बड़े मामा और मेरा किरायेदार-2

मामा – ये क्या तरीका है मेहमान नवाज़ी का?!

चाचा – जी मैं कुछ समझा नही!

मामा – टेबल पे रखे हुए ग्लास को उठा के बोले अकेले अकेले ही पी लेते हो मेहमानों को पूछते भी नही.

चाचा – जी मैं जानता नही था की आप ड्रिंक करते हो.

चाचा इतने मे उठे और फ्रिड्ज से एक हाफ बॉटल शराब की निकल के ले आए और पेग बना के दोनो पीने लगे. मामा ने लूँगी पहन रखी थी और अंदर कुछ नही पहना था. जब वो सोफे पे बैठे तो उनका लंड सॉफ दिखाई पद रहा था, एकद्ूम काला और बहुत मोटा.

मामा – शोयिब लो एक पेग तुम भी ले लो.

मैं – नही मामा मैं नही पीटा.

मामा – पीलो कोई बात नही किसी को नही बतौँगा. और ज़बरदस्ती ग्लास मेरे मूह से लगा दिया.

मैं पूरा ग्लास पी गया एक पेग मे ही मेरा सिर घूमने लगा. मामा ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने तरफ खींच के अपनी गोदी मे बैठा लिया. उनकी लूँगी दोनो थाइ के उपेर सी हटी हुई थी. उनका लंड नीचे से झतके लेकर मेरे चूतड़ मे चुभ रहा था.

मुझे नशा हो गया था और बहुत मज़ा भी आ रहा था. चाचा मामा की तरफ आँख मारते हुए – सुल्तान भाई आपको भी नशा हो गया है, आप भी हमारे साथ बेड पे ही लेट जाओ.

मामा – हन थिंक है.

मैं उठा और बेड पे लेट गया. अब एक तरफ चाचा दूसरी तरफ मामा लेते हुए थे. मेरी नज़र जब नीचे गयी तो देखा दोनो अपने लंड को बाहर निकाल के सहला रहे थे.

मामा का एक हाथ मेरे बूब्स पे आ गया और दबाने लगे. इतने मे चाचा एक हाथ सी मेरे चूतड़ दबाने लगे.मुझे भी नशा चढ़ा था चुपचाप मज़े ले रहा था. दो भारी शरीर के बीच मे मैं तद्डयबेअर से लग रहा था…

चाचा – शोयिब फ्रिड्ज मे एक ग्लास दूध का है और कटोरी मे मक्खन है निकाल ला.

मैं उठा और दोनो चीक लाकर बेड पे रख दी, मुझे लगा चाचा दूध पिएँगे. लेकिन चाचा उठे और अपना लंड मेरे मूह के करीब लाकर मेरे होंठ पे रख दिया. और ग्लास से अपने लंड पे दूध डालने लगे. जो मेरे मूह मे गिर रहा था लंड सी टकराकर.

मैं लंड को दूध के साथ चूस रहा था. इतने मे मामा उठे उन्होने कटोरी से मक्खन लेकर अपने लंड पे चुपद लिया और एक ही झटके मे अपना लंड मेरे मूह मे उतार दिया. उनके प्रेकुं और मक्खन का टेस्ट एक ही आ रहा था.

तभी दोनो नी अपने लंड एक साथ मेरे मूह मे डाल दिए और मेरा मूह छ्चोड़ने लगे. मेरा दूं घुटने लगा.

मामा – ले मेरी जान मेरी चिकनी गोल मटोल रांड़ और चूस. आज सी हम दोनो तेरे पति हैं और तू हमारी रंडी.

चाचा ने मूह सी लंड निकाल लिया.

मैं – मुझे छ्चोड़ो पानी पीना है.

तो चाचा फ्रिड्ज से बॉटल निकालने लगे

मामा – अरे राजवीर रूको..

ये कहते ही अपने लंड से मूट की धार मेरे मूह मे छ्चोड़ दी. और लंड अंदर जड़ तक घुसा दिया – ले अपनी प्यास बुझा ले, सारा गरम गरम मूट मेरे मूह मे उतार गया.

चाचा – अरे यार तूने तो इसकी प्यास अकेले बुझा दी, अब मैं क्या करूँ मुझे मूतने जाना पड़ेगा.

मैं – चाचा अभी तो मैं प्यासा ही हूँ.

चाचा – अरे मेरी जान… और मामा ने अपना लंड मूह सी बाहर निकाल लिया.

चाचा ने मेरा सिर पकड़ा और मुझे नीचे घुटनो के बाल बैठा दिया. मैने अपने मूह खोल लिया. और चाचा ने अपने लंड से मूट की धार उपेर सी छ्चोड़ दी. जो की कुछ मेरी च्चती पे गिरी बाकी सीधे मेरे मूह मे चली गयी. मैं फटाफट सारा मूट पी गया.

मामा – अरे यार इसकी गांद तो बहुत टाइट है और सील पॅक भी है, कुछ गड़बड़ ना हो जाए.

तो चाचा कटोरी से मक्खन ले आए और ढेर सा मक्खन मेरी गांद मे अंदर तक भर दिया और उसे चाटने लगे.

अब मैं जन्नत की सैर कर रहा था. और फिर एकद्ूम से दो उंगली अंदर डाल दी. मैं चीख पड़ा. तो सामने सी मामा आ गये और अपना लंड मेरे मूह मे डाल दिया और मेरा सिर पकड़ के झटके मारने लगे. अब मेरी आवाज़ बंद हो गयी.

मैं – अब मुझसे सहा नही जाता जो करना है जल्दी से कर लो और मुझे छ्चोड़ दो.

मामा – अभी तो ट्रैलोर है मेरी जान असली खेल तो अब शुरू होगा.

मामा ने अपना लंड शराब के ग्लास मे डाला और उसमे तोड़ा सा मूटा. और ग्लास मेरे मूह पे लगा दिया अब मैं पुर जोश मे था एक घूट मे सब पी गया.

अब दोनो ने मुझे बेड पे लिटा दिया और दोनो मेरे सामने खड़े थे. मामा का लंड एक दूं काला और मोटा हो चुका था फूल के और चमक रहा था. अब मुझे उल्टा लिटा के मेरे पैर बेड से नीचे लटका दिए.

चाचा – यार नॉवब तेरा भांजा है तो तेरा हक़ है के तू इसकी सील को तोड़े.

तो मामा मेरे पीछे आ गये और मेरी गांद पे मक्खन लगा के एक दूं चिकना कर दिया दो उंगली आराम से घुस रही थी. चाचा ने अपने पैर फैला के मेरे सिर के दोनो तरफ कर लिए. जिससे उनका मक्खन मे चूपदा हुआ लंड मेरे मूह के सामने आ गया था.

अब मुझे मामा का मोटा और बहुत ही गरम लंड अपने च्छेद पे महसूस होने लगा.

मामा – मेरी जान तोड़ा दर्द होगा से लेना उसके लिए पहले से सॉरी.

मामा ने अपना लंड छेड़ पे सेट किया और मेरी कमार पकड़ के एक ज़ोर का झटका दिया. मक्खन लगने के वजह से आधा लंड सीधा मेरी गांद मे घुस गया. और झटके की वजह से मैं आयेज को बढ़ गया. तो चाचा का लंड मेरे मूह मे अंदर तक घुस गया.

मामा लंड डाल के रुक गये. और चाचा मेरा सिर दोनो हाथ से पकड़ के उपेर नीचे करने लगे. मखहान का स्वाद नमकीन सा आ रहा था और साथ ही प्रेकुं का टेस्ट भी मुझे पागल कर रहा था.

अब मामा ने अपना लंड तोड़ा सा बाहर निकाल के उसपे और मक्खन लगाया सही से. और फिर एक ज़ोर का झटका दिया तो पूरा लंड मेरे अंदर और. मेरी चीख मेरे मूह मे ही रह गयी लगभग बेहोश हो गया था.

अब मेरे दोनो च्छेद मे मोटे मोटे लंड थे. ज़ोरदार झटके लगने सी बेड भी आवाज़ कर रहा था जैसे कोई नयी दुल्हन चुड रही हो. मामा के हर झटके पे चाचा का लंड मेरे गले तक छ्होट दे रहा था.

कुछ देर के बाद मामा हट गये और चाचा पीछे आ गये. चाचा का लंड मामा के लंड से ज़्यादा लंबा था मोटा बराबर ही था. अब चाचा ने एक बार मे ही मेरी गांद को फाड़ के लंड डाल दिया. और मामा मेरे मूह को छ्चोड़ने लगे.

अब मुझे दर्द केयेम और मज़ा ज़्यादा आ रहा था. मैं खुद धक्के दे रहा था लंड पे. अब दोनो झड़ने के करीब थे. चाचा ने गांद सी लंड निकाल लिया और वो भी मेरे के पास ही आ गये.

मुझे बैठा दिया नीचे और दोनो अपने लंड मेरे मूह के करीब लाकर हिलने लगे. और मैं मूह खोल के उनके मोटे मोटे लौड़ों को देख रहा था.

मामा – देख राजवीर कैसे तड़प के देख रहा है अपने लंड को.

कुछ देर हिलने के बाद दोनो ने एक साथ कम की धार मेरे मूह मे छ्चोड़ दी. ढेर सारा गरम गरम कम मेरे पुर मूह पे और मूह के अंदर भर गया. मैं वहीं बैठा रहा.

मामा – अब भी दिल नही भरा क्या?

मैं – फिर से प्यास लग गयी..

दोनो हँसने लगे और फिर दोनो ने अपने लॉड एक साथ मेरे मूह मे डाल दिए. और एक साथ मूट की धार मेरे मूह मे छ्चोड़ दी.

उसके बाद 3 दिन तक मामा रहे और रोज़ पूरी रात ऐसे ही दोनो मेरी चुदाई करते, उसके बाद मामा गाओं चले गये. फिर राजवीर अपने एक दोस्त को लेकर आया जो की उमार मे उसे भी बड़ा था.

ये कहानी अगले पार्ट मे, कहानी कैसे लगी कॉमेंट मे ज़रूर बताना.

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