कमला की चुदाई

अन्त में उसने कमला को हाथ से हस्तमैथुन करना सिखाया.”देख कमला बहन, हम औरतों को अपनी वासना पूरी करने के लिये लंड की कोई जरूरत नहीं है. लंड हो तो बड़ा मजा आता है पर अगर अकेले हो, तो कोई बात नहीं.”

कमला भाभी की ओर अपनी बड़ी बड़ी आंखो से देखती हुई बोली “भाभी उस किताब में एक औरत ने एक मोटी ककड़ी अपनी चूत में घुसेड़ रखी थी.” रेखा हंस कर बोली “हां मेरी रानी बिटिया, ककड़ी, केले, गाजर, मूली, लम्बे वाले बैंगन, इन सब से मुट्ठ मारी जा सकती है. मोटी मोमबत्ती से भी बहुत मजा आता है. धीरे धीरे सब सिखा दूंगी पर आज नहीं. आज तुझे उंगली करना सिखाती हूं. मेरी तरफ़ देख.”

रेखा रण्डियों जैसी टांगें फ़ैलाकर बैठ गई और अपनी अंगूठे से अपने क्लाईटोरिस को सहलाना शुरू कर दिया. कमला ने भी ऐसा ही किया और आनन्द की एक लहर उसकी बुर में दौड़ गई. रेखा ने फ़िर बीच की एक उंगली अपनी खुली लाल चूत में डाल ली और अन्दर बाहर करने लगी.

भाभी की देखा देखी कमला भी उंगली से हस्तमैथुन करने लगी. पर उसका अंगूठा अपने क्लिट पर से हट गया. रेखा ने उसे समझाया. “रानी, उंगली से मुट्ठ मारो तो अंगूठा चलता ही रहना चाहिये अपने मणि पर.” धीरे धीरे रेखा ने दो उंगली घुसेड़ लीं और अन्त में वह तीन उंगली से मुट्ठ मारने लगी. फ़चाफ़च फ़चाफ़च ऐसी आवाज उसकी गीली चूत में से निकल रही थी.

कमला को लगा कि वह तीन उंगली नहीं घुसेड़ पायेगी पर आराम से उसकी तीनों उंगलियां जब खुद की कोमल बुर में चली गईं तो उसके मुंह से आश्चर्य भरी एक किलकारी निकल पड़ी. रेखा हंसने लगी. “अभी अभी भैया के मोटे लंड से चुदी है इसलिये अब तेरी चारों उंगलियां चली जायेंगी अन्दर. वैसे मजा दो उंगली से सबसे ज्यादा आता है.”

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दोनों अब एक दूसरे को देख कर अपनी अपनी मुट्ठ मारने लगीं. रेखा अपने दूसरे हाथ से अपने उरोज दबाने लगी और निपलों को अंगूठे और एक उंगली में लेकर मसलने लगी. कमला ने भी ऐसा ही किया और मस्ती में झूंम उठी. अपनी चूचियां खुद ही दबाते हुए दोनों अब लगातार सड़का लगा रही थी.

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