कमला की चुदाई

रेखा बीच बीच में अपनी उंगली अपने मुंह में डालकर अपना ही चिपचिपा रस चाट कर देखती और फिर मुट्ठ मारने लगती. कमला ने भी ऐसा ही किया तो उसे अपनी खुद की चूत का स्वाद बहुत प्यारा लगा. रेखा ने शैतानी से मुस्कराते हुए उसे पास खिसकने और मुंह खोलने को कहा. जैसे ही कमला ने अपना मुंह खोला, रेखा ने अपने चूत रस से भरी चिपचिपी उंगलियां उसके मुंह में दे दी.

रेखा ने भी कमला का हाथ खींच कर उसकी उंगलियां मुंह में दबा लीं और चाटने लगी. “यही तो अमृत है जिसके लिये यह सारे मर्द दीवाने रहते हैं. बुर का रस चूसने के लिये साले हरामी मादरचोद मरे जाते हैं. बुर के रस का लालच दे कर तुम इनसे कुछ भी करवा सकती हो. तेरे भैया तो रात रात भर मेरी बुर चूसकर भी नहीं थकते.”

कई बार मुट्ठ मारने के बाद रेखा बोली. “चल छोटी अब नहीं रहा जाता. अब तुझे सिक्सटी – नाईन का आसन सिखाती हूं. दो औरतों को आपस में सम्भोग करने के लिये यह सबसे मस्त आसन है. इसमें चूत और मुंह दोनों को बड़ा सुख मिलता है.” रेखा अपनी बांई करवट पर लेट गई और अपनी मांसल दाहिनी जांघ उठा कर बोली. “आ मेरी प्यारी बच्ची, भाभी की टांगों में आ जा.” कमला उल्टी तरफ़ से रेखा की निचली जांघ पर सिर रख कर लेट गई. पास से रेखा की बुर से बहता सफ़ेद चिपचिपा स्त्राव उसे बिल्कुल साफ़ दिख रहा था और उसमें से बड़ी मादक खुशबू आ रही थी.

यह कहानी भी पड़े  टर्की मे देसी खाला के साथ मज़े

Pages: 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25



error: Content is protected !!