सागर के साथ मिल कर सालो तक लिए हॉट आंटी के मज़े

अब मेने रूम गया और मेने अपने बाग मे से अंडरवेर निकली और बातरूम मे गया और बदल कर उपर वोही कपड़े डाल लिए. और अंडरवेर वॉशिंग मशीन मे डाल दी दादा दादी के कपड़ो के साथ.

अब मेने आधे एक घंटा ग़मे खेला प्स वाला और फिर सो गया. मई जब उठा तो देखा की मॉनिका आंटी नीचे किचन मई काम कर रही थी. यूयेसेस वक़्त 12 बाज रहे थे. उन्होने बोला, इंग्लीश मई ही, तुम इतने लाते उठे हो? मेने तुरंत बोला, 1-2 बजे सो गया था.

मॉनिका आंटी ने बोला ब्रश करो दूध चाय पियो. मई बड़ा खुश था की मॉनिका आंटी नौरमल ट्रीट कर रही थी. अंजान हर चीज़ से, कुछ पता नही भोली मॉनिका आंटी को की रात को उनके कैसे पागलो की तरह कूस कूस कर बॉडी को चूसा चूमा नोचा था, बिचारी मॉनिका आंटी.

अब मेने यूयेसेस रात को भी वोही काम किया आइस क्रीम मई उसमे फिर से वोही नींद की गोलिया दल कर उपर गया और उन्न को दे दी. और फिर वोही ज़्ब कुछ रिपीट रात को नीचे खेलने आ गया. और मई कुछ टाइम बाद आधी रात मई वैसे हे उपर जाकर छत की 4 फीट की वॉल कूद कर उनके रूम मई घुस कर वोही सब काम सुरू कर दिया.

मॉनिका आंटी की टांगे झांगे गांद की चूमा. और यूयेसेस रात तो स्पेशल कुछ ज़्यादा ही निघट्य को उँची कर दी गले तक. जब मेने निघट्य उनके चेस्ट से उपर की तो मालूम चला की मॉनिका आंटी तो ब्रा लेस थी.

उनकी ब्रा तो उनके पिल्लो के नीचे खोल कर रखी हू थी. ये मेने लास्ट नाइट नोटीस ही नही किया और ना देखा. क्यूंकी लास्ट नाइट तो मेने सिर्फ़ निघट्य उनकी कमर के अंडरवेर तक ही उँची की थी.

इश्स बार तो बहुत मज़े थे. लाइट ब्राउन निपल्स. बड़े बड़े बूब्स 36 38 साइज़ के गोल शेप. उनको चूस चूस कर आम की तरह चूस छत कर चूम कर बहुत मज़े लिए. और गांद झांगे टाँगो के भी चूम चाट चूस के घंटो घंटो तक.

हर बार की तरह कुछ घंटे मज़े करके उनके नीचे आ गया. और प्रतीक के साथ कहलने लगा. वोही बात सुबह आके ह्यूम मॉनिका आंटी ने उठाया.

अब तक मई दो लगातार रातो को मज़े ले चुका था पूरी तरह से मॉनिका आंटी के. लेकिन अब फमिल्यपकक आइस क्रीम भी एंड हो चुकी थी. और मेरे पास पैसे भी नही थे.

तो मुझे पैसे अपने न्यू घर जेया कर अरेंज करने पड़े जिसमे 4-5 दिन जैसे लग गये. और मई फिर वीक मई वाहा पुराने घर चला जाता और मॉनिका आंटी के मज़े लेता नींद की गोलिया आइस क्रीम्स मई देके. कभी कोल्ड ड्रिंक्स मई.

3-4 मंत्स ऐसे हे चलता रहा. मई आता जाता रहता और वीक मई 2-3 बार जैसे मज़े ले ही लेता मॉनिका आंटी के. उन्ही टाइम मई सागर भी उनसे पढ़ने आता था. और मॉनिका आंटी काफ़ी पैसे वेल घर से थी. तो उनके खुद के पेरेंट्स भी उन्हे पैसे भेजते थे.

मॉनिका आंटी के खुद के अकाउंट मई काफ़ी पैसे थे. इसलिए उन्हे कुछ भी तरह की प्राब्लम नही थी. वो थोड़े बहुत बाकचो को पढ़ा के अपने आपको बिज़ी रखती थी.

5-6 मंत्स गुजर गए थे. एक दिन मई तोड़ा लंबा गॅप लेकर 1 मंत का अपने पुराने घर आया. इश्स टाइम तक मई 30-40 बार जैसे मज़े ले चुका था मॉनिका आंटी के.

ठीक पहले की तरह उनको आइस क्रीम देकर आधी रात को उपर गया. तो देखा की सागर बाल्कनी मई खड़ा अंदर रूम मई मॉनिका आंटी को झाँक रहा है.

1 घंटे तक मई वेट करता रहा उसके जाने का. बुत वो जैसे वही बेत गया खूंती लागा के बाल्कनी मई. उसका घर बिल्कुल बाजू मई था हमारे घर के. सो वो अपनी छत से हमारी छत पे कूद के आकर हमारी छत से 4 फीट वॉल कूद कर मॉनिका आंटी को देखता था.

क्यूंकी वो स्टडी करता था मॉनिका आंटी से. तो उसको बिल्कुल पता था की मॉनिका आंटी ये बाल्कनी वेल रूम मई सोती है. इसलिए उसकी रोज की आदत हो गयी मॉनिका आंटी को रात को आ कर बाल्कनी मई चुप के देखने की.

जिससे मेरी परेसानी प्रॉब्लम्स बढ़ गयी. की ये सागर अब बाल्कनी मई आके खड़ा रहेगा तो में कैसे मज़े ले सकूँगा.

तो मेने एक दिन सोच लिया की इसको रंगे हाथ पाकडूँगा. और उसके बाद रात होने पे जब सागर मुझे बाल्कनी पे दिखा रात को. तो मई च्चत के किनारे गया और सागर से पूछा तू यहा मॉनिका आंटी की बाल्कनी मई क्या कर रहा है??

वो मुझे देख कर और मेरे सवाल से घबरा गया. कुछ बोल नही पाया तो मई बाल्कनी खुद कर गया. और अंदर देखा मॉनिका आंटी को निघट्य मई सोते हुए. जिनकी निघट्य थाइस तक छड़ी हुई थी.

ये देख मेने बोला सागर तू मॉनिका आंटी को देखने आता है? उनकी टाँगे झांगे देखने चुप चुप के??

वो घबरा गया बोला की कभी नही अवँगा. प्लीज़ ऐसे करके वो भाग गया.

अब इसके बाद 2-3 दिन चेक करने के बाद वो नही दिखा. तो मेने पहले वाला प्लान फॉलो किया और फिर आइस क्रीम बाइ की और उपर ले गया और उनको खिला दी.

आधी रात हुई देखा उपर बाल्कनी मई कोई नही है. तो बाल्कनी मई कूद कर रूम मई घुसा और बाल्कनी के डूउर को अंदर से बंद कर लिया. और मॉनिका आंटी के मज़े लेने शुरू कर दिए जबरदस्त तरीके से.

बाल्कनी का डूउर ग्लास का था, बाल्कनी से अंदर देख सकते थे. कुछ घंटे बाद मई जब डूउर बाल्कनी क खोल के बाहर आया तो सागर खड़ा हुआ देख रहा था.

बोला वा, तू तो चूम रहा था मॉनिका आंटी की टाँगे झांगे बॉडी जिस तरह से उनको तो पता ही नही चला. और मुझसे पूछा ऐसे कैसे किया तूने? मेने सब देखा.

मुझे घबरत हुई तो उसे बता दिया की दादी की नींद की गोलिया आंटी को आइस क्रीम मई डाल के देता हू. सागर मुझसे 1 साल बड़ा था. वो बोला अब कल से मई भी जाय्न करूँगा. अपने दोनो इनके मस्त मज़े करेंगे. हम दोनो अग्री हो गये. रात को 1 भजे मिलेंगे छत पे.

अब अगली रात को वोही प्लान किया और आइस कराएँ खिला के बाद रात को 1 भजे से उपर गया. तो देखा सागर पहले से ही बाल्कनी पेर खड़ा हुआ था.

मई वाहा गया बाल्कनी पे. उसने पूछा बेहोश हो गयइ ना? कुछ होगा तो नही? मेने कहा कुछ मालूम न्ही चलेगा, तू दर्र मत. वो बोला पहले तू जेया और चूमिया लेनी शुरू कर. बाद मई मई तुझे जाय्न कर लूँगा.

बाद मई रूम मई घुस कर मेने मॉनिका आंटी की निघट्य उप्र कर दी ईज़िली. और चूमना शुरू कर दिया टाँगो पे झंगो पे. कुछ देर सागर देखता रहा और फिर आया चूमना और शुरू किया. वो तो जैसे पागल सा हो गया था.

मुझे बोला की मुझे इनकी झांगे चूमणि है तू नीचे आजा पिंदलियो पे. मई नीचे चला गया. हम दोनो बाजू मई ही घुटनो के बाल बेते थे.

मई अब उनकी पिछली टाँग की पिंडली चूम रहा था. और वो सागर रग़ाद रग़ाद के ज़ौर ज़ौर से झांग को चूमने चूसने लगा. यूयेसेस रात मानो सागर तो खुशी से पागल हो गया था पहली बार जो मोका मिला.

मॉनिका आंटी के बूब्स झांगे टांगे गांद को उसने बहेरेहमी से चुम्मा छाता. बोला, इन्न गौरे अंग्रेज़ो ने हुमको लूटा, हम इनको लूटेंगे. और बहेरमी से पूरी टाँगो की पिंदलियो पे झांगो पे गांद पे बूब्स और सभी हिस्सो को उसने चूमा चूसा नोचा. उसके बाद सुबह होने लगी तो हम दोनो नीचे चले गये.

उसके बाद से हम दोनो ने ही वक़्त का फयडा उठा कर उनके मज़े लिए जब तक वो 2-3 साल प्रॅक्टीस करती. हुँने वो 2-3 साल पूरे उनके मज़े लिए 100 बार से भी ज़्यादा.

हर रोज़ तो नही ले सकते थे बुत वीक मई 1-2 बार मज़े ले ही लेते. इतनी सफाई और होसीयारी से मज़े लिए और किए की उनको इसका आइडिया देश छोड़ने के बाद भी नही लगा.

क्यूंकी वो ह्यूम छोटे बच्चो की तरह ट्रीट करती और उसी नज़र से देखती थी. इसलिए उनके लिए ये सब सोचना आउट ऑफ कप था. जो हुमारे लिए बोनस रहा.

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