पंडितजी के साथ सुहाग रात

हेलो दोस्तो मे रूपाली, आप सब रीडर्स ने मूज़े स्टोरी लिखने के लिए बोहत मोटीवेट किया, मूज़े बोहत सारी कॉंप्लिमेंट दी, बोहत अच्छी अच्छी सजेशन्स दी, एस लिए मै आपके लिए एक और साची कहानी लेके आई हू, ये स्टोरी मेरी फ्रेंड अर्चना ने मेरे साथ शेयर की है.

हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम अर्चना है, मई पुणे की रहनी वाली हू, मेरी आगे 26 है, मई मॅरीड वुमन हू मेरी शादी 2 साल पहले हुए थी, मे बोहत फेर वुमन हू, मेरा रंग बोहट गोरा है, मेरे बाल पीठ तक लंबे आंड डार्क ब्लॅक कलर के है आंड उसपे गोलडेन शाइन है, मेरी हाइट 5.7 फ्ट है, मेरा फिगर 36-30-36 का है, मेरे बूब्स काफ़ी बड़े आंड राउंडेड है, बोहत कसे हुआ है.

ये कहानी 2 साल पहले की कहानी है, जब मेरी शादी हुए थी आंड मे नई दुल्हन थी, मेरे मायके आंड ससुराल का बोहत पहलेसे ही फ्रेंड्ली रीलेशन था, मेरे हज़्बेंड का नामे दिनेश है, हम दोनो एक दूसरे को बचपन से जानते है.

दिनेश आंड मे एक दूसरे को कॉलेज से प्यार करते थे, बुत हम दोनो ने डिसाइड किया था के शादी के बाद सुहग्रत की रात तक कुछ नही करेंगे, एस लिए हम एक दूसरे को किस भी नही करते थे.

दिनेश पे बोहट अच्छे संस्कार हुआ थे एस लिए उसने कभी भी अपनी लिमिट क्रॉस नही की, फाइनली जब मेरा पोस्ट ग्रॅजुयेशन हुआ आंड मूज़े अच्छीसी जॉब लगी मूज़े आंड दिनेश को लेके हमारे परिवार के बीच शादी के लिए बात शुरू हुए अंड दोनो फॅमिलीस की पर्मिशन से हमारी शादी हो गई.

शादी के लिए हमारे घर पे बोहत सारे मेहमान आए हुआ थे एस लिए हमे शादी के बाद हमे 2 3 दिन तक सुहग्रत मानने का कोई चान्स नही मिला 4 दिन बाद मॉर्निंग को अचानक दिनेश की तबीयत बोहत खराब हो गई, उसे उल्टी आने लगी, दिनेश को हॉस्पिटल मे अड्मिट करना पड़ा, दिनेश को फुड पाय्ज़निंग हुआ था, डॉक्टर. ने और 4 5 डेज़ हॉस्पिटल मे अड्मिट करने के लिए कहा.

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दिनेश के घर वालो को लग रहा था किसीने दिनेश पे कला जादू किया है एस लिए दिनेश की दादी ने पंडितजी के पास जाना चाहा, पंडित जी 67-68 आगे के थे, हमारी फॅमिली की सारी पूजा वीधि वो ही करते थे.

दूसरे ही दिन दादीजी आंड मे पंडित जी के पास चली गई, दादीजी ने पंडितजी को सारी बात बताई, पंडितजी उस बीच हमेशा मेरी तरफ देख रहे थे, पंडितजी की आँखों मे मेरे लिए हवस दिख रही थी, दादीजी की बात ख़तम होने के बाद पंडित जी थोड़ी देर सोचने लगे.

आंड दादीजी की तरफ देखते हुआ कहा के “यह कला जादू है आंड यह कला जादू दिनेश पे नही आप की बहू पे याने दिनेश की पत्नी पे किया है, एस लिए दिनेश बीमार हुआ है” यह सुन कर दादीजी बोहत दर गई, मै भी तोड़ा दर गई थी पर मेरा एन सब चीज़ो पे विश्वास नही था आंड मे दादीजी आंड पंडितजी के बीच बोल भी नही पा रही थी.

दादीजी ने पंडितजी को पुचछा ” पंडितजी अब आप ही बताइए क्या करे?” पंडितजी ने मेरी तरफ देखा आंड मुस्कुरके कहा “आप के घर मे मूज़े आप की बहू को लेके पूजा करनी होगी” पंडित जी की आँखों मे वासना थी.

पर मूज़े लग रहा था मै आंड दिनेश ने अभी तक सेक्स नही किया एस लिए मूज़े ऐसा लग रहा है. पूजा के लिए मूज़े आंड पंडितजी को 2 दिन तक हमारे बेडरूम के बाहर नही निकलना था, पूजा की तैयारी पंडितजी के शिष्य करने वेल थे आंड पूजा होने तक घर वाले हमे मिल नही सकते थे, दिनेश को 1 वीक बाद हॉस्पिटल से डिसचार्ज मिलने वाला था.

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दूसरे दिन पंडितजी के शिष्य ने हमारे घर आके हमारे बेडरूम मे पूजा की तैयारी की, पंडितजी के शिष्य ने हमारा बेडरूम सुहग्रत जैसा सजाया था, आंड बेडरूम मे 2 दिन के लिए खाने पीने की चीज़े आंड पूजा की चीज़े लेक रखी, दोपहर के बाद पंडितजी हमारे घर आ गये, उन्होने पूरी तैयारी देखी, पंडितजी ने मुझे पूजा के लिए बिताया आंड शिष्य को बेडरूम का डोर 3 दिन तक बाहरसे लॉक करने के लिए कहा.

पंडितजी डोर लॉक करके मेरे पास आगाए और कहा ” अर्चना बेटी तुम ये पहनो,” मूज़े लाल कलर का शादी का जोड़ा देते हुआ कहा, “हा पंडितजी”, शादी का जोड़ा हाथ मे देते हुआ पंडितजी ने मेरे हाथ पकड़ लिए आंड कहा ” बेटी बस यही पहनना, दूसरा कोई भी वस्त्र नही पहनना”.

मैने मेरे हाथ पीछे लेते हुआ पुछा “ब्रा आंड पनटी पंडितजी?” पंडितजी वासना की नज़र्से देखते हुआ कहा, “3 दिन तक ब्रा आंड पनटी नही पहना बेटी”, मैने हा मे सर हिलाया, आंड चेंज करने चली गई, मूज़े पंडितजी का वासना की नज़र से देखना अच्छा लग रहा था.

मैने लाल कलर का शादी जोड़ा पहना, मेरा ब्लाउस बोहत ही पतला आंड टाइट था उस मे से मेरे निपल्स अछेसे देख रहे थे आंड मेरे आधेसे कम बूब्स को कवर कर रहा था, मेरे सफेद बूब्स क्लियर्ली दिख रहे थे, टाइट ब्लाउस की वजह से मेरे कसे हुआ बूब्स और कस गये, ऐसा लग रहा था मेरे बूब्स अचनकसे ब्लाउस फाड़ के पंडितजी के सामने आज जाएँगे, मै शरमाते हुआ पंडितजी के पास आगाई.

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