पंडितजी के साथ सुहाग रात

पंडितजी मेरे निपल्स को चूस्ते वक़्त मेरे निपल को डाट लगते अंड काटते भी, मूज़े उनका काटना बोहत ही मज़े दे रहा था,मेरे निपल पंडितजी ने चूस चूस के पॉइंटेड आंड हार्ड कर दिए थे, मेरे बूब्स चूसने आंड मसांले की वजसे मेरे चूत गीली हो रही थी.

पंडितजी मेरे बदन को किस करते हुआ नीचे जाने लगे, उन्होने नाभि पे बोहत सारी किस की, पंडितजी अपनी मेरे नाभि मे ज़ुबान दाल के मेरे नाभि को चॅट रहे थे, मूज़े बोहत मज़ा मिल रहा था.

पंडितजी नाभि को चाटते हुआ मेरी चुत पे उंगली घूम रहे थे, मेरी सॉफ्ट पिंक चुत गीली हो चुकी थी, पंडितजी ने जैसे ही अपनी ज़ुबान मेरी चूत पे घूमना शुरू कर दिया मेरे बदन कपाने लगा, पंडितजी की ज़ुबान मेरी चुतसे बड़े मजेसे खेल रही थी.

पंडितजी ने अपनी उंगली चूत मे दल के अब्दर बाहर करना शुरू किया, मूज़े बोहत मज़ा आरहा था, मेरे चूत बोहट गीली हो रहे थे, बाद मे हम दोनो 69 को पोज़िशन मे सो गये, पंडितजी मेरी चूत को पागलो की तरह चूस रहे थे अपनी ज़ुबान अंदर बाहर कर रहे थे, मै भी जोश मे आके पंडितजी के लॅंड को हिला रही थी.

पंडितजी का लॅंड 9इंच का का था, बुत वो अभी भी सख़्त नही हो गया था, एस लिए मैने पंडितजी जी के लंड के सपुड़े को मदहोश होके किस करने लगी, पंडितजी का लंड 2 इंच मोटा था अंड स्पुड़े की मोटाई उसे भी जाड़ा थी, मै पंडितजी के सपुड़े को लॉलिपोप की तारह चूस रही थी अंड चॅट रही थी.

पंडितजी का लंड अभी सख़्त होने लगा था, पंडितजी धीरे मेरे मूह को चोद रहे थे, 10 मिनिट्स तक पंडितजी का लंड चूसने के बाद पंडितजी मेरी दोनो टॅंगो के बीच आगाय, उनका लंड मेरे चूत के तरफ़ सीधा ताना था.

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पंडितजी मेरे दोनो बूब्स पकड़ा के मेरे चूत पर अपना लंड घिसने लगे, मैने पंडितजी को रोकते हुआ कहा, “पंडितजी धीरे कीजिएगा, ये मेरा पहला टाइम है” ये सुनके पंडितजी बोहत खुश हो गये अंड मूज़े किस करने लगे, हम दोनो एक दूसरे को किस करने लगे.

थोड़ी देर बाद पंडितजी अपना लंड मेरी चुत पे रग़ाद ने लगे मई बोहत एग्ज़ाइटेड हो रही थी मैने एक्शिटे हो के मोन करते हुआ पंडितजी को कहा “पंडितजीिीइ, अब चोदिये ना मूज़े”.

पंडितजी “हा क्यू नही अर्चना बेटी आज तो तुझ को पेट से ही करना है”.

मई “कीजिए ना फिर”.

पंडितजी मेरे चुत पे लंड दबाने लगे अंड एक जटाका दिया, पंडितजी के लंड का स्पुदा मेरे चुत मे चला गया अंड मूज़े बोहत तेज दर्द होने लगा, मेरी चूत का सील टूट चुका था, पंडितजी मेरे उपर आके मेरे बूब्स को मसालने आंड मुझे किस करने लगे, दर्द की वजसे मेरी आँखॉमेसए पानी आरहा था.

10 मिनिट्स बस मेरा काफ़ी दर्द कम हो गया आंड मेरे बूब्स की चूसा से मई बोहट गरम हो गई, पंडितजी लंड को अभी धीरे धीरे जटका देने लगे, मई भी पंडितजी का साथ देने लगी.

10 15 मिनिट्स बाद पंडितजी का पूरा लंड मेरी चुत मे चला गया, पंडितजी धीरे धीरे अपना लंड आगे पिच्चे कर रहे थे, हम दोनो एक दूसरे को बीच मे किस किए जा रहे थे, पंडितजी ने मेरे बूब्स चुस्के आंड मसल के लाल कर दिए थे, मूज़े बोहत मज़ा अरहा था पंडितजी को लंड मेरी चूत को घिसते हुआ अंदर बाहर हो रहा था मई “आआहह उम्म्म्मम, पंडितजी और चोदिये, आआआ” करके उनका साथ दे रही थी, पंडितजी मुजको 20 25 मिनिट्स तक चोद्ते रहे आंड मई 1 बार जड़ चुकी थी..

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अब पंडितजी का लंड मेरी चूत मे माखन की तरह आगे पिच्चे हो रहा था, मेरी चूत पंडितजी के पूरे के पूरे लॅंड को ले रही थी, मई ” एयाया उम्म्म्ममम पंडितजी लोवे योउ, फक मे, फक मे हार्ड” किए जा रही थी.

10 मिनिट्स बाद पंडितजी का स्पीड बोहत बढ़ गया, पंडितजी जड़ने वेल थे मेरा भी पानी छूटने वाला था, मैने पंडितजी को कस के पकड़ा आंड कहा ” पंडितजी मूज़े आपसे ही बचा चाहिए, आप मूज़े प्रेग्नेंट कर दीजिए”.

पंडितजी ज़ोर्से जटके देते हुआ कहा, ” क्यू नही मेरी जान तेरी नई चूत को महि चोद के प्रेग्नेंट करने वाला हू”, पंडितजी ने आख़िरके 10 12 जटके काफ़ी ज़ोर्से मारे आंड मैने मेरी चूत उठा के उनका पूरा साथ दिया आंड उनका पूरा लंड लेने की कोशिश की.

पंडितजी मेरे उपर हफ्ते हुआ गिर गये, उनका पूरा लंड मेरे चूत मे समा चुका था, उनके लुंदसे बोहट सारा वैरी मेरी चूत मे तेज़ी निकल रहा था, मेरी छूट पंडितजी के वैरी से भर चुकी थी, मूज़े स्वर्ग का अनुबव हो रहा था.

चुदाई के बाद हम बोहत देर तक ऐसे ही पड़े रहे, पंडितजी ने मूज़े पहली चुदाई के बोहत मज़े दिए थे, कुछ हफ्ते बाद मुझे पता चला के मई प्रेग्नेंट होने वाली ही आंड मुझे पता था एस बचे के पापा दिनेश नही, पंडितजी है.

 

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