Aunty ki chudai kahani यह जो स्टोरी लिखने जा रहा हूँ वो कल की ही बात है। मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती है उसकी स्टोरी है। मुझे यह आंटी बहुत अच्छी लगती थी। क्या माल था। उसकी फ़ीगर 38-30-38 थी, बड़े 2 चूतड़ और इतनी सेक्सी गाँड थी कि मेरा लंड उसको देख कर …
Sali ki chudai kahani – Badi Sali ko Ghar mai Choda मेरी बीबी 4 बहनें है उनमे से सबसे छोटी मेरी बीबी है । और दूसरे नंबर की मेरी बड़ी साली है ”सरला” जिनकी उम्र इस समय करीब 41 साल के आसपास होगी, मेरी बीबी, बङी साली से 10-12 साल की छोटी है । मैं …
jaipur tourist ki chudai मैं राजस्थान के जैसलमेर में एक टूरिस्ट एजेंसी में काम पर लगा हुआ हूँ. आज से करीब छा महीने पहले मैं काम पर लगा था. मैं दसवीं तक पढ़ा हूँ लेकिन मेरी अंग्रेजी बहुत अच्छी है. इसी कारण मेरे मालिक ने मुझे विदेशी टूरिस्टों के लिए रखा. मैं दिखने में साधारण …
pados ke ladke se chudai ki हम लोग शहर की घनी आबादी के एक मध्यम वर्गीय मुहल्ले में रहते थे। वहां लगभग सभी मकान दो मंजिल के और पुराने ढंग के थे और सभी घरों की छतें आपस में मिली हुई थी। मेरे घर में हम मिया बीवी के साथ मेरी बूढ़ी सास भी रहती …
मेरा नाम पिंकी है. मेरी उम्र १८ साल है। मैं लखनऊ के पास के गाँव की रहने वाली हूँ। मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी और सोचा कि मुझे भी अपनी बात सबको बतानी चाहिए। इसलिए आज मैं आपको एक व्यक्तिगत अनुभव सुनाने वाली हूँ। हमारे गाँव में बहुत से कच्चे मकानों के बीच हमारा मकान …
bete ke dost ki maa ki chudai यह सत्य कहानी अभी 6 अप्रैल 2014 की है जब मैं मेरे लड़के को JEE कि एक्जाम दिलाने पास के सहर में ले कर जाने वाला था | जब सुबह 7 बजे घर से निकला तो एक चौराहे पर मेरे लड़के का दोस्त भी अपनी माँ के साथ …
अपूर्वा मेरी प्रिया पबित्रा की सब से करीब की सहेली थी. पबित्रा कनक-काया साँचे ढली अप्रतिम गदराई प्रतिमा थी तो अपूर्वा केसर घुली दूधिया गुलाबी बदन की परी थी. एक का दमकता तपा रूप खींचकर बदन को पिघला छोड़ता था तो दूसरी पूनम की वह दूधिया चांदनी थी जिसमे सर से पाँव तक अपने रूप …
kamukta meri mummy ka yaar हाई मैं देल्ही मैं रहती हूँ मेरा नाम हेमा है. उमर अभी केवल 15 य्र्स. है. मैं एकलौती हूँ मेरी माँ अभी केवल 35 य्र्स की हैं. मेरे छ्होटे मामा अक्सर घर आया करते हैं. वे ज़्यादातर मम्मी के कमरे मैं ही घुसे रहते हैं. मुझे पहले तो कुच्छ नही …
बस में कोई खास भीड़ तो नहीं थी, पर शाम की बस थी जो रात के दस साढ़े दस बजे। तक इन्दौर पहुंचा देती थी। नौकरीपेश लोगों की यह मन पसन्द बस थी। मैं अपनी मम्मी और पापा के साथ बैठा हुआ था। सीट में तीन ही बैठ सकते थे। बस ज्यों ही रवाना हुई, …
जब से मुझे पर जवानी आई है, मन चुदने को करने लगा है, रंगीन सपने आने लगे हैं। हाय, मुझे पहले की तरह फिर से कोई ऊपर चढ़ कर चोद डाले। मेरी चूचियाँ मसल डाले…मेरे नरम नरम होंठों को चूस डाले। मैं जैसे ही मूतने जाती हूँ तो मूतने के अलावा मुझे वहाँ बड़ी नरमी …