कमला की चुदाई

कमला की मुलायम गोरी गांड देखकर अमर अब अपनी वासना पर काबू न रख सका. वह उठा और कमला की कुंवारी गांड मारने की तैयारी करने लगा. अब रेखा भी मजा लेने लगी. उसने कमला से कहा. “मेरी प्यारी ननद रानी, मैने तुझसे वायदा किया था ना कि भैया आज तुझे नहीं चोदेंगे” कमला घबरा गई. रेखा ने उसे दिलासा देते हुए कहा. “घबरा मत बिटिया, सच में नहीं चोदेंगे” फ़िर कुछ रुक कर मजा लेती हुई बोली “आज वे तेरी गांड मारेंगे”

कमला सकते में आ गई और घबरा कर रोने लगी. अमर अब पूरी तरह से उत्तेजित था. उसने एक उंगली मक्खन में चुपड़ कर कमला के गुदा में घुसेड़ दी. उस नाजुक गांड को सिर्फ़ एक उंगली में ही ऐसा दर्द हुआ कि वह हिचक कर रो पड़ी. अमर को मजा आ गया और उसने कमला का सिर उठाकर अपना लंड उस बच्ची को दिखाया. “देख बहन, तेरी गांड के लिये क्या मस्त लौड़ा खड़ा किया है.”

उस बड़े महाकाय लंड को देखकर कमला की आंखे पथरा गई. अमर का लंड अब कम से कम आठ इंच लम्बा और ढाई इन्च मोटा हो गया था. वह अमर से अपनी चूत चुसवाने के आनन्द में यह भूल ही गई थी कि आज उस की कोमल कुंवारी गांड भी मारी जा सकती है.

अमर ने उसका भयभीत चेहरा देखा तो मस्ती से वह और मुस्काया. असल में उसका सपना हमेशा से यही था कि पहली बार वह कमला की गांड मारे तो वह जबर्दस्ती करते हुए मारे. इसीलिये उसने कमला को बार बार चूसकर उसकी सारी मस्ती उतार दी थी. उसे पता था कि मस्ती उतरने के बाद कमला सम्भोग से घबरायेगी और उस रोती गिड़गिड़ाते सुन्दर चिकनी लड़की की नरम कुंवारी गांड अपने शैतानी लंड से चोदने में स्वर्ग का आनन्द आयेगा.

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रेखा भी अब एक क्रूरता भरी मस्ती में थी. बोली “बहन, तेरी गांड तो इतनी नाजुक और सकरी है कि सिर्फ़ एक उंगली डालने से ही तू रो पड़ती है. तो अब जब यह घूंसे जैसा सुपाड़ा और तेरे हाथ जितना मोटा लंड तेरे चूतड़ों के बीच जायेगा तो तेरा क्या होगा?”

कमला अब बुरी तरह से घबरा गई थी. उसकी सारी मस्ती खतम हो चुकी थी. वह रोती हुई बिस्तर से उठने की कोशिश करने लगी पर रेखा की गिरफ़्त से नहीं छूट पाई. रोते रोते वह गिड़गिड़ा रही थी. “भैया, भाभी, मुझे छोड़ दीजिये, मेरी गांड फ़ट जायेगी, मैं मर जाऊंगी, मेरी गांड मत मारिये, मैं आपकी मुट्ठ मार देती हूं, लंड चूस कर मैं आपको खुश कर दूंगी. या फ़िर चोद ही लीजिये पर गांड मत मारिये”

रेखा ने उसे दबोचा हुआ था ही, अपनी मांसल टांगें भी उसने कमला के इर्द गिर्द जकड़ लीं और कमला को पुचकारती हुई बोली “घबरा मत बेटी, मरेगी नहीं, भैया बहुत प्यार से मन लगा कर मारेंगे तेरी और फ़िर तुझे आखिर अब रोज ही मराना है. हां, दर्द तुझे बहुत होगा और तू गांड पहली बार चुदते हुए बहुत छटपटायेगी इसलिये मैं तुझे पकड़ कर अपनी बाहों मे कैद रखूंगी.” रेखा फ़िर अमर को बोली. “शुरू हो जाओ जी” और कमला का रोता मुंह अपने मुंह में पकड़ कर उसे चुप कर दिया

अमर ने ड्रावर से रेखा की दो ब्रा निकालीं और एक से कमला के पैर आपस में कस कर बाम्ध दिये. फ़िर उसके हाथ ऊपर कर के पन्जे भी दूसरी ब्रेसियर से बांध दिये. “बहन ये ब्रा तेरी भाभी की हैं, तेरी मनपसंद, इसलिये गांड मराते हुए यह याद रख कि अपनी भाभी के ब्रेसियर से तेरी मुश्कें बांधी गई हैं.” उसने कमला को बताया. रोती हुई लड़की के पीछे बैठकर अमर ने उसके चूतड़ों को प्यार करना शुरू किया. उसका लंड अब सूज कर वासना से फ़टा जा रहा था पर वह मन भर के उन सुन्दर नितम्बों की पूजा करना चाहता था.

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