नैन्सी और अनम का मधुर मिलन

मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, दोस्ती पूरी तरह से खुली रहेगी, अगर मेरा कभी दिल किया, तो मैं तुम्हें दोबारा अपनी सेवा का मौका भी दे सकती हूँ, पर इसका कोई पक्का वादा नहीं है, सब मेरी मर्ज़ी और मेरे मूड पर ही है।

अनम बोला- मुझे मंजूर है।

उसके बाद हम दोनों रूम में आए, तो अनम बोला- अब आज तो मेरा यह आखरी दिन है, क्या आज मैं थोड़ा और प्यार कर सकता हूँ तुम्हारे बदन को?

मैंने कहा- अब और क्या प्यार करना है?\
वो बोला- बस थोड़ा सा!
मैंने हाँ कह दिया।

उसके बाद उसने मुझे खड़ा कर के करीब करीब मेरा सारा बदन ही चाट डाला, चूत में, गांड में, बगलों में सारे बदन पर अपनी जीभ फेरी, उसका लंड फिर से तन गया।

वो बोला- जानम, एक और बार चुद ले?
मैंने कहा- नहीं, अभी तुमने वादा किया, अभी तोड़ दोगे, सब्र रखो, शायद तुम्हारी किस्मत फिर किसी दिन जाग जाये।

उसके बाद मैं अपने कपड़े निकालने लगी अलमारी से तो वो मेरे पीछे खड़ा रहा।
जब मैंने अपने कपड़े निकाल लिए तो उसने खुद मुझे अपने हाथों से मेरी ब्रा, पेंटी, स्लेक्स, और टॉप पहनाया।

हस्तमैथुन
मैं ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ कर मेकअप करने लगी तो मुझे देख कर अपना लंड सहलाता रहा।
जब मैं बिल्कुल तैयार हो गई तो उसने मुझे अपने सामने बैठाया और मुट्ठ मारी।

पहली बार किसी मर्द ने मेरे सामने मेरे नाम की मुट्ठ मारी, सारा वक़्त वो मुझे गंदी गंदी बातें कहता रहा और जब वो झड़ा तो खूब गाली देकर झड़ा।
मुझे इस से कोई ऐतराज नहीं था।

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कुछ देर आराम करने के बाद वो उठा, अपने कपड़े पहने और चला गया।

आज भी हम बहुत अच्छे दोस्त हैं, एक दूसरे को नॉन वेज जोक्स सुनाते हैं, बहुत बार एक दूसरे को नंगा देखा है, उसके सामने मैं कई बार नहाई हूँ। मगर न उसने अपना वादा तोड़ा, न मैंने।

अब सोचती हूँ कि एक और बार उसको निहाल कर ही दूँ।
आप क्या कहते हो, दे दूँ उसको?

आपको मेरी कहानी कैसी लगी?

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