Patni Ke Aadesh Par Sasu Maa Ko Di Yaun Santushti-2

मेरी साँसें फूल गई और मैं निढाल हो कर हांफता हुआ सासू माँ के ऊपर लेट गया और वह मुझे अपने बाहुपाश में लेकर चूमने लगी।
उनके मुख से तेजी से निकलती हुई गर्म साँसें यह बता रही थी कि वह भी हांफ रही थी लेकिन प्रेम भाव से वशीभूत होकर वह मेरे मुँह, गालों और होंठों को चूमे तथा चूसे जा रही थी।

पांच मिनट बीतने पर जब मुझे पंखे की हवा कुछ ठंडी लगने लगी तब मुझे ज्ञात हुआ कि मेरा और सासू माँ का पूरा शरीर पसीने से भीगा हुआ था।

कुछ क्षणों के बाद जब मैंने अपने लिंग को सासू माँ की योनि से बाहर निकाल कर उनके बगल में लेट गया तब वह उठ बैठी और मेरे लिंग को मुँह में लेकर चाट तथा चूस कर साफ़ कर के वापिस लेट गईं।

एक घंटे तक हम बिना कोई बात किया एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहने के बाद सासू माँ बोली– मेरे राजा, तुमने जो आनंद एवं संतुष्टि मुझे आज दी है वह तुम्हारे ससुर जी ने आज तक कभी भी नहीं दे सके। मेरे विवाह के पच्चीस वर्ष बाद ही मुझे यह आनंद एवं संतुष्टि प्राप्त हुई है।

इसके बाद वह उठ कर बाथरूम में चली गई और दो मिनट के बाद ही मुझे आवाज़ लगा कर कहा– मेरे जानेमन, मैं तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ, जल्दी से आ जाओ।

क्योंकि मुझे भी सासू माँ के साथ सम्भोग करने पर एक अलग ही अनुभव हुआ इसलिए मुझे उनके साथ नहाते हुए संसर्ग करने की इच्छा जाग उठी और मैं बाथरूम में चला गया।

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वहाँ सासू माँ शावर के पास मेरी इंतज़ार में खड़ी थी और मेरे अन्दर पहुँचते ही मुझे खींच कर शावर के नीचे ले गई और उसे चला कर मुझसे लिपट गई।

पानी की फुहार के नीचे हम कभी एक दूसरे का चुम्बन लेते, कभी हम अपने शरीर को दूसरे के शरीर से रगड़ते, कभी एक दूसरे के गुप्तांगों को मसलते, चूमते एवं चूसते।

मेरी उत्तेजना बढ़ने के कारण जब मेरा लिंग तन कर खड़ा हो गया तब सासू माँ ने झुक कर उसे मुँह में लेकर चूसने लगी और मैं भी थोडा झुक कर उनके उरोजों से खेलने लगा।

तभी मेरी नज़र उनके पीछे की ओर निकले हुए नितम्बों पर पड़ी और मैंने झट से उनके नितम्बों के बीच में से अपना एक हाथ बढ़ा कर उनकी योनि में उंगली करने लगा तथा दूसरे हाथ से उनकी चूचुक मसलने लगा।

मेरे इस दोहरे आक्रमण से सासू माँ ने तीन मिनट में ही अपने शरीर को ऐंठते हुए अपनी योनि को सिकोड़ लिया और अपने योनि रस से मेरे हाथ धो दिए।

मेरे हाथ में लगे हुए उनके योनि रस को मैंने तुरंत चाट लिया तथा सासू माँ को घोड़ी की तरह झुका कर उनके पीछे से जा कर एक ही धक्के में अपना पूरा लिंग उनकी योनि में घुसा दिया।

अकस्मात् ही पूरा का पूरा लिंग एक ही धक्के में उनकी योनि में घुस जाने से लगने वाली रगड़ के कारण सासू माँ के मुँह से हल्की सी आह.. निकल गई।

उसके बाद मैंने बहुत ही तीव्र गति से संसर्ग करना शुरू कर दिया और पांच मिनट में ही सासू माँ को अपना योनि रस विसर्जन करने के लिए मजबूर कर दिया।

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ऊपर से शावर का पानी और नीचे रस से भरी हुई सासू माँ की योनि में से फक फक का स्वर पूरे बाथरूम को बहुत ही रोमांचक बना रहा था।

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