नैन्सी और अनम का मधुर मिलन

‘मतलब, मैंने आपसे एक बार, सिर्फ एक बार, सेक्स करना चाहता हूँ।’ अनम बोला।
‘नहीं अनम!’ मैंने अपने दिल की आवाज़ के विरुद्ध कहा- मैं तुम्हारे भैया को धोका नहीं दे सकती।

अनम बोला- भाभी, आप इसे इस तरह से न सोचें, आप इसे ऐसे सोचें कि आप सिर्फ मुझे अपना प्यार दे रही हैं, बस!
कह कर उसने मेरे दोनों घुटनों को चूम लिया।

सेक्स के लिए हाँ कर दी
इस बार मुझे लगा के उसके चूमने से मेरी चूत में कुछ गीला गीला सा हुआ।
मैंने पहले तो सोचा, करूँ या न करूँ, फिर सोचा शादी से पहले भी तो कितनी बार किया था मैंने, अगर देखा जाये तो वो भी अपने होने वाले पति के साथ धोखा था, अब अगर आज मैं इसके साथ भी कर लूँ, तो किसको पता चलने वाला है।

मैंने कहा- देखो अनम, मैं एक शादी शुदा औरत हूँ, मेरा एक बेटा है, मैं बदनाम हो जाऊँगी, मेरा घर टूट जाएगा।
तो अनम एकदम से उठा और मेरे बराबर बैठ गया, मुझे कंधों से पकड़ कर बोला- नहीं, नैन्सी, मैं अपनी जान देकर भी तुम्हारा घर बचा लूँगा, तुम चिंता न करो।

भाभी से नैन्सी तक और आप से तुम तक का सफर उसने एक सेकंड में तय कर लिया।

मैंने कुछ न कहा तो उसने आगे बढ़ कर अपना चेहरा मेरे चेहरे के पास किया, मैंने फिर भी कुछ न कहा, तो उसने हल्के से मेरे होंठों पे एक छोटा सा किस किया।

सच कहती हूँ, सारे बदन के रोंगटे खड़े हो गए, इतना जोश, इतनी उत्तेजना पैदा हुई उस एक छोटे से चुम्बन से।
मेरी तरफ से कोई विरोध न देख कर अनम से फिर से दोबारा मुझे चूमा, इस बार उसने बड़े विश्वास से अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका दिये,

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जब मैंने भी चुम्बन में उसका साथ दिया तो उसने मुझे अपनी आगोश में ले लिया और मैं एक आज्ञाकारी पत्नी या प्रेमिका की तरह उसके सीने से लग गई और जब मैंने भी अपनी बाहें उसकी कमर की गिर्द लिपटा दी तो अनम ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी बगल में ही लेट गया।

उसने मेरे नंगे बदन को खूब प्यार किया
उसने मेरे माथे से मेरे बालों को हटाया और फिर मेरे माथे को चूमा, मेरी आँखों को चूमा- बहुत सुंदर आँखें हैं तुम्हारी नैन्सी मेरी जान!

फिर मेरे दोनों गालों को अपने होंठों में लेकर चूसा, और फिर मेरी ठोड़ी को अपने दाँतो से काटा, और अपने मुंह में लेकर चूसा और अपनी जीभ घूमा कर चाटा भी।

इस सब फॉर प्ले से मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो गई थी।
मैंने खुद अनम का चेहरा अपने हाथों में पकड़ा और खुद उसके होंठों पर एक लंबा चुम्बन दिया।
वो बहुत खुश हुआ और उठ कर बैठ गया।

सबसे पहले उसने मेरे दोनों पैर चूमे, मेरे पांव के अंगूठे को अपने मुंह में लेकर चूसा, जैसे औरतें मर्दों का लंड चूसती हैं, मैं भी ऐसे ही चूसती हूँ।
फिर सभी उँगलियों को चूमते हुये पांव से ऊपर टखने तक आया, मेरी चिकनी टांग पर हाथ फेर कर बोला- उफ़्फ़ कितनी चिकनी टाँगें हैं तुम्हारी!

और फिर मेरी टांग को चूमता चाटता ऊपर घुटने तक आया। मेरी टाँग को उठा कर उसने अपने कंधे पे रख लिया और दोनों हाथों से घुटने से फिराता हुआ नीचे को लाया और मेरी नाईटी जो घुटने तक थी, उसने सरका कर नीचे कमर तक कर दी और मेरी जांघ को बड़े प्यार से मसाज दी- अरे नैन्सी, बहुत सफाई की तुमने तो, एक भी बाल नहीं तुम्हारी चूत पर!

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