उफ्फ नयी भाभी को दिल खोल के प्यार दिया

मैं बोला “अभी तो केवल 6″ ही घुस पाया है.”

उन्होंने कहा ” मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैं बर्दास्त नही कर पा रही हू. तुम जल्दी से अपना पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दो. मैं तुम्हारा ये लंबा और मोटा लंड जल्दी से अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हू.” मैं ने फिर एक धक्का लगाया तो वो दर्द के मारे तड़पने लगी और उनके मूह से एक जोरदार चीख निकली. मेरा लंड उनकी चूत को फाडता हुआ और ज़्यादा घुस चुका था और उनकी बच्चेदानी के मूह को चूम रहा था.|उन्होंने चिल्लाते हुए ही मुझ से कहा “जल्दी करो, रूको मत. डाल दो अपना पूरा लंड मेरी चूत मे.” मैंने फिर से एक जोरदार धक्का मारा. उसे इस बार दर्द बर्दास्त नही हुआ. उनके मूह से फिर एक जोरदार चीख निकली. वो किसी मछली की तरह तड़पने लगी और अपने सर के बाल नोचने लगी. उनकी चेहरे पर पसीना आ गया और आँखो मे आँसू भर गये. मेरा लंड उनकी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस चुका था. मेरा लंड उनकी बच्चेदानी को पिछे धकेल रहा था. उन्होंने समझा कि अब मेरा पूरा लंड उनकी चूत मे घुस चुका है.

उन्होंने पुछा “क्या हुआ, पूरा घुस गया.”

मैं बोला “अभी नही, थोड़ा सा बाकी है.”

उन्होंने कहा “बाकी का लंड भी उनकी चूत मे जल्दी से डाल दो.”

मैंने पूरे ताक़त के साथ एक फाइनल धक्का मारा. वो दर्द से तड़पने लगी और सर के बाल नोचने शुरू कर दिए. उनकी आँखो से आँसू निकल रहे थे. मैं उनके चेहरे को देख रहा था और बोला “भाभी, अब मेरा लंड तुम्हारी चूत मे पूरा घुस चुका है.” वो भी मेरे दोनो बॉल्स को अपनी चूत पर महसूस कर रही थी.

उन्होंने कहा, “मेरे राजा , रूको मत. अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. अभी मेरी चूत चौड़ी नही हुई है. जब तुम ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे चोदोगे तब मेरी चूत चौड़ी हो कर तुम्हारे लंड के साइज़ की हो जाएगी और मेरा दर्द ख़तम हो जाएगा. फिर मैं भी मज़ा ले सकूँगी.”

मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. 20-25 धक्को के बाद उनका दर्द धीरे धीरे कम होने लगा और उनकी चूत ने इस बार ढेर सारा पानी छ्चोड़ दिया| अब उनकी चूत और ज़्यादा गीली हो चुकी थी. चूत गीला हो जाने की वजह से मेरा लंड ज़्यादा आराम अंदर बाहर होने लगा. जब मैंने 20-25 धक्के और लगा दिए तो उनकी चूत कुछ चौड़ी हो गयी और उनका दर्द एक दम ख़तम हो गया. फिर मुझे भी मज़ा आने लगा. उन्होंने चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देना शुरू कर दिया.

यह कहानी भी पड़े  इंग्लीश टीचर के साथ हॉट चुदाई

उन्होंने कहा “अब तुम मेरे पैरो को छोड़ दो और मेरे बूब्स को मसल्ते हुए मेरी चुदाई करो.”

मैंने उनका कहा मान लिया और उनके पैरो को छोड़ दिया. फिर मैंने उनके दोनो बूब्स को अपने हाथो से मसल्ते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी. मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. वो भी चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी. उन्होंने मेरा सिर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया | जब मैं धक्का लगाता तो वो अपना चूतड़ उपर उठा देती थी जिस से मेरा लंड उनकी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस जाता था. उनकी चूत के पानी से मेरा लंड एक दम गीला हो गया था. इस वजह से रूम मे फ़च फ़च की आवाज़ हो रही थी. मैं भी बहुत तेज़ी के साथ चोद रहा था. 10 मीं बाद मैंने उनकी कमर को बहुत ज़ोर से जाकड़ लिया और बोला “भाभी, मेरा जूस निकलने वाला है.”

उन्होंने कहा “तुम अपने लंड का जूस मेरी चूत मे ही निकाल दो.” तभी मेरी स्पीड और तेज हो गयी और 2 मीं मे ही मेरे लंड ने उनकी चूत को भरना शुरू कर दिया. मेरे साथ ही साथ उनकी चूत से भी पानी निकलने लगा. मैं एक दम भाभी से चिपक गया था. उसकी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी. आप यह कहानी न्यू हिंदी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और उनकी चूत को देखने लगा.

वो बोला “भाभी, तुम्हारी चूत तो एक दम सुरंग की तरह हो गयी है. मैं एक बात कहना चाहता हू, तुम बुरा तो नही मनोगी.”

उन्होंने कहा “मैं क्यों बुरा मानूँगी. अब तो तुम मेरे दोस्त से मेरे प्राइवेट पति हो गये हो.”

मैं बोला “जिस तरह तुम मुझे ग्लास मे पानी या जूस पीने के लिए देती हो, वो तुम्हारी चूत मे जूस भर कर पीना चाहता हू क्यों कि तुम्हारी चूत भी इस समय एक ग्लास की तरह दिख रही है.”

यह कहानी भी पड़े  शिवानी की ज़िंदगी का सफ़र

उन्होंने कहा,.”ठीक है, जा कर फ्रिज से जूस ले आ और इसमे भर कर पी ले.”

मैंने कहा “तुम अपना पैर इसी तरह उठा कर रखो जिस से ये सुरंग बंद ना हो जाए.” उन्होंने भी अपना पैर उसी तरह उठा कर रखा. मैंने फ्रिज से जूस ले कर आया. मैंने उनकी चूत मे जूस भरना शुरू कर दिया. पूरा 1 ग्लास जूस उनकी चूत मे समा गया.

मैं बोला “भाभी, तुम जानती हो, इस जूस मे कई तरह का टॉनिक मिला हुआ है.”

उन्होंने पुछा, “कौन सा टॉनिक.” वो बोला “इसमे जूस का टॉनिक तो है ही. लेकिन इस जूस मे तुम्हारी चूत और मेरे लंड का भी टॉनिक मिला हुआ है.”

वो हँसने लगी. मैं ने उनकी चूत पर मूह लगा कर उस जूस को पीना शुरू कर दिया. जब मैंने सारा जूस पी लिया तो

उन्होंने कहा “मुझे उस टॉनिक वाला जूस नही पिलाओगे.”

मैं बोला “क्यों नही.” मैंने फिर से उनकी चूत मे जूस भर दिया और वापस उसे ग्लास मे गिरा लिया. फिर उन्हें देते हुए बोला “लो, तुम भी ये जूस पी लो.” उन्होंने भी वो जूस पी लिया.

उन्होंने कहा “तुमने उनकी चूत इतनी चौड़ी कर दी कि इस मे 1 ग्लास जूस आने लगा.” इस पर मैं हँसने लगा और बोला “पहल तो आपने ही की थी. वो बाथरूम जाना चाहती थी लेकिन खड़ी नही हो पा रही थी. मैं उन्हें गोद मे उठा कर बाथरूम ले गया. बाथरूम के मिरर मे उन्होंने अपनी चूत को देखा तो उनकी चूत एक दम सुरंग की तरह दिख रही थी. वो अपनी चूत की इस हालत पर हँसने लगी. उसके बाद हम दोनो बाथरूम से वापस आ गये. बाथरूम से वापस आने के बाद वो कहा “मैं खाना बनाने जाती हू, तब तक आराम कर लो.” मैं बोला “ठीक है.” वो कपड़े पहन ने लगी तो मैं ने बोला “अब काहे की शरम. तुम इसी तरह एक दम नंगी ही खाना बना लो.” वो ठीक से चल नही पा रही थी. धीरे धीरे वो नंगी ही किचन मे खाना बनाने चली गयी. मैंने भी कपड़े नही पहने थे. मैं उसी तरह बैठ कर टीवी देखने लगा.

Pages: 1 2 3 4



error: Content is protected !!