्रेप लगाने में बहुत शरम आ रहीं थी, दीदी तुम अपनी ब्रा रोज़ कैसे लगाती हो, मैंने दीदी से धीरे से पूछा।

दीदी बोलीं- हमलोग! फिर दीदी समझ गईं की मैं दीदी से मज़ाक कर रहा हूँ तब बोलीं- तू बाद में अपने आप समझ जाएगा।

फिर मैंने दीदी से धीरे से कहा, मैं तुमसे एक बात कहूँ? हाँ -दीदी तपाक से बोलीं।

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“दीदी तुम सामने हुक वाली ब्रा क्यों नहीं पहनती, मैंने दीदी से पूछा?
दीदी तब मुस्कुरा कर बोलीं, सामने हुक वाली ब्रा बहुत महँगी है। मैं तपाक से दीदी से कहा- कोई बात नही। तुम पैसे के लिए मत घबराओ, मैं तुम्हे पैसे दे दूंगा।

मैंने दीदी को नई ब्रा और पैंटी ख़रीदने के लिए पैसे दिए

मेरे बातों को सुनकर दीदी मुस्कुराते हुए बोलीं, तेरे पास इतने सारे पैसे हैं चल मुझे एक 100 का नोट दे। मैं भी अपना पर्स निकाल कर दीदी से बोला, तुम मुझसे 100 का नोट ले लो दीदी, मेरे हाथ में 100 का नोट देख कर बोलीं, नही, मुझे रुपया नहीं चाहिए।

मैं तो यूँही ही मज़ाक कर रहीं थी “लेकिन मैं मज़ाक नहीं कर रहा हूँ।“ दीदी तुम ना मत करो और यह रुपये तुम मुझसे ले लो और मैं ज़बरदस्ती दीदी के हाथ में वो 100 का नोट थमा दिया।

दीदी कुछ देर तक सोचती रहीं और वो नोट ले लिया और बोलीं, मैं तुम्हे उदास नहीं देख सकती, और मैं यह रुपये ले रहीं हूँ। लेकिन याद रखना सिर्फ़ इस बार ही रुपये ले रहीं हूँ।

मैं भी दीदी से बोला, सिर्फ़ काले रंग की ब्रा ख़रीदना। मुझे काले रंग की ब्रा बहुत पसंद है और एक बात याद रखना, काले रंग के ब्रा के साथ काले रंग की पैँटी भी ख़रीदना दीदी। दीदी शर्मा गईं और मुझे मारने के लिए दौड़ीं लेकिन मैं अंदर भाग गया।

अगले दिन शाम को मैं दीदी को अपनी किसी सहेली के साथ फ़ोन पर बातें करते हुए सुना। मैंने सुना की दीदी अपनी सहेली को मार्केटिंग करने के लिए साथ चलने के लिए बोल रहीं हैं।

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मैंने दीदी को अपने साथ मार्केट चलने को राजी किया

मैं दीदी को अकेला पा कर बोला, मैं भी तुम्हारे साथ मार्केटिंग करने के लिए जाना चाहता हूँ। क्या मैं तुम्हारे साथ जा सकता हूँ दीदी कुछ सोचती रहीं और फिर बोलीं- सोनू, मैं अपनी सहेली से बात कर चुकी हूँ और वो शाम को घर पर आ रहीं है और फिर मैंने माँ से भी अभी नहीं कही है की मैं शॉपिंग के लिए जा रहीं हूँ।

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