नैन्सी और अनम का मधुर मिलन

अब मैं तो शादीशुदा थी, मुझे बताने की क्या ज़रूरत थी, मैंने तो खुद ही उसका अच्छे से लंड चूसा, टोपा बाहर निकाल कर चूसा, उसके आंड भी चाट गई। पहले वो खड़ा था, फिर बेड पे बैठ गया, फिर लेट गया, मगर मैं उसका लंड चूसती रही।

मेरी चूत में लंड
फिर वो बोला- बस कर यार, अब ऊपर आ जा!
मैंने उसका लंड छोड़ा और उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गई।

‘आज से पहले कभी किसी को चोदा है?’ मैंने पूछा।
वो बोला- नहीं, तुम पहली हो जो मेरा कौमार्य भंग करोगी।

मैंने कहा- कुँवारे तो नहीं हो तुम?
वो बोला- यह तो मुट्ठ मार कर सील तोड़ ली थी, वरना इस लंड ने आज पहली बार कोई चूत देखी है।

मैंने उसका लंड अपनी चूत पे सेट किया और बोली- ले लूँ अंदर?
वो बोला- बड़े शौक से!

और जब मैं बैठी तो उसके लंड का टोपा घुप्प से मेरी चूत में घुस गया।
मैं थोड़ा सा ऊपर को उठी और फिर बैठी और इस बार उसका आधे से ज़्यादा लंड मेरी चूत में समा गया।
एक दो बार और ऊपर नीचे किया और उसका सारा लंड मेरी चूत में चला गया।

‘एक मिनट यहीं रुको नैन्सी!’ वो बोला।
‘क्या हुआ?’ मैंने पूछा।
वो बोला- मैं इस अहसास को जीना चाहता हूँ कि जिस औरत से मैं इतने दिनों से मन ही मन प्यार करता था, आज मेरा लंड उसकी चूत में है।

मै थोड़ी देर उसका पूरा लंड अपनी चूत में लेकर बैठी रही, उसने मेरे दोनों बूब्स पकड़ रखे थे और दोनों को बारी बारी अपने मुंह में लेकर चूस रहा था।
मेरे बूब्स से भी टपाटप दूध टपक रहा था जो उसके चेहरे, छाती सब जगह गीला कर रहा था।

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फिर उसने मेरी कमर पे हाथ मार कर कहा- अब शुरू करो!
मैं आगे पीछे होकर चुदाई करने लगी और वो नीचे लेटा कभी मेरा दूध पीता तो कभी मेरे स्तनों से खेलता, कभी मुझे चूमता।

बड़ी मुश्किल से कोई 5 मिनट ही वो रुक पाया, और 5 मिनट की चुदाई के बाद वो बहुत ही जोश में आ गया- ओह… ओह… नैन्सी, मेरी जान और ज़ोर से चोद साली, और ज़ोर से उछल, साली चोद, बहनचोद लगा ज़ोर, आह आह!
कहता हुआ, नीचे से अपनी कमर चलाता हुआ वो झड़ गया।

मैंने वैसे तो उसका लंड अपनी चूत से निकाल दिया था, मगर फिर थोड़ा सा मुझे लगता है मेरे अंदर भी गिरा और बाकी सारा बाहर गिरा।

हम दोनों शांत हुये, नंग धड़ंग अगल बगल लेटे थे।
फिर मैं उठी और उसे भी उठाया, दोनों बाथरूम में गए, साथ नहाये।

‘नैन्सी क्या कभी तुमने गांड मरवाई है?’ उसने पूछा।

मैंने कहा- हाँ बहुत बार, मेरे पति अक्सर पीछे करते हैं गांड में!
‘मुझसे मरवाओगी?’ उसने फिर पूछा।

मैंने कहा- देखो अनम, आज जो कुछ हुआ हम दोनों के बीच, वो कह लो कि वक्ती जज़्बात में हो गया, मगर मैं नहीं चाहती कि ये सब दोबारा हो, अगर तुम चाहते हो कि हमारी दोस्ती बनी रहे तो प्लीज़ आज के बाद मुझे सेक्स के बारे में मत कहना, और न ही कभी ऐसे कोई डिमांड रखना, प्लीज़ मेरी रिकुएस्ट है तुमसे।

अनम बोला- ठीक है मेरी जान, तुमने मुझे ज़िंदगी का सबसे अनमोल तोहफा दिया, है, तो क्या मैं तुम्हारी इतनी सी भी बात नहीं मानूँगा, मगर अपनी दोस्ती मत तोड़ना।

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मैंने कहा- मैं नहीं तोड़ूंगी, अगर तुम अपने दायरे से बाहर नहीं जाओगे।
अनम ने कहा- ठीक है, मगर तुमसे हंसी मज़ाक, नॉन वेज जोक्स, और अगर कभी तुम अपने बेटे को दूध पिला रही हो और मैं सामने बैठा हूँ तो पर्दा तो नहीं करोगी।

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