kamukta भाजी वाला के साथ सेक्स किया

मैं शेला, 5.3”. 40-34-40 का पुष्ट जिस्म, पति ज़्यादातर बाहर रहते हैं, पर मेरा हट्टाकट्टा नौकर शामू मेरे घर में ही रहता है, सो मैं अपने नौकर शामू से चुदवाकर मस्त रहती हूँ। आजकल भी पति बाहर गये हुए हैं पर इसी समय इस हरामखोर शामू को भी गाँव जाना था सो शामू गाँव चला गया और मैं घर में अकेली पड़ गयी । सो मैं नाइटी पहनकर अपने कमरे में पड़ी इस दोपहरी में अकेले अपनी चूत में उंगली कर रही थी और मन ही मन शामू को गालियाँ भी दे रही थी कि इसी समय इस हरामखोर को भी गाँव जाना था वरना साला इस समय इसी बिस्तर पर मेरे साथ मजे कर रहा होता। तभी नीचे से भाजी वाले की आवाज़ सुनी, सो मैं

ने भाजी लेने के लिए उसे ऊपर ही बुला लिया । मैंने देखा, भाजीवाला 50 साल का पर बड़ा हट्टाकट्टा अधेड़ था और चोरी चोरी मेरे सीने के उभारों को को घूर रहा था. नाइटी के 2 बटन खुले थे जिससे उसे अंदर की ब्रा दिख रही थी तभी मैंने नाइटी ठीक की जिसेसे वो जान गया कि मैं समझ गयी सो उसने नजरे हटा लीं और जब वो जाने के लिए उठा तो मैंने देखा की उसका लण्ड खड़ा हो चुका था । वो चला गया रात भर मुझे यही ख़याल आता रहा कि मैं मौका चूक गई और दूसरे दिन दोपहर में वो फिर भाजी नीचे बेच रहा था. मैने फिर उसे ऊपर बुलाया पर आज मेरी नियत ठीक नही थी और आज मैं मौका नहीं चूकना चाहती थी सो मैने जानबूझकर सारी पहनी थी और फिर जब वो मुझे देख रहा था, मैने पल्लू नीचे गिरा दिया अब उसकी आँखों के सामने मेरे दोनो बड़े बड़े बेल आधे से ज्यादा ब्लाउज से फ़टे पड़ रहे थे । मैंने लापरवाही से साड़ी एक बेल ढकते हुए एक साइड मे बाँध ली जिससे एक बेल छिप गया पर दूसरा दिख रहा था अब मैंने काफ़ी ज्यादा भाजी खरीद ली और बोली-
“भाजीवाले चाचा जरा इसे किचन मे रखदें मुझसे उठेगा नहीं ।”
वो अंदर आया तो दरवाजा बन्द करते हुए, मैं भी अंदर आ गयी मैंने उसे बैठाया और पानी दिया। तभी मैं झूठमूठ गिर पड़ी तो जल्दी से मुझे उठाकर वो बेडरूम मे ले आया । मैं बोली-
“चाचा कमर में बड़ा दर्द हो रहा है क्या बाल्म मल दोगे । वो मेरी बगल में बैठ के मेरी कमर में बाल्म मलने लगा । मैंने कनखियों से देखा, उसका लण्ड धोती में खड़ा हो तम्बू बना रहा था, मैंने अपना हाथ नीचे करने के बहाने तम्बू पर रख दिया और चौंकने की एक्टिंग करते हुए पूछा-
अरे चाचा ये क्या डन्डा रखे हो?”
भाजी वाला-“
बेटी ये मेरा लण्ड है । तेरे खूबसूरत बदन के नजदीक होने से इसका ये हाल हो गया है ।”
“क्यों झूठ बोलते हो चाचा ।”
कहते हुए मैंने उसकी धोती खींच ली और अब उसका 10 इंच लम्बा लण्ड मेरे सामने था । मैं चौंकने की एक्टिंग के साथ खुशी से चीख पड़ी-
“ उई माँ ये तो सच में चाचा! इतना मोटा और लम्बा लण्ड । ”
फ़िर उसे सहलाते हुए बोली-
“कितना सूखापन है ।”
ऐसा कहते हुए मैंने ढेर सारी क्रीम उसके लण्ड पर लगायी और सहलाने लगी । वो मेरे ब्लाउज में हाथ डाल के मेरे दोनो बड़े बड़े बेलों को सहलाते हुए बोला-
“आह ये क्या करती है बेटी ।”
मैंने कहा-
“हाय चाचा इतना बड़ा लण्ड कभी नही देखा ।एकबार देदे न ।”
उसने मेरी साड़ी खींच दी और पेटीकोट उलट दिया फ़िर मेरी चॅड्डी और उतार कर मेरी चुदास के मारे बुरी तरह से पनियायई चूत पर हाथ फ़ेरा और बोला-
“अरे बेटी तू तो मारे चुदास के परेशान हो रही है ।”
मैंने उसके लण्ड के सुपाड़े पर क्रीम लगा कर सहलाते हुए कहा-
“हाँ चाचा तेरा लण्ड भी तो चुदासा है बस अब जल्दी से चोद दे न ।”
अब उसने मेरी पावरोटी सी चूत के मुहाने पर ढेर सारी क्रीम लगा कर मेरी चूत के मुहाने पर अपना सुपाड़ा लगाकर दो तीन बार ठोका चुदासी चूत की पुत्तियों ने मुँह खोल दिया ।
चूत के मुहाने पर अपना सुपाड़ा लगाये लगाये ही उसने मेरा ब्लाउज खोला और दोनो हाथों से मेरे दोनो बड़े बड़े बेलों को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए बारी बारी से निपल चूसने लगा। मेरी चुदासी चूत को पहली बार इतना तगड़ा लण्ड मिला था सो चूत की पुत्तियाँ मुँह खोल के लण्ड निगलती जा रहीं थीं और लण्ड अपने आप चूत में घुसता जा रहा था। मारे मजे के मेरी आँखें बन्द थी जब लण्ड घुसना रुक गया पर भाजी वाले चाचा ने लण्ड आगे पीछे कर के चुदाई शुरू नहीं की और चूचियाँ दबाते हुए ज़ोर ज़ोर से निपल चूसना जारी रखा तो मैंने आँखें खोली मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा अभी भी करीब डेढ़ इन्च लण्ड बाकी था जब्कि मेरी चूत लण्ड से ठसाठस भरी थी। तभी शायद भाजीवाले को भी महसूस हो गया कि लण्ड चूत में आगे जाना रुक गया सो उसने धक्का मार कर लण्ड आगे ठेला और मेरे मुँह से निकला-
“ऊऊऊओह आआआआहह”
एक पल को मुझे ऐसा लगा जैसे मैं पहली बार चुदवा रही हूँ, मेरी कराह सुन कर अनुभवी भाजी वाले चाचा लण्ड रोक कर और ज़ोर ज़ोर से चूचियाँ दबाते हुए निपल चूसने लगे । थोड़ी ही देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ा और पूरा लण्ड बर्दास्तकर फ़िर से मस्त हो गई मैंने कमर आगे पीछे हिला कर के भाजी वाले चाचा के लण्ड को चुदाई का सिग्नल दिया और बस फ़िर क्या था भाजी वाले चाचा ने लण्ड आगे पीछे कर के मेरी चूत की वो धुनाई की के मजा आ गया ।
वो ज़ोर ज़ोर से मेरी पवरोटी सी चूत मे अपना हलव्वी लण्ड ठोक रहा था और पूरा रूम चुदाई से गूँज रहा था ।
“धाप धूप धाप धूप धाप “आवाज़ हो रही थी और मैं मजे से ज़ोर ज़ोर से किलकारियाँ भर रही थी और तरह तरह की आवाजें कर रही थी
“उूुुुुुुुुुुुुुु� ��ुुुुुउउ ओउुुुुुुुुुुुुुु� �ुउउ”
मेरी आवाज़ से उसकी चोदने मे स्पीड आ रही थी और वो पूछ रहा था-
“बेटी कैसी लग रही है चुदाई”
मैं बोली-
“बहुत अच्छी और चोदो चाचा इतना बड़ा लण्ड पहली बार मिल रहा है और चोदो अहह उऊुउउफफफफफफफफफफफ� �्फ़ ”
वो बोला-
“साब नही चोद्ते क्या।”
मैं बोली-
“साहब को गोली मारो रहता ही नहीं तो क्या चोदेगा । तू चोद, रोज आ के चोद जाया कर मेरी चूत”
वो बोला-
“हाँ क्यों नहीं बेटी ज़रूर, मैं तेरा पूरा ख्याल रखूँगा आखिर बड़े होते ही बच्चों का ख्याल रखने के लिए हैं ले पूरा ले और ज़ोर से इस्स्सआःाहहहहहहह� �ह ।”
और इस तरह चुदाते हुए मैं झड़ने लग़ी-
“अहह चाचा लो मेरी झड़गईयहह आज तक इतनी गीली कभी नही हुई चाचा लोलोहह”
और अब वो अपनी स्पीड बढ़ा के बोला-
“शाबाश बेटी झड़ खूब जम के झड़ मेरा भी अब झड़ने वाला है कई दिनों का जमा है ले ले पूरा अंदरअहहहहहहहहहहह� �हहहहाहोह ”
और उसका ढेर सारा माल मेरी चूत मे झड़ गया और ऐसा लगा जैसे प्यासे को पानी मिल गया और माल मेरी चूत के अंदर जाते ही मैं बोली-
“उफफफफफफफफफफफफफफफ� ��फफफ्फ़ ओउुुुुुुुुुउउ ऊऊऊऊओह” और इस तरह भाजी वाले चाचा ने मेरी प्यास बुझा दी .
पर उसका मन भरा नहीं था मैं तो उठ गयी पर वो लेटा रहा
मैं बाथरूम में जाकर अपनी चूत धो रही थी तभी पीछे से आकर उसने अपना हलव्वी लण्ड मेरे बड़े बड़े भारी संगमरमरी चूतड़ों की नाली के बीच लगा दिया। उसने अपने दाहिने हाथ से फ़व्वारा मेरे हाथ से ले लिया और मेरे चूतड़ों की नाली मे अपना लण्ड रगड़ते हुए, अपने बायें हाथ से मेरी चूत रगड़ रगड़ के धोने लगा । मैने भी पीछे हाथ ले जा के उसका लण्ड थाम लिया और अपने दूसरे हाथ से उसके लण्ड में साबुन लगाकर से रगड़ने लगी। उसने शावर ऊपर स्टैन्ड पर लगा दिया शावर का पानी मेरे गुलाबी गुदाज बदन को और भी नशीला बना रहा था। फ़िर वो घूम कर सामने आया और शावर रोक कर जीभ से मेरी भीगी चूत चाटने लगा फ़िर मेरी चूत की खड़ी पुत्तियों को चाटने लगा । वो अपनी जीभ चूत में डालकर हिला हिला कर चूत को गीला कर रहा था । मुझे बहुत मजा आ रहा था मेरे मुँह से तरह तरह आवाजें निकल रही थी- “उम्म्मओउुुुुुुुु� ��ुुुुुुुुुउउ उउउफफफफफफफ्फ़ ऊऊऊऊऊऊहह ”
और वो पूछ रहा था
“बेटी कैसा लग रहा है अच्छा लग रहा है ना । मैं पहले तुझे नहलाऊँगा, फिर नहाते हुए अपना लण्ड डालूँगा मुझे नहाते हुए चोदने क अच्छा तजुरबा है ।”
कहकर वो फिर चाटने लगा और मैं ऊपर लगा शावर चला के बोली-
“बहुत अच्छा लग रहा है चाचा उफुफुउफुफूफ़फफुफ� � मैं तो मजे से पागल हो रही हूँ अब चोदो ना मुझे नहाते हुए।”
ऊहोहोूहोो अहहहहह उूुुउउफफफफफफफफफफ� �फफफ्फ़”वो बोला “जरूर चोदुन्गा बेटी पहले पहले तेरी चूत को और तुझे नहला तो लू । आज तो तुझे 6 बार चोदुन्गा ।”
अच्छा कहकर मैं टब में खड़ी हो गयी, वो मुझे अपने हाथो से मेरे बदन पर और मेरी चूचियों चूत पर साबुन लगा रगड़ रगड़ के नहलाने लगा
और बाथरूम तरह तरह की आवाजों से गूँज रहा था- “उूुुुुउउफफफफफफफ्� ��़ अहाआआआआआआआआअ ओह”
मैंने भी बायें हाथ से उसका लण्ड थामा और दाहिने हाथ से साबुन लगाकर उसका लण्ड अपनी चूत पर रगड़ने लगी। शावर का पानी मेरे गुलाबी गुदाज बदन से साबुन धोकर उसे और भी नशीला बना रहा था । मेरे सामने खड़ा हो उसने मेरी शावर के पानी से भीगी चूचियाँ थाम लीं और नीचे झुककर बारी बारी से पानी टपकाते निपल चूसने लगा । फ़िर अपना कड़क काला हलव्वी लण्ड मेरी पावरोटी सी चूत के मुहाने पर लगा के उचकाया ।
“अहहो ओह अहूऊऊऊऊऊऊओह”
जैसे ही पूरा लण्ड अन्दर गया मैं बोली –
“रुकना मत चाचा अब बस चोदे जाओ ।”
बस उसने उचक उचक के चोदना शुरू कर दिया । मारे मजे के मैं तरह तरह की आवाजें निकालते हुए किलकारियाँ भर रही थी- “उफफफफफफफफफफफफफफफ� ��फफफफफफफफफफफफफफ्फ ़”उफफफफफफफफफफफफफफ� ��फफफफफफफफफ्फ़ ओह नहियीईईईईईईईईईईई� �ईईईई अहहोह ओउुुुुुुुुुुुुुु� �ुुुुुुउउ गाययययययययययययीी� �ई”
मेरी किलकारियाँ सुनकर चाचा बहुत गरम हो गया वो और ज़ोर ज़ोर से मेरी हलव्वी चूचियाँ दबा दबाकर निपल चूसते हुए चूत मे लण्ड ठोक रहा था और कह रहा था – “उम्म्म्म्म्चुम्� �अहह क्या चूचियाँ है क्या चूत है तेरी शेला बेटी ले अंदर तक वा लो अहहहहहहहहहोहूऊऊऊ� �ऊऊऊऊओ लो अहहहहहः
हुउम्महहहहहूहूहू� �ह हुउम्महहहहहूहूहू� �हअहो
अहह ओह म्*मम्मूऊऊुुुउउम्� ��्म्मममममय्यययययी ”
“अहूऊऊऊउउफफफफफफफफ� ��फफफफफफफफफफफफफफफफ फफ्फ़अहहआआआफफफफफ� �फफफफफफफफफफफफफफफफ� ��फूऊहिीईईईईईईईईई ” “उूुुुउउफफफफफफफफफ� ��फ्फ़ रहा है पूरा लण्ड अहाहाआआआआआ”
मैं भी अब बोल रही थी ” ठाँस दो अंदर तक चाचा मारो ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत, मज़ा आ रहा है पूरा डालो और ज़ोर ज़ोर से अहहहाआआआआआओह ज़ोर से और अहहोह ”
ये सुनकर भाजी वाला और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा अब उसकी स्पीड बढ़ गयी क्योंकि झड़ने के करीब था वो बोल रहा था-
” अहहहहहहाआआआआओह मैं झड़ रहा हूँ तेरी चूत मे ल्ल्लूऊऊ
अहाआआआआआआआआआहूऊऊ� �ऊऊऊऊ ।”
“बस चाचा दो तीन धक्के और मार दो मैं भी झड़ने वाली हूँ झाड़ दो चाचा अहहहहहाः उफ़्फूफ अहहोड़ूऊऊऊऊऊऊऊऊऊ� �”
भाजीवाले ने कस कस के दो तीन धक्के ही मारे होंगे कि उसके मुँह से निकला-
“उउउफफफफफफफफफफफफफ� ��फफफॉह झअअड़ गया।”
वो हाँफ़ते हुए टब की किनार पर बैठ गया और उसकी गोद में ढेर हो गयी. भाजीवाले ने मेरी पीठ पर हाथ फ़ेरा और बोला-
“बेटी तू तो बड़ी जबर्दस्त चुदक्कड़ है मेरा आशीर्वाद है कि तेरी चूत और फ़ूले फ़ले इसकी चुदास बढे़ इसे लण्डों की कभी कमी न हो। सदा चुदागन हो।
आशीर्वाद दे भाजीवाले चाचा ने अपने कपड़े पहने और चला गया और मैं उसके आशीर्वाद से आज तक मजे कर रही हूँ ।

यह कहानी भी पड़े  मेरा पेहला सेक्स


error: Content is protected !!