आज चाचा के साथ वो तबाद-तोड़ चुदाई को पूरा साल हो गया था. मेरा पापा को लेकर प्यार अब और ज़्यादा बढ़ने लगा. रोज़ पापा को सोच-सोच कर लंड हिलने और गांद में फिंगरिंग करना अब आदत हो गयी थी.
मेरा लास्ट एग्ज़ॅम था, इसलिए मैं अपने कोचैंग सेंटर गया हुआ था. घर आते-आते शाम के 4 बाज गये. घर आते ही पापा पाजामा और शर्ट में सोफे पर बैठ कर कॉल पर बात कर रहे थे. मैं भी बिना उनको कुछ बोले उपर रूम में चला गया. 10 मिनिट बाद-
मैं: पापा मम्मी कहा है?
पापा ने मुझे पास बुला कर बोला: देव तेरी नानी की तबीयत खराब है. इसलिए मम्मी को अर्जेंट जाना पड़ा (मेरी नानी भी जाईपुर में रहती है, बड़े मामा के साथ).
मैं: मुझे भी जाना है वाहा.
मुझे गले लगा कर बोले.
पापा: टेन्षन मत कर डॉक्टर से बात हो गयी है. जल्दी ठीक हो जाएँगे, और फिर तेरे एग्ज़ॅम के बाद हम दोनो साथ चलेंगे ओक. अब खाना खा ले, और एग्ज़ॅम की तैयारी कर लेना.
शाम को मैं सोचने लगा. अब पुर घर पर ओन्ली पापा और मैं ही थे. इतने दिन से जो मेरी इक्चा थी, शायद अब वो पूरी हो जाए. मैं और पापा खाना खाने के बाद-
मैं: पापा क्या आज मैं आपके साथ सो जौ. नानी की वजह से टेन्षन हो रही है.
पापा: कोई नही, कपड़े चेंज करके आ जाना.
मैने भी जल्दी से जेया कर बिना अंडरवेर के शॉर्ट और बनियान पहन ली. पापा रूम में ओन्ली लूँगी पहन कर लेते हुए थे ( जो उनकी हमेशा से मेरी मॅन-पसंद आदत थी ). मैं भी उनके पास जा कर बोला-
मैं: नानी ठीक तो हो जाएँगी ना पापा?
पापा ने मुझे प्यार से अपने पास लिटा लिया, और मैने भी मौका देख के उनकी हेरी मस्क्युलर चेस्ट पर अपना सॉफ्ट हाथ रख दिया. उनकी धड़कन मुझे फील होने लगी.
पापा: देव क्यूँ इतना सोच रहा है? सब ठीक होगा.
पापा अपनी बातों में बिज़ी थे, और मेरा तो ध्यान ओन्ली उनके हेरी मस्क्युलर बदन पर था. जिसको देखते-देखते पता नही कब मेरी आँख लग गयी. नेक्स्ट मॉर्निंग मेरी आँख पापा से पहले ही खुल गयी.
मैने भी मौके का फ़ायदा लेते हुए अपनी बनियान कमर से उपर करके अपनी शॉर्ट्स को तोड़ा नीचे कर दिया. ताकि मेरी मोटी गांद की दरार पापा को सॉफ दिख सके. फिर पापा के लंड से गांद लगा कर थोड़ी-थोड़ी गांद हिलने लगा, जिससे उनका लंड तोड़ा हरकत में आने लगा. पापा जैसे ही उठे, मैं सोने का नाटक करने लगा.
पापा (अपना खड़ा लंड और मेरी गांद देख कर): यार ये भी कही भी खड़ा हो जाता है. दिलीप सही बोल रहा था देव की गांद है तो बहुत मोटी. क्या बोल रहा हू मैं भी, ये बेटा है मेरा.
ये बोलते ही पापा ने मेरी शॉर्ट्स उपर कर दी. पापा ने मुझे उठा दिया, और कोचैंग के लिए रेडी होने के लिए बोलने लगे. मैने सोच लिया था कैसे ना कैसे पापा को सिड्यूस्ड करना था.
मैं अपने रूम में बिना लॉक लगाए नंगा नहाने लगा. थोड़ी देर बाद पापा नाश्ता लेकर मेरे रूम में आए, और वॉशरूम का गाते खुला देख वो अंदर मुझे नंगा देखते ही बोले.
पापा: देव, बंद करो इसे. अब बड़े हो गये हो तुम.
मैं: मुझे लगा रूम में कोई नही आएगा.
पापा: अछा मैं जेया रहा हू ऑफीस. तुम भी कोचैंग चले जाना (फेस दूसरी साइड करते हुए).
मुझे नंगा देख कर तो आचे-आचे मेरी गांद लेने को रेडी हो जाते है. पापा भी अब जब घर आए शाम को, आज वो बार-बार मेरी गांद को ही देख रहे थे. मैने भी मौका देख कर जब मौका मिलता कपड़े चेंज करते टाइम, नहाते टाइम रूम या वॉशरूम का लॉक ओपन ही रखा.
अब तो मैने घर पर शॉर्ट्स के अंदर अंडरवेर पहनना ही बंद कर दिया. ताकि मेरी गांद आचे से मटक सके. बार-बार पापा के सामने मटक कर गांद हिला देना, ओन्ली बनियान में मेरे मोटे-मोटे चूचों को दिखा देना. जिससे पापा भी आज कल बहुत नोटीस कर रहे थे. शायद मम्मी के जाने के बाद उनके अंदर सेक्स का गुबार भरा हुआ था.
नेक्स्ट मॉर्निंग मैने फिरसे पापा के जागने से पहले ही अपनी शॉर्ट को नीचे कर दिया. लेकिन आज ज़्यादा ही नीचे कर दिया. फिर उनके लंड के पास जो लूँगी से कवर था, अपनी मोटी गांद को रगड़ने लगा. थोड़ी देर बाद पापा जाग गये. मैं फिरसे सोने का नाटक करने लगा.
पापा: बहनचोड़, देव की मा के जाने के बाद ये क्या करने लग गया हू मैं? अपने ही बेटे की गांद पर लंड लगा रखा है. देव को पता चलेगा तो कितना बुरा लगेगा इसे.
नेक्स्ट ही मोमेंट पापा ने मेरी नंगी गांद पर हाथ रख कर थोड़ी देर हाथ रोका. फिर कुछ सोच कर मेरी शॉर्ट्स उपर कर दी.
पापा: देव उठा जेया बेटा. कल से बेटा अपने कमरे में ही सोया कर.
शायद वो अपनी फीलिंग को कंट्रोल नही कर पा रहे थे. आज लास्ट एग्ज़ॅम था. जब तक मैं रेडी हो कर बाहर आया, तब तक वो ऑफीस जेया चुके थे. एग्ज़ॅम के बाद हम दोनो नानी से मिलने चले गये. वाहा पर हमे 7 बाज गये थे.
मम्मी ने पापा को बोला: राजीव, तुम भाई (मेरे मामा) के साथ चले जाओ, और मेरा बाग दे कर बेज देना. जब तक मम्मी ठीक नही होती, ऑफीस यही से चले जौंगी.
पापा: ठीक है देव को भी यही रोक लो.
मैं: नही, मुझे पापा के साथ ही जाना है.
मैने बहुत ज़िद करी, इसलिए मुझे भी पापा ने अपने साथ ही ले-जाना ठीक समझा. मुझे पता था पापा का लड़कों में कोई इंटेरेस्ट नही था. लेकिन मुझे उनके अंदर ये इंटेरेस्ट जगाना था कैसे भी.
घर पर आ कर पापा मम्मी का बाग लेने चले गये, और मामा और मैं सोफे पर बैठे बातें करने लगे. मैं मामा की गोद में बैठा हुआ था. मामा बचपन से ही मुझे बहुत प्यार करते थे. बिकॉज़ उनके कोई लड़का नही था. तभी पापा अचानक से आ गये और आते ही मुझे मामा के गोद से हटा दिया.
पापा: देव क्या कर रहे हो? बड़े हो गये हो तुम, बचपाना नही जाता तुम्हारा. उनको लाते हो रहा है, जाने दो उनको.
शायद पापा को मेरा मामा की गोद में बैठना पसंद नही आया.
मामा: राजीव जी. क्या आप भी. फिर क्या हुआ? चलो मैं चलता हू.
मामा के जाने के बाद पापा अपने रूम में चले गये. मुझे आज पापा के साथ ही सोना था. बुत पापा ने माना भी किया था. बहुत देर तक मुझे नींद ही नही आ रही थी. मुझसे रहा नही गया. मैं पापा के रूम में चला गया.
मैं: पापा मुझे नींद नही आ रही. प्लीज़ मुझे यही सोने दो.
पापा माना नही कर पाए. मैने रूम के लाइट ओं कर दी.
पापा ( गुस्से में): देव क्या हो गया है? सोते क्यूँ नही हो तुम? बंद करो इसे और सो जाओ.
मैं: आप गुस्सा क्यूँ हो आज? मैने कुछ करा है क्या (मैं रोने का नाटक करने लगा)?
पापा: अर्रे देव, रोना बंद कर. वो तो आज गर्मी है, इसलिए मूड खराब है.
मैं: गर्मी तो बहुत है. पापा मैं भी बनियान उतार देता हू.
मेरे नंगे मोटे-मोटे चूचों को देख कर पापा फिरसे अनकंफर्टबल होने लगे. मुझे इग्नोर करने के लिए पापा ने लाइट्स ऑफ कर दी, और सोने लग गये. हम दोनो एक साथ बिस्तर पर थे, बुत पापा के गुस्से के दर्र से आज कुछ भी करना मुश्किल हो रहा था.
नेक्स्ट मॉर्निंग, मैने फिरसे रोज़ की तरह अपनी शॉर्ट्स नीचे कर दी. लेकिन आज मैने उपर भी कुछ नही पहना था. मैने अपनी गांद पापा की लूँगी से जैसे ही टच करी, मुझे पता चला आज पापा ने अंडरवेर नही पहना था. जैसे ही मैने देखा, तो पापा का लोड्ा लूँगी से बाहर ही था. रूम में अंधेरा था, बुत विंडो की थोड़ी-थोड़ी लाइट से पापा का लंड तोड़ा-तोड़ा दिख रहा था.
पापा का लोड्ा आज फर्स्ट टाइम मेरे सामने था. उनका लोड्ा सोया हुआ भी 5+इंच लंबा 2+ इंच मोटा था. उनका लोड्ा देख कर मुझसे रहा नही गया, और मैं अपनी गांद को उनके लोड से टच करने लगा. थोड़ी देर बाद पापा ने अचानक से मुझे पीछे से पकड़ लिया, और अपना लोड्ा मेरी गांद में रगड़ने लगे.
मैं बहुत दर्र गया था. तभी पापा मेरे चूचों को दबाते हुए मेरी मम्मी का नाम लेने लगे. मैने पीछे हो कर देखा तो पापा नींद में ही थे. मैं भी मौके का फ़ायदा करते हुए पापा के लंड से गांद रगड़ने लगा.
पापा का लोड्ा अब खड़ा हो कर बहुत लंबा हो गया था. मेरा फेस आयेज था, इसलिए मुझे पता नही चल रहा था कितना बड़ा था. मैं अपनी दोनो जांघों के बीच पापा का लोड्ा लेकर आयेज-पीछे करने लगा. उनका लंड इतना बड़ा था, की मेरी जांघों से भी आयेज उनके लोड का टोपा आ रहा था, जो एक-दूं फूला हुआ था.
थोड़ी देर बाद पापा का माल मेरी जांघों पर ही गिर गया. तभी पापा अचानक से खड़े हुए, और लाइट ओं कर दी.
पापा: बहनचोड़, ये क्या कर दिया मैने?
पापा मेरे पास आए, और मुझे गुस्से में बहुत तेज़ थप्पड़ मार दिया.
वो बोले: देव, देव, कैसी नींद है तुम्हारी! नींद में कुछ भी होता है तुम्हे पता ही नही रहता. जाओ अपने रूम में जल्दी.
मैं भी बिना कुछ बोले नंगा ही रोते-रोते अपने रूम में चला गया. 2-3 घंटे बाद पापा मेरे रूम में आए. पापा के थप्पड़ से मेरा लेफ्ट फेस और लेफ्ट आइ सूज गये थे. उनको आता हुआ देख मैं फिरसे रोने लगा. पापा मेरे पास आ कर बोले-
पापा: सॉरी बेटा, तुमने मुझे रोका क्यूँ नही? फेस का क्या हाल हो गया है. और वाहा भी दर्द है क्या?
पापा को लग रहा था उनका इतना बड़ा लोड्ा मेरी गांद में घुस गया था. इतना बड़ा लोड्ा इतना प्यार से कैसे जेया सकता है पापा. कितने इनोसेंट हो आप सच में ( मैं मॅन में सोच रहा था).
पापा: मैने एक डॉक्टर से बात करी है. अभी हमे वाहा चलना है. वो मेरा दोस्त है. बेटा ये ग़लत होता है. इसलिए एक बार डॉक्टर को दिखना होगा. कुछ ज़्यादा प्राब्लम तो नही हुई है. बुत देव मुझे प्रॉमिस करो जो भी आज मॉर्निंग में हुआ, और अब हम दोनो डॉक्टर के जेया रहे है, ये किसी को नही पता चलना चाहिए, ओके देव? पापा की बात मानोगे ना?
मैने भी बिना कुछ सोचे समझे पापा को ओके बोल दिया.
हॉस्पिटल मे:-
पापा मुझे कॅबिन में बिता कर बाहर डॉक्टर से बहुत देर तक बात करके मेरे पास आए.
पापा: देव मैं यही हू, डॉक्टर को बता देना कहा दर्द है. बाकी सब मैने बता दिया है, ओके? कोई नही बेटा, सब ठीक हो जाएगा.
पापा साइड चेर पर बैठ गये.
डॉक्टर (साहिल ख़ान, आगे 40, फेर स्किन, फेस बिल्कुल शेव्ड, 5.8 फीट हाइट, मस्क्युलर बॉडी, बुत थोड़ी तोंद निकली हुई थी. क्रिकेटर अनिल कुंबले जैसे लगते है वो?
ड्र. साहिल मेरे पास आ कर बैठ गये, और मुझे कोकनट जूस दिया. वो मुझे कंफर्टबल करने के लिए नॉर्मली मेरी लाइफ को लेकर क्वेस्चन्स करने लगे. फिर मेरे फेस पर दवाई लगाने लगे. मेरी आइ और फेस पर मेडिसिन लगाने के बाद.
साहिल: देव मुझे पापा ने सब बताया. बेटा अगर आपको प्राब्लम ना हो, तो क्या मैं आपकी अनस ( गांद का च्छेद) देख सकता हू?
मेरे हा करते ही डॉक्टर ने मेरी पंत और अंडरवेर उतार कर बेड पर लेटने को बोल दिया.
मेरी लेग्स उपर करके वो मेरी गांद को देखने लगे. थोड़ी देर बाद लूब्रिकॅंट लेकर अपनी उंगलियों से चेक करने लगे. ये सब होते हुए पापा की नज़र मेरी गांद के अंदर डॉक्टर की उंगलियों पर ही लगी हुई थी. आज खुद के पापा के सामने कोई और मेरी गांद में उंगलियाँ दे रहा था.
5 मिनिट बाद-
डॉक्टर: देव कपड़े पहन लो, और राजीव तुम्हे कुछ दिन देव को दिखाने लाना होगा.
पापा: ठीक है, जॉब के बाद डाइरेक्ट यही अवँगा.
डॉक्टर: नही 11 बजे बाद मेरे पास बहुत पेशेंट्स होते है. तुम्हे मॉर्निंग में ही लाना होगा.
पापा: ठीक है ट्राइ करता हू. ऐसे ही पापा 3-4 दिन तक रोज़ डॉक्टर साहिल के पास मॉर्निंग में मुझे लेकर जाते, और वही से जॉब पर चले जाते.
डॉक्टर रोज़ पापा के सामने मेरी गांद में कभी एक उंगली, तो कभी 2 उंगलियाँ डालता. रोज़ पापा का लोड्ा मुझे नंगा देख कर खड़ा हो जाता. पापा बड़े प्यार से लोड को अपने ऑफीस बाग से च्छूपा लेते.
आज 5त दे था. मेरा फेस अब बिल्कुल ठीक हो गया था. पापा ने आज खुद मेरे कपड़े उतार दिए, और मुझे बिल्कुल नंगा करके बेड पर लिटा दिया. तभी पापा ने डॉक्टर के हाथ में एक टूल जो 4 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था, देखा. उस पर डॉक्टर साहिल लूब्रिकॅंट लगा रहे थे.
पापा: यार ये क्या कर रहा है? बहुत दर्द होगा इसको.
डॉक्टर: राजीव यार क्यूँ टेन्षन ले रहा है. अंदर की इंजुरी चेक करनी ही होगी. आज 5त दे है, ज़्यादा वेट नही कर सकते. तू साइड में बैठ जेया.
डॉक्टर ने जैसे ही मेरी गांद में डाला, मैं चीख पड़ा. मेरी चीख सुन कर पापा मेरे पास आ गये, और मेरी चेस्ट पर अपने हाथ से सहलाने लगे.
डॉक्टर: देव घबराना नही है, बस तोड़ी देर की बात है.
पापा: यार जल्दी कर बच्चे को दर्द हो रहा है. क्या मज़ाक है ये सब?
डॉक्टर: चलो हो गया.
पापा: अछा हुआ हो गया. अब कल से टाइम से जॉब पर जौंगा. डेली मेरा काम पेंडिंग रह जाता है.
डॉक्टर: नही राजीव, अभी 4 डेज़ का ट्रीटमेंट बाकी है.
पापा: यार मुझे रोज़ जॉब पर मुश्किल होती है.
मैं: कोई नही पापा, आप कल से जॉब पर चले जाना. साहिल अंकल से मैं खुद मिलने आ जौंगा.
डॉक्टर: देखा राजीव, देव कितना समझदार है. तेरा कितना द्यान रखता है. चल तेरी टेन्षन ख़तम देव को रोज़ लाने की.
नेक्स्ट पार्ट में पता चलेगा कैसे डॉक्टर साहिल ने अपने टूल से मेरी गांद को ठीक किया, और कैसे मेरे सूपरहीरो मेरे पापा मेरी जान बने.