सेक्सी असिस्टेंट की वॉशरूम में चुदाई

हेलो दोस्तों, मेरा नाम एलिया है, और मैं बंगलोरे से हू. मेरी आगे 27 यियर्ज़ है. मेरा रंग एक-दूं दूध जैसा गोरा है, और हाइट 5’5″ है. मेरा फिगर एक-दूं कातिलाना है, जिसको देख कर सब मर्द झूम उठते है. 36ब साइज़ के बड़े-बड़े बूब्स, 30″ की पतली सी कमर, और 38″ की मोटी गांद. ये फिगर देख के कोई भी पागल हो जाए. तो चलिए कहानी पर आते है.

मुझे एक बड़ी मंक में असिस्टेंट की जॉब लगी थी. मैं उस कंपनी के सेयो की असिस्टेंट बनने वाली थी. उसका नाम राहुल था. आपको राहुल के बारे में बता डू. कंपनी का सेयो है, तो अमीर तो होगा ही. एक-दूं गोरा-चितता 32 साल का लड़का था. उसको शादी में कोई इंटेरेस्ट नही था, इसलिए बस गर्लफ्रेंड बनता था, और लड़कियों को छोड़ता था.

मुझे नही पता था मैं भी उसकी ऐसी ही एक गर्लफ्रेंड बनने वाली थी, जिसको वो सिर्फ़ छोड़ने के लिए रखता. उस दिन ऑफीस में मेरा पहला दिन था. मैं टाइम से ऑफीस पहुँची, और अपने काम में लग गयी. कुछ देर बाद राहुल ने मुझे अपने कॅबिन में बुलाया.

राहुल: हेलो एलिया.

मैं: हेलो सिर.

राहुल: तुम मुझे सिर मत बुलाओ. यहा सब मुझे राहुल ही बुलाते है. सिर सुनता हू तो मुझे एक-दूं बुड्ढे वाली फीलिंग आती है.

मैं (मुस्कुराते हुए): ओके राहुल. आपने मुझे बुलाया था?

राहुल: हा तुम्हारा काम समझने के लिए. तुम्हे रोज़ मेरी कॉल्स आन्सर करनी होंगी. सिर्फ़ इंपॉर्टेंट कॉल्स मुझे फॉर्वर्ड करना. और मैं मंत में अट लीस्ट 1-2 बार फॉरिन जाता हू मीटिंग्स के लिए, तो तुम मेरी असिस्टेंट हो तो तुम्हे भी आना होगा मेरे साथ. फिकर मत करो, सब कुछ कंपनी स्पॉन्सर करेगी.

मैं: ओके सिर. अब मैं जौ?

राहुल: हा तुम जाओ.

मैं उसके कॅबिन से निकली. निकलते टाइम पीछे देखा तो वो मेरी गांद को घूर के देख रहा था. मैने उस दिन वाइट शर्ट आंड ब्लू टाइट नी लेंग्थ स्कर्ट पहनी थी. मेरे आउटफिट में से मेरा फिगर एक-दूं सॉफ दिख रहा था, और मुझे पता था राहुल के मॅन में मुझे लेके बुरे ख़याल आने शुरू हो गये थे. मैं भी वैसे यही चाहती थी. बस तोड़ा नाटक करना चाहती थी.

उसके अगले दिन से मैं रोज़ ऑफीस में एक-दूं टाइट कपड़े पहन के जाती, और राहुल को सिड्यूस करती. कभी उसके सामने पेन गिरा कर उठाने के बहाने उसको अपने बूब्स दिखती, तो कभी पेपर्स गिरा कर गांद दिखाते हुए उठती. राहुल भी कुछ कम नही था. मुझे देख के उसकी पंत में उसका लंड तंबू बन जाता था. वो रोज़ वॉशरूम में जेया कर हिलता था, ये मैं पुर यकीन के साथ कह सकती हू.

एक दिन हम शाम को लाते तक काम कर रहे थे. टाइम का पता ही नही चला की कब 9 बाज गये. कॅबिन के बाहर जेया कर देखा तो सब जेया चुके थे, और सब लाइट्स भी बंद थी. सिर्फ़ हमारे कॅबिन की लाइट चालू थी. मैने राहुल से कहा-

मैं: राहुल बहुत लाते हो गया आज. 9 बाज गये. सब चले गये है. हमे भी जाना चाहिए.

राहुल: हा चलो, मैं तुम्हे घर छ्चोढ़ देता हू.

मैं: उम्म, ओके ठीक है. मैं 2 मिनिट वॉशरूम में फ्रेश होके आती हू.

राहुल: ओके ठीक है.

मैं वॉशरूम में गयी, और मूह धो के बाल ठीक करने लगी. तब मुझे वॉशरूम का डोर खुलने की आवाज़ आई. मैने देखा राहुल अंदर आया था. मैं मॅन ही मॅन खुश हुई, बुत शॉक होने का नाटक किया.

मैं: राहुल ये क्या कर रहे हो? तुम यहा अंदर नही आ सकते. ये लॅडीस वॉशरूम है.

राहुल: क्या करू तुमसे डोर रह ही नही सकता.

मैं: ये क्या बोल रहे हो तुम?

राहुल: नाटक मत करो, मैं जानता हू तुम भी यही चाहती हो.

मैं: जब सब जानते हो तो इतने डोर क्यूँ खड़े हो?

मेरे इतना कहते ही वो मुझसे चिपक गया, और मेरे होंठो पे अपने होंठ रख कर मुझे किस करने लगा. फिर वो मेरी शर्ट के बटन खोल कर ब्रा के उपर से ही मेरे बूब्स को दबाने लगा. मेरे बूब्स दबाते-दबाते उसने मेरी स्कर्ट को उपर किया, और पनटी को निकाल कर छूट पे हाथ फेरने लगा.

मुझसे रहा नही गया, और मैं चिल्लाने लगी: आआहह राहुल.

उसने मेरी छूट के अंदर उंगली डाली, और अंदर-बाहर करने लगा. फिर 1-2 मिनिट के बाद एक और उंगली डाली.

मैं: आअहह राहुल, अब मुझसे रहा नही जाता. प्लीज़ मुझे छोड़ो. मुझे अपनी रॅंड बनाओ. तब राहुल बोला: हा बहनचोड़, रंडी तू तो है ही चुड़क्कड़. तुझे रखा ही है मैने यहा अपने लंड की प्यास बुझाने के लिए.

ये सुन के मैं और उत्तेजित हो गयी. फिर उसने उंगली निकली, और मुझे अपने घुटनो पे बिता दिया. मैने अब उसका पंत खोल कर उसका लंड बाहर निकाला. दोस्तों क्या लंड था उसका, 8 इंच का तन्ना हुआ, जैसे कोई रोड हो. उसने लंड से ही मेरे गालो पे थप्पड़ मारा, और सीधा मेरे मूह में घुसा दिया.

मैं उसका लंड मूह में लेके चूसने लगी. तभी उसने अपने पॉकेट में से उसका फोन निकाल कर मेरी फोटो खींच ली. तोड़ा अजीब लगा, पर वो फोटो देख के मैं और गीली हो गयी, और ज़ोर-ज़ोर से उसका लंड चूसने लगी.

3-4 मिनिट लंड चूसने के बाद वो मेरे मूह में ही झाड़ गया. फिर उसने मेरे पुर कपड़े उतार दिए, और खुद भी नंगा हो गया. फिर मुझे उठा के अपने कॅबिन में ले गया, और अपनी डेस्क पे लिटा दिया. उसने अपने लंड का टोपा मेरी छूट पे रखा, और एक ही झटके में पूरा पौंड अंदर डाल दिया. वैसे तो मैने बहुत लंड लिए है, पर इसका लंड अंदर जाते ही मेरी चीख निकल गयी.

मैं: आअहह बाहर निकालो इसे. बहुत दर्द हो रहा है मुझे.

राहुल बोला: रॅंड साली, मज़े चाहिए तो तोड़ा दर्द तो सहना पड़ेगा.

ऐसा कह के वो 1-2 मिनिट रुक गया, और जैसे ही मेरा दर्द कम हुआ, वो अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा.

अब मुझे भी मज़ा आने लगा, और मैं उससे खुशी से छुड़वाने लगी. पुर ऑफीस में ऑश आअहह की आवाज़े आ रही थी. चुदाई की खुश्बू पुर कॅबिन में फैल गयी थी.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.

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