ऑफीस में सेक्सी लड़की की गांद चुदाई की कहानी

हेलो दोस्तो, अगेन स्वागत है मेरी ये गांद फादू स्टोरी में, जिसमे आप लोग पड़ेंगे की कैसे मैने आंड सुहासिनी ने मिल कर एक प्लान बनाया ऑफीस में उसकी गांद फाड़ने का, और वो ये सब के लिए कैसे मानी.

जिसने भी पहला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ पहले वो पढ़ना. उसके आयेज की कहानी, इस पार्ट में मिलेगी.

सेम आस मेरा इंट्रो:- मेरा नाम है लोवे (बदला हुआ). मैं गुजरात से हू. मेरी आगे 29 यियर्ज़ है. मैं एक मार्केटिंग प्रोफेशनल हू, सो ज़्यादातर घूमता रहता हू. और अपनी स्टोरीस में मैं आपको बतौँगा, की कैसे मुझे घूमने के कारण ही अलग-अलग छूट मिली. वो भी ऐसी छूट, जिसके बारे में सोच भी नही सकता था.

आज उसमे से एक स्टोरी शेर करने जेया रहा हू. तो बोर ना करते हुए आते है आज की स्टोरी पे.

हमारी मॉर्निंग में 4 बजे तक चुदाई आंड चुसाई चल रही थी. फिर मैं सो गया. जब में उठा, तो सुहासिनी साइड में नही थी. वो ऑफीस के लिए चली गयी थी.

अब मुझे भी आज उसी ऑफीस में जाना था दोबारा, तो मैने सोचा क्यूँ ना आज का दिन उसके ऑफीस में भी यादगार बनाया जाए.

मैने फोन उठाया, और उसको मेसेज किया-

मे: आज ऑफीस में रेडी रहना. आज ऑफीस में ऐसा कुछ करना है जैसा तुमने कभी सोचा भी नही होगा.

उसके बाद उसकी 10 कॉल्स आई, पर मैने नही उठाई. उसके बहुत सारे मेसेजस आए, वो भी मैने सीन नही किए. फिर मैं जैसे ही रेडी होके ऑफीस में गया, तो वो मेरी ही वेट कर रही हो ऐसा दिख रहा था.

मैं गया तुरंत ही उसके पास.

सुहासिनी: ये क्या मेसेज किया था आपने? हम यहा कुछ नही करेंगे. ये मेरा वर्क प्लेस है. अगर किसी को कुछ भी पता चला, तो मेरी वात लग जाएगी और नौकरी भी चली जाएगी.

वो सब कुछ एक ही साँस में बोल गयी.

मे: अर्रे रूको यार, क्या बोले जेया रही हो? आज तो आपकी वर्जिनिटी लूज़ करनी है मुझे ऑफीस में.

सुहासिनी: तो कल रात को क्या किया था तूने? मेरे साथ सेक्स तो कर लिया, तो मेरी ऑलरेडी टूटी हुई है वर्जिनिटी. अब तो तुझे वो अलग जानम में करने को मिलेगा.

मे: गर्ल्स के पास तो 2 छेड़ होते है ना. एक की टूट गयी है, बुत कल चूस्टे हुए मैने देखा था की दूसरे की बाकी है.

जैसे ही उसको लगा की मैं उसकी गांद की बात कर रहा था, वो मेरे सामने, और थोड़े ज़ोर से बोली-

सुहासिनी: नही…, वो छेड़ में नही डालते. वाहा मैं कुछ माही कार्ओौनगी.

मे: आज तो वो ही छेड़ खोलना है, फिर चाहे कुछ भी हो जाए. और वो भी ऑफीस में, सब कॅमरास से बच के.

तब उसके बॉस आए, आंड सुहासिनी को बोले-

बॉस: सुहासिनी, लोवे को कोई काम में दिक्कत नही आनी चाहिए. उसको सब तरह से कोवापरेशन करना, ताकि उसका काम जल्दी हो, वरना वो नेगेटिव रिपोर्ट डेंगा की काम बहुत ढीला चल रहा है.

मैने तुरंत बोला: सिर क्या हम उस कमरे में चल के काम करे. क्यूंकी यहा हर कोई हमे परेशन कर रहा है काम में आंड काम अटका पड़ा है.

सिर बोले: वो रूम तो बंद है. वाहा सिर्फ़ टेबल ही है. बुत तुम्हे कोई दिक्कत नही हो, तो जाओ वाहा पे जेया कर काम कर लो.

मुझे पता था की वो कमरा बंद था कब से, क्यूंकी मैं भी आ चुका था बहुत बार इसी कंपनी में. आंड वाहा कोई कॅमरा नही था.

सुहासिनी: वाह मेरे शेर, आज तो तू मुझे छोड़ने की तान के आया है.

मे: आज से जब भी तू ऑफीस में बैठेगी, तुझे मेरा ख़याल आएगा.

फिर हम रूम में गये आंड बैठा गये. अंदर से मैने रूम बंद किया, आंड बैठना क्या था जाके डाइरेक्ट किस करना चालू कर दिया.

उसने बोला: मैं सारे क्लोद्स नही उतरुँगी. बस ये फाइनल है, आंड आयेज नही करने दूँगी .

मैने बोला: यहा तेरी गांद मारनी है मुझे बस. आयेज हम रात को करेंगे.

वो बोली: गांद घर पे भी मार सकते है ना.

मे: तू जिस गांद के सहारे ऑफीस में बैठती है. उस गांद में आज मेरा जाएगा तो तू हर रोज़ याद करेगी.

फिर मैने उसकी जीन्स नीचे की, आंड जो रेड कलर की पनटी थी उसको देख के ही मेरा लंड हार्ड हो गया. उसके बाद मैने उसकी त-शर्ट उपर की, तो उसमे भी रेड कलर की ब्रा थी. क्या लग रही थी वो.

मैने उसको उल्टा घुमाया, आंड नीचे बैठ के उसकी गांद के छेड़ पे अपनी टंग रखना चालू किया. जैसे ही टच हुई टंग, वो सच में कूद पड़ी. मैने सोचा पहले उसको गरम करना पड़ेगा, तो ही ये मेरा यहा पे आचे से लेगी.

फिर मैने बस तुरंत खड़ा होके उसको किस करना चालू किया. साथ में मैं उसके बूब्स दबा रहा था. दूसरे हाथ से मैं उसकी छूट को सहला रहा था. अब धीरे-धीरे उसकी साँसे गरम होती जेया रही थी.

वो मेरे लंड को पकड़ के सहला रही थी. फिर मैने उसको टेबल पे बिता के उसकी छूट के छेड़ पे अपनी टंग रखा दी, आंड मेरी टंग ने जैसे जादू कर दिया, तो वो बस आहें भर रही थी.

फिर मैं उठा, आंड एक ही झटके में उसकी छूट में पूरा लंड डाल दिया. वो तोड़ा ज़ोर से चिल्लाई. उसके बाद उसको याद आया की, वो ऑफीस में थी, तो वो बोलने लगी-

सुहासिनी: धीरे से करो, यहा मैं चिल्ला भी नही सकती.

मैं बोला: तभी तो मज़ा आएगा.

अब मैं छूट छोड़ते-छोड़ते उसकी गांद में उंगली करने लगा. उसकी गांद इतनी टाइट थी, की क्या बतौ आपको. फिर मैने उंगली को उसके मूह में डाला, जो उसने अपनी थूक से गीली की, और फिर उंगली गांद में डाली.

इससे तोड़ा छेड़ खुला उसका. उसके बाद मैने दूसरी उंगली डालनी चाही, बुत वो जेया ही नही रही थी. और यहा उसकी छूट में मेरे धक्के पे धक्के लग रहे थे टेबल पे.

कहानी में ट्विस्ट अब आता है. मेरा गिरने वाला था, तो मैने लंड बाहर निकाल दिया, और सारा उसकी गांद के छेड़ पे डाल दिया. उसकी गांद थोड़ी चिकनी चाहिए थी, जो मैने अपने माल से कर दी थी.

मैने उसको बोला: तोड़ा कंट्रोल करना अब. अब मैं तेरी गांद के छेड़ में चुदाई करने वाला हू, जहा जन्नत के आयेज का रास्ता है.

वो कन्फ्यूषन में घूम गयी आंड डॉगी बन कर नीचे बैठ गयी. मैने पेनिस उसके पीछे के छेड़ में रखा. उसकी गांद देख के वैसे ही फटा जेया रहा था लंड मेरा, और उसकी गांद में जेया नही रहा था.

फिर ना तो मैने कुछ सोचा, ना समझा, और एक ज़ोर का धक्का मारा. इससे मेरा सूपड़ा अंदर गया, और छेड़ पे तोड़ा खून आ गया. सुहासिनी चिल्लाना चाह रही थी, बुत आँखों में आँसू और मूह में दर्द दबाए हुए डॉगी बन के बैठी रही.

मैने धीरे-धीरे हिलना चालू रखा. अब मैने दूसरा धक्का दिया, और पूरा लंड उसके अंदर डाल दिया. अब वो ना चाहते हुए भी अपने हाथ पटक रही थी नीचे ज़मीन पे, आंड उसकी आवाज़ बंद थी. लेकिन उसका दर्द दिख रहा था. गांद से तोड़ा और ब्लड आया बाहर.

वो वैसे ही पड़ी रही, और मैं भी वैसे ही रहा. जब वो थोड़ी हिली, तो मैने छोड़ना स्टार्ट कर दिया उसको आचे से. धक्के लगातार लगते जेया रहे थे, और वो उन धक्कों के मज़े ले रही थी. आवाज़ तो वो निकाल नही सकती थी, तो चुप-छाप ले रही थी लंड को. गांद और लंड का मिलन क्या मस्त सीन था.

उसी के बीच मैने लंड निकाल दिया, आंड छूट में डाला. लंड तोड़ा गीला हुआ, तो फिर बाहर निकाला, और गांद में डाल दिया. अब भी उसको दर्द हो रहा रहा था. लगातार 1 घंटा मैने सेक्स आंड रोमॅन्स करते-कलते लगा दिया.

उतने में वो 2 बार झाड़ गयी थी. मेरा भी अब फिरसे होने वाला था, तो मैने उसकी गांद का छेड़ भर दिया अपने रस्स से और दोबारा उसको घुमा के किस करने लगा. उसके बाद उसने वही पे कादे पहने, आंड फ्रेश हुई.

फिर जब वो बाहर जाने के लिए चली, तो उसको दर्द का एहसास होने लगा. तभी उसकी एक सहेली जो उसी ऑफीस में काम करती थी, वो उसी रूम के बाहर मिली.

उसने पूछा: क्या हुआ सुहासिनी?

तो वो बोली: कुछ नही, गिर गयी थी.

बुत उसकी उस फ्रेंड को हम पर शक हो गया था, और वो वाहा से चली गयी. अब सुहासिनी अपनी चेर पे जाके जैसे ही बैठी, लंड लेने की पाईं उसको अपनी गांद पे महसूस हुई. क्या मज़ा आया मुझे उसका फेस देख के.

आप सब को मज़ा आया हो, तो प्लीज़ मैल करना मुझे लवबर्ड्स070709@गमाल.कॉम पे, आंड ब्लेससिंग्स देना.

कोई भी गर्ल, औरत, भाभी, कोई भी मुझे पनटी आंड ब्रा भेज सकती है, और जो भी गर्ल मुझसे न्यूड छत करना चाहती हो, युवर ऑल्वेज़ वेलकम.

नेक्स्ट स्टोरी में बतौँगा, की कैसे वो लड़की जो उसकी फ्रेंड थी, वो मेरे नीचे आई, और मैने उसको छोड़ा. तब तक के लिए धन्यवाद. आपकी मैल का इंतेज़ार रहेगा.

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