मा के साथ चुदाई करके बेटी ने टेन्षन भगाई
जब एग्ज़ॅम देके सेंटर से निकली तो मुझे खुशी भी और तोड़ा दुख भी था. दुख की वजह थी मेरा एग्ज़ॅम, जो मेरी तैयारी के हिसाब से अछा नही गया था. लेकिन खुशी इस बात से थी की अब अगर मार्क्स कम आते है, तो मैं ये रीज़न भाईजान (मुराद) पे डाल सकती थी. मेरी …