तड़पति लड़कियों के बीच लेज़्बीयन सेक्स

नेहा: एस सिर, अपनी रंडी स्टूडेंट्स की छूट सॉफ कर दो प्लीज़.

मैं नीचे बैठ के उसकी फाटती हुई गीली छूट को अपनी जीभ से आचे से चाटने लगा. अपनी जीभ से उसकी छूट को नीचे से उपर तक चाटने लग गया. फिर उसको साइड करके कविता की चूत पे गया, और अपनी जीभ से चाट-चाट कर सॉफ किया. उन दोनो रंडियों ने अपनी छूट मेरे से चटवाई. फिर सब ड्रेस ठीक करके अपने-अपने रास्ते निकल गये.

नेहा और कविता अपने अपार्टमेंट में पहुँची. उन दोनो ने 2भक का फ्लॅट लिया था रेंट पे. दोनो अपने-अपने रूम में रहती थी. एक बात मुझे बाद में पता चला की वो लोग काई बार लेज़्बीयन सेक्स भी कर चुके थे. वो आज क्लासरूम में डुमदार चुदाई के बाद दोनो तक गयी थी. दोनो ने अपने कापरे उतारे और सॅटिन पहन कर सो गयी.

वो सॅटिन की लेंग्थ उनकी गांद को भी कवर नही कर रही थी. दोनो थके हुए थे, तो जल्दी सो गये. कुछ घंटो बाद दोनो की नींद थोड़ी से टूटने लगी, और दोनो छूट की प्यासी लड़कियाँ अपने-अपने जिस्मो के साथ खेलने लगी.

कविता की निघट्य उसकी गांद के उपर उसके कमर तक आ गयी थी. वो वन-साइडेड सो रही थी, और उसकी दोनो लेग्स के बीच में पिल्लो था. वो धीरे-धीरे पिल्लो को अपनी छूट से रब कर रही थी.

फिर नेहा का रूम: वो सीधे सो रही थी, और उसकी ड्रेस उसकी छूट के उपर आ गयी थी, और खुल गयी थी की उसके निपल्स भी दिख रहे थे. वो अपने निपल्स के साथ खेल रही थी, और इधर कविता अब ज़ोर-ज़ोर से अपनी छूट में पिल्लो को रब कर रही थी. उधर नेहा भी अब अपनी छूट में उंगली डाल कर अपनी छूट को उंगली से छोड़ रही थी.

फिर उसने अपनी गीली उंगली को अपनी गीली छूट से बाहर निकाला, और मूह में लेके चूसने लगी. तभी उसको बाहर किसी की आवाज़ आई. वो कविता थी. वो उठ चुकी थी, और बातरूम जेया रही थी शवर लेने. नेहा उठी, और डोर ओपन करके देखा कविता की ड्रेस की डोर खुली हुई थी, और आयेज से एक-दूं न्यूड थी. सेम हाल नेहा का भी था.

नेहा अपनी उंगली चूस्टे हुए बोली: कहा चली कविता जी, अपनी गांद मटका के?

कविता: बस नहाने जेया रही हू.

और कविता बातरूम की तरफ जाने लगी. नेहा ने उसे पकड़ा, और दीवार से लगा लिया, और दोनो हाथो को दीवार से लगा कर उसको किस करने लगी. दोनो के लिए ये रोज़ का था. दोनो एक-दूसरे को किस करने लगी. फिर नेहा उसके बूब्स को आचे से पकड़ कर निपल्स को मूह में लेके लीक करने लगी.

कविता मोन करने लगी, और उसके बाल सहलाने लगी. नेहा ने उसकी निपल्स को काट दिया, और कविता के मूह से आउच! निकला, और दोनो हासणे लगी.

फिर कविता ने नेहा को धक्का देके घुमा के दीवार में सताया, और उसकी ड्रेस को उपर करके गांद को ज़ोर-ज़ोर से मसालने लगी. फिर वो नीचे बैठ के उसकी छूट को चाटने लगी. बुत पीछे से छूट चाटना मुश्किल हो रहा था, तो वो उसकी गांद में जीभ घुसा कर चाटने लगी.

नेहा: आहह ह्म इशह उफ़फ्फ़. खा जेया मेरी गांद को साली अफ कुटिया अहह.

कविता वही बातरूम के बाहर होल में नीचे बैठ गयी.

नेहा: हाए मेरी जान रुक क्यूँ गयी?

कविता (अपनी छूट को रब करते हुए): मेरी चूत में भी आग लगी है.

नेहा: तेरी छूट की तो मैं!

नेहा ने उसको धक्का देके उसे लिटा दिया. फिर वो उसके मूह के उपर बैठ गयी. वो कविता की गीली छूट को चाटने लगी, और कविता नेहा की छूट चाटने लगी. वो 69 पोज़िशन में थी. दोनो ने चाट-चाट कर एक-दूसरे का रस्स निकाला, और एक-दूसरे के उपर तक के गिर गयी. फिर वो दोनो उठी, बातरूम में गयी, और नेहा शवर ने नीचे आ गयी.

कविता अपनी चूचियों को नेहा की पीठ से दबा कर खड़ी हो गयी. फिर वो सोप से नेहा की चूचियों को मसालने लगी. वो एक हाथ नीचे उसकी छूट में ले गयी, जिससे वो फिरसे गरम हो गयी थी. फिर नेहा ने एक हाथ से उसके बूब्स को मसला और नेक पे किस करते हुए उसकी छूट में पागलों की तरह फिंगरिंग करने लगी.

कविता: उई उई उई उई यॅ यॅ ज़ोर-ज़ोर से, रुकना नही आहह आह.

नेहा (उसके कान में): आ मेरी जान, चल निकाल अपना पानी मेरे हाथो में आह. तू तो साली बहुत बड़ी रॅंड बन गयी है. आज किसका लंड लेने का प्लान है?

कविता: आहह अहह आज तो ज़ोमतो वाले का लंड ख़ौँगी मैं, देखती जेया तू.

नेहा को और जोश आ गया, और ज़ोर-ज़ोर से वो फिंगरिंग करने लगी.

कविता: आह नही-नही आअहह इष्ह.

एक गरम पानी की धार कविता की छूट से निकली, और कविता हाँफने लगी और नेहा अपनी उंगली पे लगे उसके पानी को चूसने लगी. फिर उसने उंगली को मूह में ले लिया. कविता को ये देख कर बड़ा मज़ा आया. फिर वो नेहा को उल्टा घुमा के एक पैर उपर कमोड पे रख कर, उसकी छूट में उंगली करने लगी. नेहा बहुत खुशी और हस्सी के साथ बोली-

नेहा: आआअहह इस्सह एस.

बड़ी स्माइल जो नेहा के फेस पे थी, वो अचानक से चेंज हो गयी.

नेहा: आ आ आ.

कविता की एक उंगली उसकी छूट में थी, और एक उंगली उसने उसकी गांद में भी घुसा दी.

कविता: लेले मज़ा मेरी रंडी नेहा.

नेहा: आहह, और एक उंगली डाल गांद में.

कविता ने वैसा ही किया, और अब दो उंगली गांद और दो उंगली छूट में डाल के ज़ोर-ज़ोर से आयेज-पीछे करने लगी. नेहा की आँखों में आँसू, और चेहरे पे मुस्कान थी, और वो आ आ की आवाज़े कर रही थी.

कविता और ज़ोर-ज़ोर से उसको फिंगरिंग करने लगी. नेहा पानी छ्चोढ़ दी, और ज़ोर-ज़ोर से हाँफने लगी. फिर दोनो नहा के बाहर आ गयी, और ज़ोमतो से खाना ओडर किया, जो की किस्मत से एक 20 साल का लड़का लग रहा था.

अब कैसे वो दोनो कॉलेज की रंडियन अपनी छूट में अपने से कम उमर का लंड लेके मज़े करेंगी, नेक्स्ट पार्ट में पढ़िएगा. सो गाइस होप योउ लोवे मी स्टोरी फुल ऑफ स्लूत्ईनेसस. अगर आपने एंजाय किया तो प्लीज़ ड्म मे, सॉरी फॉर मिस्टेक्स. मी एमाइल इस: राजबही20@याहू.कॉम

फॉर सेक्स छत ओर रॉल्प्ले प्लीज़ ड्म मे. मेरा खड़ा लंड आपकी गीली छूट का वेट कर रहा है.

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