कमला की चुदाई

रेखा ने उसका सिर पकड़ कर उसे अपनी चूत में खींच लिया और अपनी बुर के पपोटे कमला के मुंह पर रख दिये. “चुम्बन ले मेरे निचले होंठों को जैसे कि मेरे मुंह का रस ले रही थी.” जब कमला ने रेखा की चूत चूमना शुरू कर दिया तो रेखा बोली. “अब जीभ अन्दर डाल रानी बिटिया” कमला अपनी जीभ से भाभी को चोदने लगी और उसके रिसते रस का पान करने लगी. रेखा ने अब अपनी उठी जांघ को नीचे करके कमला का सिर अपनी जांघों मे जकड़ लिया और टांगें साइकिल की तरह चला के उसके कोमल मुंह को सीट बनाकर उसपर मुट्ठ मारने लगी.

भाभी की मांसल जांघों में सिमट कर कमला को मानो स्वर्ग मिल गया. कमला मन लगा कर भाभी की चूत चूसने लगी. रेखा ने बच्ची की गोरी कमसिन टांगें फैला कर अपना मुंह उस नन्ही चूत पर जमा दिया और जीभ घुसेड़ घुसेड़ कर रसपान करने लगी. कमला ने भी अपनी टांगों के बीच भाभी का सिर जकड़ लिया और टांगें कैंची की तरह चलाती हुई भाभी के मुंह पर हस्तमैथुन करने लगी.

दस मिनट तक कमरे में सिर्फ़ चूसने, चूमने और कराहने की अवाजें उठ रही थी. रेखा ने बीच में कमला की बुर में से मुंह निकालकर कहा. “रानी मेरा क्लाईटोरिस दिखता है ना?” कमला ने हामी भरी. “हां भाभी, बेर जितना बड़ा हो गया है, लाल लाल है.” “तो उसे मुंह में ले और चाकलेट जैसा चूस, उसपर जीभ रगड़, मुझे बहुत अच्छा लगता है मेरी बहना, तेरे भैया तो माहिर हैं इसमे.”

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रेखा ने जोर जोर से साइकिल चला कर आखिर अपनी चूत झड़ा ली और आनन्द की सीत्कारियां भरती हुई कमला के रेशमी बालों में अपनी उंगलियां चलाने लगी. कमला को भाभी की चूत मे से रिसते पानी को चाटने में दस मिनट लग गये. तब तक वह खुद भी रेखा की जीभ से चुदती रही. रेखा ने उसका जरा सा मटर के दाने जैसा क्लाईटोरिस मुंह में लेके ऐसा चूसा कि वह किशोरी भी तड़प कर झड़ गई. कमला का दिल अपनी भाभी के प्रति प्यार और कामना से भर उठा क्योंकि उसकी प्यारी भाभी अपनी जीभ से उसे दो बार झड़ा चुकी थी. एक दूसरे की बुर को चाट चाट कर साफ़ करने के बाद ही दोनों चुदैल भाभी ननद कुछ शांत हुई.

थोड़ा सुस्ताने के लिये दोनों रुकीं तब रेखा ने पूछा. “कमला बेटी, मजा आया?” कमला हुमक कर बोली “हाय भाभी कितना अच्छा लगता है बुर चूसने और चुसवाने मे.” रेखा बोली “अपनी प्यारी प्रेमिका के साथ सिक्सटी – नाइन करने से बढ़कर कोई सुख नहीं है हम जैसी चुदैलों के लिये, कितना मजा आता है एक दूसरे की बुर चूस कर. आह ! क्रीड़ा हम अब घन्टों तक कर सकते हैं.”

“भाभी चलो और करते हैं ना” कमला ने अधीरता से फ़रमाइश की और रेखा मान गई. ननद भाभी का चूत चूसने का यह कार्यक्रम दो तीन घन्टे तक लगातार चला जब तक दोनों थक कर चूर नहीं हो गई. कमला कभी इतनी नहीं झड़ी थी. आखिर लस्त होकर बिस्तर पर निश्चल पड़ गई. दोनों एक दूसरे की बाहों में लिपटकर प्रेमियों जैसे सो गई.

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शाम को रेखा ने चूम कर बच्ची को उठाया. “चल कमला, उठ, तेरे भैया के आने का समय हो गया. कपड़े पहन ले नहीं तो नंगा देखकर फ़िर तुझ पर चढ़ पढ़ेंगे” कमला घबरा कर उठ बैठी. “भाभी मुझे बचा लो, भैया को मुझे चोदने मत देना, बहुत दुखता है.

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