पड़ोसन आंटी के साथ हुए लेज़्बीयन सेक्स की

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम कृति है, और मैं बंगलोरे से हू. मेरी उमर 20 साल है, और मैं कॉलेज में 2न्ड एअर की स्टूडेंट हू. हाइट मेरी 5’5″ है, और रंग गोरा है. फिगर मेरा 32-28-34 है. अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आती हू.

ये कहानी पिछले साल डिसेंबर महीने की है, जब मेरे सेमेस्टर एग्ज़ॅम चल रहे थे. हमारे फॅमिली एक क्लोज़ रिलेटिव के यहा शादी थी, और हमारी फॅमिली को भी इन्वाइट किया गया था. शादी दूसरे शहर में थी, तो पूरी फॅमिली को 2 दिन के लिए जाना था.

जैसे मैने बताया की मेरे एग्ज़ॅम चल रहे थे, तो मैं शादी पर नही जेया सकती थी. इसलिए मैने घर वालो को कहा की वो चले जाए, और मैं यहा सब कुछ अपने आप मॅनेज कर लूँगी. मम्मी को मेरे खाने-पीने की चिंता थी, तो उन्होने सामने के घर वाली निशा आंटी को बोल दिया. अब मैं निशा आंटी के बारे में बता देती हू.

निशा आंटी हमारी पुरानी फॅमिली फ्रेंड है. उनकी आगे 40 की है, लेकिन वो लगती 30 के आस-पास की है. उन्होने अपने आप को बहुत मेनटेन करके रखा है. उनका फिगर 36-30-38 है, और आचे ख़ासे लौंदे उन पर लाइन मारते है. रंग उनका गोरा है. मैं भी हमेशा से उनकी तरह स्मार्ट बनना चाहती थी.

फिर मेरे घर वाले शादी पर चले गये, और मैं अब घर पर अकेली थी. शाम को निशा आंटी डिन्नर लेके आई, और मेरे साथ बैठ कर खुद भी खाने लगी. उनके भी हज़्बेंड काम से बाहर गये हुए थे, और बेटा उनका फॉरिन में स्टडी करता है.

हम दोनो टेबल पर बैठे थे, और खाना खा रहे थे. खाना खाते हुए हमने कुछ बातें की. निशा आंटी बोली-

आंटी: अकेली क्या करोगी यहा? आ जाओ मेरे घर पर मोविए देखेंगे, फिर वही सो जाना.

मैने भी सोचा की आंटी ठीक कह रही थी, तो मैने उनको हा कह दी. फिर थोड़ी देर स्टडी करने के बाद मैने घर को लॉक किया, और निशा आंटी के घर चली गयी. जब उन्होने दरवाज़ा खोला, तो मैं उनको देखती ही रह गयी.

आंटी ने टाइट लेगैंग्स और उसके साथ शॉर्ट त-शर्ट पहनी थी. आंटी की लेगैंग्स में उनकी जांघों और गांद की शेप पूरी दिख रही थी, और उनकी त-शर्ट में से उनकी नाभि और कमर दिख रही थी. फिर मैं अंदर गयी, और हम दोनो सीधे उनके बेडरूम में गये.

उनके बेड के सामने ही टीवी लगा था. हम दोनो साथ बैठ गये, और कुछ बातें की. फिर आंटी ने लाइट बंद कर दी, और नेत्फलिक्ष पर कोई इंग्लीश मोविए लगा दी. मोविए में काफ़ी हॉट सीन्स भी थे. उन सीन्स को देख कर मैं गरम होने लगी. क्यूंकी हम दोनो ब्लंकेट में थे, तो मैने अपना हाथ अपनी छूट पर रख लिया, और हॉट सीन देखते हुए छूट सहलाने लग गयी.

अभी 10 मिनिट ही हुए थे मुझे छूट सहलाते हुए, की तभी आंटी ने अपना हाथ मेरी छूट पर रख दिया. उनके ऐसा करने से मैं एक-दूं से हैरान हो गयी, और मैने उनकी तरफ देखा. उन्होने मुझे स्माइल पास की और बोली-

आंटी: लाओ मैं कर देती हू.

मुझे कुछ समझ में नही आया, की वो ऐसा क्यूँ कर रही थी, और मैने उनको रोका भी नही. क्यूंकी मुझे मज़ा आ रहा था. मैने पाजामा त-शर्ट पहने हुए थे. फिर आंटी ज़ोर-ज़ोर से मेरे पाजामे के उपर से मेरी छूट रगड़ने लगी. मुझे इतना मज़ा आ रहा था की मेरी आँखें अपने आप बंद हो गयी.

कुछ 5 मिनिट बाद आंटी ने मेरे पाजामे के अंदर पनटी में हाथ डाल दिया, और अपनी उंगली से मेरी छूट रगड़ने लगी. मेरी और उनकी नज़रे मिली हुई थी, लेकिन कोई कुछ नही बोल रहा था. वो छूट रगड़ते हुए बीच-बीच में छूट के अंदर भी उंगली डाल रही थी.

मुझे पता ही नही चला की कब उन्होने अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए, और हम दोनो पागलों की तरह एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे. हम बाहों में बाहें डाले बेडरूम में किस कर रहे थे, और कड्ड्ल कर रहे थे. अब आंटी मेरे उपर थी, और मैं उनके नीचे.

वो अब मेरे होंठ छ्चोढ़ कर मेरी गर्दन पर किस करने लगी, और मेरे बूब्स दबाने लगी. मैं तो जैसे मज़े में पागल हो रही थी. फिर वो और नीचे गयी, और मेरा पाजामा और पनटी साथ में नीचे करके उतार दिए. अब मैं नीचे से पूरी नंगी थी. फिर आंटी ने मेरी टांगे खोली, और मेरी छूट पर मूह लगा कर चाटने लगी.

मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मैं बता नही सकती. मैं आंटी के सर को अपनी छूट में दबा रही थी. आंटी फिर मेरी छूट में अपनी उंगली अंदर-बाहर करने लगी, और जीभ से चाट-ती रही. अगले 5 मिनिट में मुझे इतना मज़ा आया, की मेरी छूट ने पानी छ्चोढ़ दिया. आंटी मेरा सारा पानी चाट गयी.

फिर आंटी उपर आई, और मेरी आँखों में आँखें डाल कर बोली: अब तुम्हारी बारी.

इससे पहले की मैं कुछ समझती, आंटी ने अपनी लेगैंग्स और पनटी उतरी, और मेरे मूह पर आके बैठ गयी. उनकी छूट मेरे मूह के बिल्कुल सामने थी, और इससे पहले मैने कभी छूट नही छाती थी. मैं अभी सोच ही रही थी की क्या करू, की आंटी ने अपनी छूट मेरे मूह पर लगाई, और उसको मूह पर रगड़ने लग गयी.

आंटी की छूट में से एक अलग सी स्मेल आ रही थी, जो मुझे उत्तेजित करने लगी. मैने अपनी जीभ बाहर निकाल ली, और उनकी छूट चाटने लगी. धीरे-धीरे मुझे बहुत मज़ा आने लगा. फिर मैं उनकी गांद पकड़ कर अपनी जीभ से उनकी छूट छोड़ने लगी. आंटी ने मेरे बाल पकड़ कर मेरा मूह अपनी छूट मैं दबा लिया, और ज़ोर-ज़ोर से मेरे मूह पर अपनी छूट रगड़ने लगी.

मुझे साँस लेने में भी दिक्कत हो रही थी, आंटी इतनी वाइल्ड हो गयी थी. तकरीबन 10 मिनिट ऐसे ही चलता रहा. फिर आंटी की छूट ने मेरे मूह में ही अपनी पिचकारी छ्चोढ़ दी. उसके बाद वो मेरे साथ ही लेट गयी. उस रात के बाद हम दोनो रेग्युलर्ली सेक्स का मज़ा लेते है.

दोस्तों अगर कहानी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट्स में फीडबॅक ज़रूर दे. थॅंक योउ.

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