खड़े लंड से बहन की सील तोड़ी

सभी चूतधारी भाभियों और लंडधारियों को मेरा नमस्कार। मैं रमन भोपाल का रहने वाला हूं। मेरे औजार की बड़ाई नहीं करूंगा, पर ये 6 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा है, और किसी को भी संतुष्ट कर सकता है।

मुझे भरे शरीर वाली भाभियां और लड़कियां अच्छी लगती है।आज आपके सामने अपने सेक्स के एक्सपीरियंस को शेयर करना चाह रहा हूं, जो मुझे अपनी कजिन बहन के साथ हुआ।

बात जून 2021 की है जब लॉकडाउन खुला ही था।

तब मेरी कजिन मेरे घर रहने आई। उसका नाम खुशबू था।

मेरी उमर जब 22 साल और उसकी 23 साल थी, पर हम बचपन में साथ ही खेलते थे।

पर जब हम बड़े हुए तब उसका शरीर भर गया मानो गुद्देदार।

उसके मांसल शरीर को मानो दबा-दबा कर चोद दो।

उसके दूध 32B के थे, पर उसके शरीर पर जचते थे, और उसके निप्पल भी भूरे रंग के उस पर चार चांद लगाते थे। और गांड भी चौड़ी और गूदेदार थी, जिस पर उछल-उछल कर चोदने में बड़ा मजा आता था। चूत भी उसके गूदेदार गुलाबी पंखुड़ी की तरह थी। कुल मिला कर उसको रात भर चोदते रहो।

तो हुआ ये कि 2019 में ये हमारे घर आई।मेरा घर 3 मंजिला है, जिसमें मेरा कमरा सबसे ऊपर है। इसमें अटैचड बाथरूम है। अब उस समय मेरे घर में मेहमान आए हुए थे, तो खुशबू को नहाने के लिए सारे बाथरूम इंगेज मिल रहे थे। तो उसने मेरे बाथरूम को उसे करने का पूछा। वैसे मेरे रूम में कोई नहीं आता, तो मैंने बोला कि ठीक है नहा लो।अब मेरे बाथरूम में गेट में छेद थे।

उस दिन तक मेरे मन मैं ऐसा कोई खयाल भी नहीं था। मैं अन्तर्वासना की कहानी पढ़ते-पढ़ते पता नहीं कब उस गेट के पास पहुंच गया। फिर जो मैंने उस छेद से देखा, मानो मेरा दिमाग सुन्न हो गया। मैंने देखा कि खुशबू अपने मादक बदन पर पानी डाल रही थी। मैं पहली बार किसी हमउम्र लड़की को पूर्ण नग्न देख रहा था। उसको मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।

उस गूदेदार बदन पर पानी की बूंदे और उस पर उस नग्न बदन पर चलते हुए साबुन से भीगे उसके हाथ, मेरे सुन्न दिमाग पर हावी होते जा रहे थे। जिस प्रकार वो अपने स्तन मसल-मसल कर साफ कर रही थी, मानो आटा गूंध रही हो। सहसा मुझे किसी की आहट मिली तो मैं वहां से हट गया। पर उस दिन मुझे फिर नींद नहीं आई। रात भर वही दृश्य घूमता रहा।

मुझे हस्तमैथुन की तलब लगी, तो मैं भी अपना हथियार हिलाने लगा। मेरा यकीन करे, उस दिन मेरा इतना वीर्य निकला जितना पहले कभी नहीं निकला था। उस दिन मुझे बहुत आत्मसंतुष्टि मिली। अगले दो दिन मुझे ऐसे मादक बदन के दीदार करने के मौके मिले।

दो दिन बाद जब सब चले गए तो मैंने सोचा कि कहीं मैं गलत तो नहीं कर रहा‌‌ था, क्योंकि वो मेरी कजिन ही सही, पर बहन हैं। पर लंड के पास दिमाग कहां होता है। और फिर जहां सवाल चुदाई का हो, वहां दिमाग मत लगाओ। उस दिन से मेरी नजर बदल गई, और मेरी चोदने की इच्छा प्रबल होने लगी। पर चुदाई की कैसे जाए? फिर बात आई गई हो गई।

फिर जब भी वो हमारे घर आती, तो मैं कभी उसे गोद में उठा लेता, तो कभी पीछे से पकड़ लेता, और अपना लंड महसूस करवा देता। अब 23-24 साल की लड़की इतनी बेवकूफ तो है नहीं कि वो समझे नहीं इन बातों को।

उसके बाद से वो मुझसे बचने लगी, पर मैंने भी हिम्मत नहीं हारी, और ऐसे ही छिट-पुट कोशिशों से मन बहलाता रहा। फिर वो तूफानी रात आई जिसने सब पलट कर रख दिया। जून 2021 में जब वो हमारे घर एम. ए. में एडमिशन करवाने आई। इस बार उसका शरीर भी भर गया और उसका फिगर 32B-36-34 का हो गया था। ये देख कर मेरा लंड फिर से सलामी देने लग गया।

अगले दिन मैं उसके साथ एडमिशन करवाने गया तो रास्ते में मैं ब्रेक कुछ ऐसे लगाता कि उसके दूध मुझे छू जाते। ऐसे ही दो दिन गुजर गए और अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। रोज मैं बाथरूम में उसके कामुक बदन का दीदार करता। उसके दूध की घाटी ढूंढने की कोशिश करता, उसकी गांड की दरार को देखता, उसकी नींद में उसकी चूची दबाने की कोशिश करता, पर फिर भी मन नहीं भरता।

फिर एक रात मेरी नींद खुली तो देखा कि सोते समय उसकी टी-शर्ट थोड़ी ऊपर हो गई थी, और उसमे से गांड की दरार दिख रही थी। बस मुझसे सब्र नहीं हुआ, और मैं उसके दूध दबाने पहुंच गया। मैंने शर्ट के अंदर हाथ डालने की कोशिश करी। चुंकी उसने ब्रा पहनी हुई थी, तो मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाया।

पर फिर ना जाने मुझे क्या सूझा,‌कि मैंने उसकी पैंटी में हाथ डालने की कोशिश की। पर जैसे ही मेरा हाथ उसकी झांटों तक पहुंचा, तो उसकी नींद खुल गई। वो बोली कौन है? पर तब तक मैं अपने कमरे में भाग गया।

अगले दिन जब मैं सो कर उठा तो मेरे वॉट्सएप में उसका मैंसेज आया था कि, “तू रात में बहुत इधर-उधर घूमता है।” मेरा खून सूख गया। मैं समझ गया कि‌ उसको सब पता चल गया था। उसने लिखा कि, “आइंदा से मुझसे बात मत करना।”

मैं डर गया कि ये मम्मी और सारे रिश्तेदारी में बता देगी।

और मैं शर्म के मारे 4 -5 दिन उसके सामने ही नहीं गया।

लगभग एक हफ्ते बाद एक दिन मम्मी बोली कि, “हम बाहर जा रहे है दो दिन के लिए”, और खुशबू को बोला कि, “तुम दोनों अपना खाने की व्यवस्था कर लेना।”

अब अगले दिन से बस हम दोनों अकेले थे। पर बोलचाल बन्द थी। आखिर में खुशबू ने आके पूछा खाने के बारे में, तो मैंने बोला, “कुछ भी बना लो।”

फिर हमने खाना खाया और अपने-अपने कमरे में चले गए। रात को भी खाना खाने के बाद जब हम टीवी देख रहे थे, तब मैंने उससे उस दिन के लिए माफी मांगी। ये सुन कर वो भड़क गई, और मुझे खूब खरी-खोटी सुनाई।

मैंने डांट सुन ली और अपने कमरे में चला गया। पर रात में मैंने सोचा कि इसने अभी तक किसी को कुछ बताया क्यूं नहीं? तब मेरे खुराफाती दिमाग ने सोचना शुरू किया।

अगले दिन मैंने फिर माफी मांगी। इस बार वो नरमी से पेश आई और बोली कि, “आइंदा से ऐसा नहीं होना चाहिए।” मैंने उसकी हां में हां मिलाई। फिर मैंने उससे पूछा कि‌ उसने अभी तक किसी को कुछ क्यूं नहीं बताया? तो उसने कुछ नहीं बोला। मैंने दिमाग में सोचा हो ना हो चुदासी तो ये भी कही ना कहीं है। तो मैंने उससे सीधा बोला कि, “मुझे तुम अच्छी लगती हो।”

तो वो बोली, “ऐसा नहीं हो सकता, हम भाई-बहन लगते है”, और वो किचन से जाने लगी। पर मैंने उसका रास्ता रोक लिया, और उसको पकड़ने लगा। इस बीच में मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया, और उसकी गर्दन पर किस करने लगा। मेरा लंड भी खड़ा होकर उसकी गांड में घुसा जा रहा था, पर मैं कहां मान रहा था।

थोड़ी ताकत लगा कर वो मुझसे छूट कर हॉल में पहुंची, तो वहां मैं पकड़ कर उसके होंठो पर चुम्बन लेने लगा। धीरे-धीरे उसकी पकड़ ढीली होने लगी, और फिर एक-दम से उसने मुझसे छुड़ा लिया।

हमारी सांसे ऊपर-नीचे होने लगी, लगा जैसे एक तूफान गुज़र गया हो। उसने मुझे देखा, और भाग कर अपने कमरे में चली गई और दरवाजा लगा लिया।

मैंने उसको आवाज लगाई पर वो बोली कि, “मुझे अकेला छोड़ दो।”

तो मैं अपने कमरे में आकर सो गया। शाम को देखा कि मेरे मोबाइल में खुशबू का मैंसेज आया कि, “मुझसे छत पर आकर मिलो।” जब मैं ऊपर गया तो वो मुझसे रोते हुए बोली कि, “आज जो हुआ वो गलत है।” तो मैंने उसको पहले चुप करवाया, और फिर समझाया कि जो हुआ जोश में हुआ, और इसमें गलती किसी की नहीं थी।

फिर मैंने उसको बोला कि, “अब से ऐसा कुछ नहीं होगा, जब तक तुम्हारी मर्जी ना हो।”

फिर हम नीचे आ गाये। रात में खाना खाते समय मैंने जब उससे पूछा कि, “किस करते टाइम कैसा लगा?” तो उसने बोला कि, “कुछ अजीब सा फील हुआ।” मैंने पूछा कि, “इसके आगे कुछ करने की इच्छा है?” तो उसने कहा कि उसको थोड़ा सोचने के लिए वक्त चाहिए। बस मेरे मन में आया कि‌ अब तो मेरे नीचे ये आजाएगी।

रात में 11 बजे करीब मेरे गेट पर खुशबू ने आवाज लगाई।

मैंने गेट खोला, उस समय उसने एक नाइटी पहनी हुई थी।

मैंने उसे अंदर आने को बोला।

अंदर आकर वो बुत जैसे खड़ी हो गई, और फिर मुझसे लिपट गई। पहले कुछ देर मुझे कुछ समझ नहीं आया, तो मैंने उससे पूछा। तो उसने कहा कि, “मुझसे गलती हो गई, आई लव यू।”

मेरी तो किस्मत खुल गई, और फिर मैंने उसके चेहरे को ऊपर उठा कर होंठो को किस किया, और फिर हमारी ताबड़-तोड़ चुम्मा-चाटी शुरू हो गई। हम सांसे तक नहीं ले रहे थे। मैंने भी उसके कान और गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया, जिससे वो और गरम होने लगी। वो उम्म्म आई लव यू की आवाज करने लगी।

फिर मैंने उसे पलटा दिया, और दूध दबाते हुए उसको गर्दन पर किस करने लगा। वो भी हाथ नीचे करते हुए मेरे लोअर के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थी। फिर मैंने उसे अपनी तरफ पलटा लिया, और फिर उसके होंठों पर किस करने लगा।

वो भी मेरा जबरदस्त साथ दे रही थी, मानो सालों से मुझसे चुदाई करवा रही हो। फिर मैंने उसको गोदी में उठा लिया, और फिर किस करते हुए बैड पर ले गया।

एक-दूसरे में गुत्थम-गुत्था होते हुए कब हमारे कपड़े उतर गए हमे पता नहीं चला। हम दोनों बस अपने अंडरगार्मेंट्स में रह गए थे। खुशबू की लेस वाली गुलाबी ब्रा पैंटी में जो उसका जिस्म नुमाया हो रहा था उसके क्या कहने। साक्षात रति का अवतार लग रही थी। उसके दूध और गांड तो मानो दो गुंबद जो मेरी जान लेने को उतारू थे।

मैं फिर उसके ऊपर चढ़ गया और उसके कान और गर्दन पर अंधाधुंध चुम्बन करने लगा। वो भी कामुकता वश उई मम्मी… आह… जानू मजा आ रहा हैं कह कर मेरा जोश बढ़ा रही थी। मैंने धीरे-धीरे नीचे जाकर उसके दूध की घाटी पर धावा बोला। खुशबू के दोनों हाथ मेरे सिर के बालों पर चल रहे थे।

बार-बार वो जानू-जानू की तेज आवाजों मुझे रोमांचित कर रही थी। उसके दूध ऊपर-नीचे हो रहे थे, और मेरा जोश बढ़ा रहे थे। फिर मैं उसके दूध दबाते हुए उसकी गहरी नाभी को चूमने लगा, जिससे वो सिहार गई। मैं फिर उसकी पैंटी की तरफ बढ़ा तो उसकी महक ने मुझे दीवाना कर दिया। फिर मैंने उसको पलटा दिया, और और उसकी गांड पर दो चमाट मारे जिससे उसकी गांड लाल हो गई।

फिर मैंने उसकी ब्रा के स्ट्रैप खोल कर उसकी ब्रा अलग कर दी। अब उसके बदन पर कपड़ो के नाम पर बस पैंटी रह गई थी। शर्म की वजह से उसने अपने दूध छुपा लिए, पर मैंने उसके दोनों हाथ अपने पैर के नीचे दबा लिए। और फिर वो 32B के दूध जिसे मैं छुप-छुप कर देखता था, वो आज मेरे सामने थे। मैंने उसे जी भर कर दबाया और उसके निप्पल को खूब चूसा।

अब बारी थी उसकी जिसकी मुझे चाहत थी। मैं धीरे-धीरे पैंटी सरका रहा था, और जब मैं वो गुलाबी पंखुड़ी और उसके बीच में छेद देखा, मेरा रोम-रोम सिहार गया। पहले मैंने उसको चूम लिया तो खुशबू सिहार गई। फिर मैंने उससे जीभ से खेलना खोदना शुरू किया, तो खुशबू पागल हो गई। मैंने उंगली से छेद खोदना शुरू किया, तो वो दर्द से बिलबिलाने लगी। मैं समझ गया कि उसकी सील पैक थी।

तो मैं छेद को चूस-चूस कर ढीला करने लगा। इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने उसे अपना हथियार दिखाया तो उसकी आंखे चौंधिया गई। फिर मैंने उसे चूसने को बोला तो उसने मना कर दिया। फिर मैंने उसे ब्लोजॉब का वीडियो दिखाया। अब उसने धीरे-धीरे चूसना शुरू किया।‌ मुझे उतना मजा नहीं आया, तो मैं मैंने काम शुरू किया।

मैंने पहले उसे लिटाया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया। फिर उसके छेद के अंदर तक वेसलीन लगाया, और अपने लंड पर भी अच्छे से चुपड़ दिया। अब वो समय आ गया था, जिसका मुझे चार साल से इंतजार था। जैसे ही मैंने अपना लंड अन्दर डालना शुरू किया, वो दर्द के कारन‌ रोने लगी। तो मैंने उसको लिप किस करते-करते उसके अंदर धक्का मारा।

मैंने देख कि 6 में 3 इंच लंड अंदर चला गया। खुशबू बहुत जोर-जोर से रोने लग गई, और बाहर निकालने को बोलने लगी।पर मैंने उसको शांत किया, और उसके मम्मे मसलने लगा। और फिर चूमते हुए एक जोरदार धक्का मार दिया जिससे लंड सील तोड़ते हुए पूरा अंदर चला गया।

खुशबू थोड़ी देर के लिए बेहोश जैसी हो गई। फिर जब उसे होश आया तो मैंने पूछा दर्द तो बोली कम है। फिर मैंने आगे शुरू करने की परमिशन मांगी। मैंने धीरे-धीरे स्पीड बनाते हुए मिशनरी पोजीशन में धक्के लगाने शुरू किए।

पूरा पलंग चर-चर कर रहा था, और कमरा हमारी चुदाई की गूंज से। पट पट पट उई उई उई मर गई ऐसे आवाजों से माहौल और कामुक होता जा रहा था। फिर हमने पोजीशन बदल कर डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया। इसमें मुझे और मज़ा आने लगा, और खुशबू भी अब दर्द भूल कर एंजॉय करने लगी। 3 मिनट तक इस पोजीशन में चोदने के बाद मैंने उसे अपनी गोद में ले लिया और लंड पर उछाल-उछाल कर चोदने लगा।

फिर मुझे थोड़ी थकान होने लगी तो हम लेट गए और मैंने फिर खुशबू को ऊपर आने को बोला। उसने भी लंड पूरा लेते हुए अपनी कला दिखानी शुरू की, मानो ये उसकी पहली चूदाई ना हो। मैंने भी उसके दूध मसलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

हमे भी चूदाई करते हुए 25 मिनट हो गए थे, और इतनी देर में खुशबू भी 3 बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने भी उसको मिशनरी पोजीशन में किया और तेज-तेज झटके मारने शुरू किए। 2 मिनट बाद में मेरी चरम सीमा पर पहुंचने लगा, और खुशबू भी मेरे साथ झड़ने लगी। मैं भी खुशबू के दूध मसलते हुए उसके ऊपर लेट गया। आधे घंटे बाद जब हम उठे तो देखा चादर पर पूरे खून और वीर्य से भीगी हुई थी। मैंने जब खुशबू की तरफ देखा तो वो शरमा कर बाथरूम में चली गई।

इसके आगे क्या हुआ और कैसे हमने सुहागरात मनाई, ये जानने के लिए कमेंट करके मेरे ईमेल पर बताए

आपके रिप्लाई पर मैं इसका अगला भाग लाऊंगा।

धन्यवाद।

यह कहानी भी पड़े  पापा के साथ बढ़ती नज़दीकिया


error: Content is protected !!