हेलो दोस्तों, मैं राज शर्मा हू, और मैं एक गान्डू बॉटम हू. मेरी चिकनी मोटी चुड़क्कड़ गांद है, जिसको देख कर मर्दों के लंड खड़े हो जाते है. मुझे लंड चूसने और गांद मरवाने में बहुत मज़ा आता है. मुझे मेसेज करने के लिए (इंटेस्टाइनल.टूट86@गमाल.कॉम) में मैल करे.
ये दूसरा पार्ट है मेरी ट्रेन जर्नी का. आपने पिछली स्टोरी में पढ़ा कैसे वो आदमी ने मेरी गांद को जाम कर छोड़ा. अब इसमे पढ़िए कैसे त्क और वो आदमी दोनो मिल कर मेरी गांद फाड़ कर छोड़ते है.
दूसरी सुबा जब उठा, तो 10 बाज रहे थे. मैं अपनी बर्त पर लेता हुआ था. बर्त का कर्टन हटा कर देखा तो सब उठ चुके थे. वो आदमी मिस्सिंग था, पर उसकी मा अपनी सीट पेर बैठ कर कुछ पढ़ रही थी. मैं फिर टाय्लेट गया, ब्रश किया, तो वो कही मिला नही. फिर मैं अपनी सीट पर बैठ गया, और अपना ब्रेकफास्ट खा लिया.
थोड़ी देर बाद वो आदमी आया. वो दूसरे टाय्लेट में नहा कर आ रहा था. मुझे आ कर देखा, और स्माइल देकर अपनी सीट की तरफ घूम गया. फिर वो अपनी मा की सेवा करने लगा, और मैं अपना काम कर रहा था. मैं फिर मोविए लगा कर देख रहा था. देखते-देखते मेरी आँख लग गयी, और फिर उठा तो 2 बाज रहे थे. देखा तो वो मेरी सीट के पास खड़ा था.
मैं उठ कर उससे टाइम पूछा उसने 2 बाज रहे है बोला. वो मुझे सेडक्टिव स्माइल देकर मुझे घूरे जेया रहा था. फिर मैं टाय्लेट की तरफ गया, और वॉशबेसिन में मूह धो रहा था. सडन्ली उसने पीछे से आ कर मुझे पकड़ लिया, और मेरा दूध और गांद दबाने लगा.
वो आदमी: कल रात मज़ा आया रंडी. तुझे अभी और छोड़ूँगा सेयेल. तू मेरी रखैल है भद्वे.
मैं: अछा अभी तक हवस नही निकली भद्वे?
वो हवस में मुझसे चिपक गया, और पंत के उपर से अपना लंड मेरी गांद में रग़ाद रहा था. उसका लंड फिरसे टाइट था. पर तभी किसी के आने की आवाज़ सुन कर पीछे हॅट गया. देखा तो बगल वाले कॅबिन से कोई टाय्लेट जेया रहा था.
फिर मैं घूम कर चलने लगा, तो मेरे कॅबिन में घुसने से पहले उसने मेरी गांद पे थप्पड़ मारा, और मुझे देख कर अपना लंड पंत के उपर से मसल रहा था. फिर वो अपनी मा से कुछ बातें कर रहा था.
मैने अपने बर्त पे आ कर अपना समान ठीक किया, और लंच करके बैठ गया. अब कल रात की रफ चुदाई मेरे दिमाग़ में घूम तही थी. मैं भी हॉर्नी हो रहा था. फिर कुछ घंटे गुज़र गये, और वो अपनी मा को जल्दी डिन्नर करवा कर सुला दिया.
बाकी के सारे पॅसेंजर्स अपनी मस्ती में थे. तभी त्क (टिकेट चेकरर) आ गया. मैने अपना टिकेट दिखाया और वो चेक करवाने के बाद मैं टाय्लेट चला गया. 2 मिनिट में वो भी आ गया और हम टाय्लेट में घुस गये.
जब हम टाय्लेट में घुसे, तो वो दरवाज़ा लॉक करना भूल गया. मैने झुक कर उसका लंड निकल कर मूह में ले लिया. पहले उसके लंड को टीज़ किया. फिर हल्का लीक किया. फिर लंड को चूमा अपने होंठो से. उसके बाद थूक लगा कर लोलीपोप की तरह चूसने लगा. वो मज़े में आहह आअहह कर रहा था.
मैं मज़े से उसका लंड चूस रहा था. तभी त्क आ गया, और क्यूंकी हमने दरवाज़ा बंद नही किया था, तो वो खोल कर हमे देख लिया. उसका लंड मेरे मूह में था, और त्क ने हमे उस पोज़िशन में देख लिया. मैं बहुत ज़्यादा दर्र गया था.
त्क: अर्रे ये सब क्या चल रहा है? यही करने आते हो हमारी ट्रेन में, हा?
वो आदमी: साहब ऐसा कुछ नही है.
त्क: ऐसा कुछ नही मतलब. 2 लड़के एक-दूसरे का ही लेते हो. अछा है भाई.
मैं: सिर सॉरी, जाने दीजिए. फिर ऐसा नही होगा.
त्क: अर्रे क्या भरोसा तुम लोगों का. ट्रेन को रंडी-खाना बना दिए हो तुम लोग.
मैं: सिर छ्चोढ़ दीजिए प्लीज़, और नही होगा.
त्क: तुम दोनो क्या एक-दूसरे का ले रहे हो?
वो आदमी: नही साहब, मैं टॉप हू, ये बॉटम है.
त्क: अछा तो तुझे गांद मरवाना तो पसंद होगा ना? रंडियों की तरह तो तू इसका लंड चूस रहा था.
मैं: मतलब? मैं समझा नही.
वो आदमी: हा साहब, इसकी गांद बहुत मस्त है.
त्क: अछा ज़रा मैं भी देखु तो. अर्रे सही गांद है तेरी तो. मस्त मोटी गांद है.
मैं: अछा तो छोड़ कर हवस निकालो ना मेरी गांद में.
त्क: अछा भद्वे, इतना चूड़ने का शौंक है तुझे?
फिर त्क और वो आदमी दोनो ने अपना लंड बाहर निकाल लिए. त्क का लंड भी करीब 6 इंच का था. दो लंड देख कर मूह में पानी आ रहा था. मैं जल्दी से घुटनो में बैठ कर दोनो का लंड चूसने लगा. दोनो के लंड को थूक लगा कर चूस रहा था. दोनो ने मेरा मूह पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से छोड़ा. वो दोनो मज़े में आअहह आअहह कर रहे थे.
त्क: आहह सेयेल भद्वे, क्या लंड चूस्टा है तू. अपनी गांद दे यार तुझे रग़ाद-रग़ाद कर छोड़ना है.
फिर मैने अपनी पंत खोल कर गांद दे दी. वो त्क में इतनी हवस थी, की सीधा मेरी गांद में मूह डाल कर चाटने लगा. मेरे च्छेद में थूक लगा कर जीभ अंदर घुसा रहा था.
तब मैं वो आदमी का लंड चूस रहा था. फिर त्क खड़ा हुआ, और अपना काला लंड मेरी गांद के च्छेद में सेट करके ज़बरदस्ती घुसा दिया. दर्द से मेरी आहह निकल गयी. पर वो आदमी मेरे मूह में लंड डाल कर चुप करवा दिया.
वो आदमी: चुप सेयेल, आचे से चूस. गले तक मेरा लंड ले आआअहह. चूस मदारचोड़.
त्क: आअहह क्या गांद है यार. पूरा लंड अंदर ले लेती है. उफ़फ्फ़, मेरी बीवी से भी मस्त गांद है तेरी. आअहह, ले सेयेल छूतिए, मदारचोड़ ले आआहह.
मैं: उम्म्म्मममम म्म्म्मम एमेम स्लर्प स्लर्प स्लर्प.
दोनो एक साथ मेरा मूह और गांद छोड़ रहे थे. ठप ठप ठप करके आवाज़ आ रही थी चुदाई की. मेरे दोनो च्छेद एक मूह और गांद में लंड भरा था, और दोनो ज़ोरो से छोड़ रहे थे. फिर दोनो ने जगह स्विच की. त्क अब मेरे मूह में लंड दे रहा था, और वो आदमी रमेश मेरी गांद में. और नों-स्टॉप छोढ़ रहे थे.
कम से कम 30 मिनिट तक वही पोज़िशन में चुदाई हुई, और त्क का मूठ निकल गया मेरी गांद के च्छेद के अंदर. मेरी गांद का क्रेआमपीए हो गया. फिर मैने त्क का लंड चूस कर उसका मूठ सॉफ किया, और वो आदमी का चूसा. थोड़ी देर बाद वो भी झाड़ गया, और मेरे मूह में अपना माल निकाल दिया.
दोनो का लंड चूस कर मूठ पी लिया मैने, और अब दोनो तक गये थे. मेरा भी गांद मरवा-मरवा कर 2 बार मूठ निकल गया था. फिर हमने अपने आप को सॉफ किया, और एक-एक करके टाय्लेट से निकल गये. मैं अपनी सीट पे बैठा-बैठा सो गया.
इतनी रफ चुदाई के बाद गांद में दर्द के मारे तक गया था. जब उठा तो रात के 2 बाज रहे थे, और देखा वो आदमी अंधेरे में मेरे पास खड़ा था अपना लंड निकाल कर.
मैं: अर्रे अभी नही, कल करेंगे ना. आज सो जेया यार.
वो आदमी: अर्रे कल नही होगा. आज 5 बजे हमारा स्टेशन आ जाएगा. फिर कब तुझ जैसा गान्डू मिलेगा पता नही.
ये सुन कर मैने उसका लंड मूह में ले लिया. मैं सीट पे लेता हुआ था, और वो मेरे मूह में लंड रग़ाद रहा था. मेरा मूह पकड़ कर मूह भी छोड़ रहा था. ऐसे ही 10 मिनिट बाद उसका मूठ निकल गया. मेरे फेस पे उसका माल फैल गया. ये सब रात के अंधेरे में हो रहा था.
फिर मैं वैसी ही हालत में सो गया. दूसरे दिन सुबा उठा तो देखा वो अपनी मा को लेकर चला गया. मेरे फेस पे उसका मूठ सूख गया था. फिर मैं मूह धो कर अपनी सीट पर कल की चुदाई के बारे में सोच कर पंत के उपर से लंड मसल रहा था. उफफफफ्फ़, ऐसी ट्रेन जर्नी में चुदाई का मज़ा आ गया था.
अब उसी दिन 4 बजे दिन में मेरा स्टेशन आने वाला था. तो फिर किसका लंड मुझे मिला, और क्या-क्या हुआ. उसके लिए नेक्स्ट पार्ट में पढ़िए.
मुझे आपका रेस्पॉन्स पढ़ने में मज़ा आता है. लोगों का रेस्पॉन्स पढ़ कर मैं भी हॉर्नी हो जाता हू. तो पढ़ते रहिए और लंड हिलाते ..