सुहागरात की सेज पर गांद-फाड़ चुदाई की कथा

यादव जी ने मुझे बहुत देर तक गले से लगाए रखा. इसके बाद उन्होने साइड टेबल पे रखा हुआ दूध पिया. मेरे लिए रखा हुआ ग्लास उन्होने मुझे दिया, और साथ में एक दवाई भी दी. मैने पूछा की ये दवाई किस लिए थी.

उन्होने कहा: इससे तुझे दर्द कम होगा, और ताक़त भी मिलेगी. ले ले.

उन्होने दर्द से क्या समझाया मैं समझ गयी थी. मैने चुप-छाप दवाई ले ली.

इसके बाद उन्होने मेरे सर से घूँघट हटाया. फिर मेरी ज्यूयेल्री भी उतार के टेबल पे रख दी. धीरे-धीरे फिर वो मेरी सारी का पल्लू गिरने लगे. ऐसे करके उन्होने मेरी पूरी सारी ही उतार दी.

मैं उनके सामने सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट में खड़ी थी. फिर वो मेरे चारो तरफ चक्कर लगाने लगे. मैं तो मानो ज़मीन में धासे जेया रही थी शरम से. उन्होने मुझे फिर पीछे से पकड़ लिया. मैं उनके सामने एक छ्होटी बच्ची जैसी थी, और उनसे मैं लड़ भी नही सकती. इसलिए मैं चुप-छाप खड़ी रही. उनकी साँसे मैं महसूस कर सकती थी इतने करीब थे वो मेरे.

उन्होने मेरे गले में किस करना शुरू किया. ऐसे करते-करते उन्होने मेरे ब्लाउस का हुक खोल दिया, और इससे मेरी ब्रा ओपन हो गयी. मैने अपने हा.तो से अपनी चेस्ट को ढकने की कोशिश करी, तो उन्होने मेरा हट हटा दिया, और मेरी चेस्ट को दबाने लगे. फिर वो मेरे सामने आ गये, और पीछे से उन्होने ब्रा का हुक भी खोल दिया, जिससे मेरी बारे चेस्ट दिखने लगी.

वो मेरी एक ब्रेस्ट को अपने मूह में लेके चूसने लगे. मेरी आ निकल गयी. फिर उन्होने मेरी दूसरी ब्रेस्ट को भी अपने मूह में लिया, और उसे भी चूसा. उनके चूसने से मेरी ब्रेस्ट्स थोड़ी से बाहर आ गयी और क्यूकी मैं बहुत गोरी थी, तो मेरी ब्रेस्ट्स एक-दूं लाल हो गयी थी.

इसके बाद वो झुकने लगे, और मेरी टॉर्सो को चाटने लगे. ऐसे ही वो मेरे पेटिकोट तक पहुँच गये, और उन्होने पेटिकोट का नाडा खोल दिया. इसके बाद उन्होने मेरी पनटी भी उतार दी.

अब मैं पूरी तरह से उनके सामने नंगी खड़ी थी. मैं सोच भी सकती थी, की मैं एक-दूसरे आदमी के सामने औरत की तरह मेकप लगा के हाथो में चूड़ियाँ, पैरों में पायल, माथे पे सिंदूर, और गले में मंगल सट्रा डाल के नंगी खड़ी हू.

मुझे उस वक़्त मेरी और ऋतु की सुहग्रात याद आ रही थी. मैं कभी भी यादव जी जितना डॉमिनेंट नही था. ऋतु ने ही हमेशा हमारी सेक्स लाइफ को लेड किया था. और मुझे कभी-कभी लगता था के मैं उसको सॅटिस्फाइ कर नही पाया. क्यूंकी मैने काई बार उसे डिल्डो से अपने आप को सॅटिस्फाइ करते देखा था अकेले में. मेरा लंड भी आवरेज था, या यू काहु की बिलो आवरेज था.

मैं अपने उसी बिलो आवरेज लंड को यादव जी से च्छुपाने की कोशिश कर रही थी. वो मेरे नंगे बदन को घूर रहे थे.

यादव जी: वाह, कुद्रट की क्या बनावट है रे तू. लगता है उपर वाले ने तुझे मेरे हिसाब से ही बनाया है.

ये बोल के उन्होने फिरसे मुझे दबोच लिया, और मेरी पूरी बॉडी को चूमने लगे. मैं कुछ कह नही पा रही थी. सिर्फ़ मेरी सिसकियों की आवाज़ गूँज रही थी पुर कमरे में. इसके बाद उन्होने मुझे बेड पे पीठ के बाल लिटा दिया. फिर मेरे पैर वो अपने कंधे पे ले गये, और मेरी गांद अब उनके सामने खुली हुई थी.

वो झुके और अपना मूह मेरी गांद के च्छेद पे ले गये. मैं कुछ देख नही पा रही थी. लेकिन मुझे उनकी जीभ का गीलापन मेरी गांद में महसूस हुआ. वो मेरी गांद चाट रहे थे. पता नही क्यूँ, लेकिन मुझे ये एहसास अछा लग रहा था. मेरे मूह से आ निकल गयी.

फिर उन्होने मेरी गीली गांद में एक उंगली डाल दी. उनकी उंगली बहुत मोटी थी की मैं दर्द से कराह उठी.

वो बोले: पहले-पहले तोड़ा सा दर्द होगा. बाद में सब सहन हो जाएगा. और मज़ा भी आएगा.

उन्होने सच बोला. मुझे थोड़ी ही देर में मज़ा आने लगा. इसके तुरंत बाद उन्होने अपनी दूसरी उंगली भी घुसा दी. मेरा दर्द फिरसे बढ़ गया. वो फिर उंगलियाँ बाहर निकाल के मेरी गांद को फिरसे चाटने लगे. मेरी गांद उनकी थूक से पूरी गीली हो चुकी थी.

इसके बाद वो खड़े हो गये, और अपना कुर्ता पाजामा निकाल दिया. मैं बेड लेती थी. उनकी बॉडी देख मैं हैरान रह गयी. कों कहेगा की ये एक 55 साल के आदमी की बॉडी थी. आसानी वो किसी 30 साल के आदमी जैसे लगते थे. कोई भी औरत उनकी इस बॉडी पे फिदा हो जाए. वो अभी सिर्फ़ अपने अंडरवेर में थे. अंडरवेर के उपर से ही उनके लंड का शेप दिख रहा था.

मैं बेड में उठ के बैठी. इसके बाद उन्होने अपना अंडरवेर भी उतार दिया. मैं उनके लंड को देखती ही रह गयी. ऐसा लंड मैने सिर्फ़ पॉर्न वीडियोस में ही देखा था इससे पहले.

मेरी दर्र के मारे हालत खराब हो गयी. उनका लंड करीब 10 इंच का था. उन्होने अपनी पूरी बॉडी शेव की हुई थी. उनके आँड भी काफ़ी बड़े थे. उनके सामने मेरा लंड तो एक बच्चे जैसा था.

फिर वो रूम में रखी हुई एक रॉकिंग चेर पे बैठ गये, और मुझे अपने घुटनो पे बैठ के उनके पास बुलाया. मैं उनकी बात मान के उनके पास चली गयी, और अपने घुटनो पे बैठ गयी.

उन्होने कहा: अब सब कुछ बताना पड़ेगा क्या?

मैं समझ गयी की उन्हे क्या चाहिए था. मैने काप्ते हुए हाथो से उनके लंड को पकड़ा. वो मेरे एक हाथ में पूरा आ भी नही रहा था, इतना बड़ा था. मैने दोनो हाथो से उसे पकड़ा. फिर मैं अपना मूह उसके पास लेके गयी. मुझे घिन आ रही थी.

यादव जी बोले: इससे लॉलिपोप समझ के चूसना शुरू कर.

मैने वैसा ही किया. पहले मैने टोपा मूह में लिया, और उसे चाटने लगी, जैसा मैने पॉर्न वीडियोस में लड़कियों को करते हुए देखा था. मैने अपनी आँखें बंद कर ली, और उनका लंड अपने मूह लेती रही. ऐसे मैने उनका आधा लंड अपने मूह ले चुकी थी.

फिर उन्होने मेरा सर पकड़ लिया और उसको उपर-नीचे करके मेरा मूह छोड़ने लगे. उन्होने पूरा लंड मेरे मूह घुसा दिया था. मुझे साँस लेने प्राब्लम हो रही थी. लेकिन फिर भी वो नही रुक रहे थे. मैं उनके थाइस पे अपना हाथ मार रही थी, ताकि उन्हे समझ आए की मुझे तकलीफ़ हो रही थी.

उन्होने कहा: अब सब कुछ बताना पड़ेगा क्या?

मैं समझ गयी की उन्हे क्या चाहिए था. मैने काप्ते हुए हाथो से उनके लंड को पकड़ा. वो मेरे एक हाथ में पूरा आ भी नही रहा था, इतना बड़ा था. मैने दोनो हाथो से उसे पकड़ा. फिर मैं अपना मूह उसके पास लेके गयी. मुझे घिन आ रही थी.

यादव जी बोले: इससे लॉलिपोप समझ के चूसना शुरू कर.

मैने वैसा ही किया. पहले मैने टोपा मूह में लिया, और उसे चाटने लगी, जैसा मैने पॉर्न वीडियोस में लड़कियों को करते हुए देखा था. मैने अपनी आँखें बंद कर ली, और उनका लंड अपने मूह लेती रही. ऐसे मैने उनका आधा लंड अपने मूह ले चुकी थी.

फिर उन्होने मेरा सर पकड़ लिया और उसको उपर-नीचे करके मेरा मूह छोड़ने लगे. उन्होने पूरा लंड मेरे मूह घुसा दिया था. मुझे साँस लेने प्राब्लम हो रही थी. लेकिन फिर भी वो नही रुक रहे थे. मैं उनके थाइस पे अपना हाथ मार रही थी, ताकि उन्हे समझ आए की मुझे तकलीफ़ हो रही थी.

फिर वो रुक गये. मेरे बाल मेरे चेहरे पे बिखरे हुए थे. मेरी साँस फूल चुकी थी. उनका लंड मेरे सलाइवा से गीला हो चुका था, और मेरा पूरा मूह भी. फिर उन्होने मुझे वापस बेड पे लिटाया, और पहले की तरह मेरी गांद चाट के गीली कर दी. मैं समझ गयी थी अब क्या होने वाला था.

वो बोले: तैयार हो जेया अपना पत्नी धरम निभाने के लिए.

ये बोलते ही उन्होने मेरे पैर अपने कंधे पे उठा लिए, और मेरी गांद पर अपना लंड सेट किया. मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था. इस पल के बाद मेरी पूरी ज़िंदगी बदल जाएगी. मैने अपने दिल को शांत किया, और तैयार हो गयी. उन्होने मेरी गांद में प्रेस किया अपने लंड से. उनके लंड का टोपा मेरी गांद में घुस गया, और मैं दर्द से चीख उठी.

उन्होने उसी वक़्त एक और झटका दिया, तो उनका आधा लंड मेरी गांद में घुस चुका था. मेरी चीख और तेज़ हो गयी. वो उसी पोज़िशन कुछ देर रहे. मैं दर्द से रोने लगी. उन्होने मेरे आँसू पोंछे और कहा-

यादव जी: कुछ नही होगा मेरी जान. ये दर्द सिर्फ़ कुछ पल के लिए है. इसके बाद मज़ा ही मज़ा है.

इसके बाद उन्होने एक और झटका दिया, तो उनका पूरा लंड मेरी गांद में घुस गया. मैं चिल्ला ना पौ इसलिए उन्होने पहले ही मेरे मूह पे अपना हाथ रख रखा था. मैं फिर भी चिल्लाई, लेकिन आवाज़ उनके हाथ के पार ना हो पाई. फिर वो कुछ देर और उस पोज़िशन में रहे. मुझे मेरी गांद फील नही हो रही थी. वो सुन्न पद चुकी थी.

मैं समझ गयी की मेरी गांद फट चुकी है. फिर उन्होने अपना लंड एक झटके में मेरी गांद से निकाल दिया. मुझे ऐसा लग रहा था की मेरी गांद में अब तक किसी ने सरिया घुसा के रखा था. मैने उनकी तरफ देखा तो वो अपने लंड को पोंछ रहे थे, और उसमे खून लगा हुआ था. मुझे पता था की ये मेरी गांद का ही खून था, जो की फट चुकी थी.

फिर उन्होने बहुत सारा तेल लिया, और मेरी गांद में लगाने लगे. आचे से उन्होने मेरी गांद को तेल से स्लिपरी कर लिया. इसके बाद उन्होने अपने लंड में भी खूब सारा तेल लगा लिया. वापस वो बेड पे आ गये, और मेरे पैर अपने कंधे पे उठा लिए. फिर एक झटके में उनका पूरा लंड मेरे गांद में घुस गया. इस बार ज़्यादा दर्द नही हुआ.

फिर वो धक्के देने लगे. मुझे भी थोड़ी देर बाद अछा लगने लगा. कुछ मिनिट्स में उन्होने स्पीड बढ़ा दी, और तेज़-तेज़ धक्के देने लगे. पुर कमरे में अब सिर्फ़ हम दोनो की सिसकियाँ और तेल से लिपटे हुए हमारे गांद और लंड की पच-पच की आवाज़ ही आ रही थी. ऐसे ही उन्होने करीब एक घंटे तक मुझे छोड़ा.

मुझमे अब कोई ताक़त नही बची थी, लेकिन वो फिर भी पुर ज़ोर से मुझे छोड़े जेया रहे थे.

उन्होने पूछा: मुझे तुझसे प्यार हो गया है मेरी जान. ये एक साल तेरी ज़िंदगी का सबसे हसीन एक साल होगा. ये मेरा वाडा है तुझसे. तू बस मुझे खुश रख. मैं तुझे दुनिया की सारी खुशियाँ लेक दूँगा.

मैं कुछ बोलने की हालत में नही थी. मैने अपनी आँखें बंद कर ली थी, और सोच रही थी के एक महीने पहले तक मैं किसी का हज़्बेंड था और आज किसी की बीवी बन के उनके बिस्तर पे थी. मैं ये सब सोच ही रही थी की यादव जी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

वो बोले: मैं झड़ने वाला हू.

ये बोलते ही वो झाड़ गये, करीब डेढ़ घंटा मुझे छोड़ने के बाद. मेरे अंदर मानो बाढ़ आ गयी हो उनके स्पर्म की.

फिर कुछ देर तक वो उपर ही लेते रहे. मेरी पूरी बॉडी दर्द कर रही थी. इसके बाद वो उठे, और मुझसे अलग हुए. मेरी गांद से उनका स्पर्म गिर रहा था. उन्होने अपना लंड सॉफ किया. फिर मुझे उन्होने अपने गोद में उठा लिया.

मैं हैरान रह गयी की इतनी ताक़त किसी में कैसे हो सकती है. फिर वो मुझे वॉशरूम ले गये, और मुझे पूरी तरह सॉफ किया. मैं चलने की हालत में नही थी, तो वो मुझे गोद में लेके ही बेड पे आ गये.

उन्होने ही मुझे कपड़े पहनाए, और खुद भी कपड़े पहन लिए. मैं इतनी कमज़ोर हो चुकी थी की मेरी आँखें खोल के रखने की भी ताक़त नही बची थी तो मैं सो ग1आई. यादव जी भी मेरे बगल में आके सो गये.

तो बे कंटिन्यूड…

यह कहानी भी पड़े  सुहागरात पर बीवी की मस्त चुदाई


error: Content is protected !!