वाइफ की सेक्सी कज़िन को मज़े से चोदा

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अज़ी है. मैं हिमाचल में रहता हू. मेरी उमर 27 साल है, और मेरी एक साल पहले ही शादी हुई है. ये स्टोरी है मेरी साली पालक की चुदाई की. वो मेरी वाइफ की कज़िन सिस्टर है. उसकी आगे 20 साल है, और उसका फिगर भी एक-दूं मस्त है. बड़े-बड़े चूतड़ और बड़ी-बड़ी चूचियाँ.

रंग एक-दूं गोरा, और बड़ी-बड़ी क्यूट सी आँखें. जब से मेरी शादी हुई है, तब से बस उसको छोड़ने का मौका मिल जाए ऐसा सोचता रहता था. ये सोचते-सोचते एक साल निकल गया. लेकिन पिछले महीने में मुझे मौका मिल ही गया.

पालक पिछले महीने मेरे घर पे आई थी. उसका कोई एग्ज़ॅम था जो मेरे घर के पास कॉलेज है, वाहा पे था. उसका घर कॉलेज से 15 केयेम डोर है. इसलिए वो एग्ज़ॅम से एक दिन पहले मेरे घर आ गयी, ताकि अगली मॉर्निंग आराम से एग्ज़ॅम देने जेया सके.

एग्ज़ॅम वाले दिन मेरी वाइफ का हॉस्पिटल में चेकप भी था प्रेग्नेन्सी को लेकर. तो सुबह पालक कॉलेज निकल गयी, और हम यानी मैं, मेरी वाइफ और मेरी मदर 11:30 बजे हॉस्पिटल के लिए निकल गये. लेकिन हॉस्पिटल पहुँचने के 5 मिनिट बाद ही पालक का फोन आया की वो घर पे आ गयी थी एग्ज़ॅम देकर.

घर पे लॉक लगा हुआ था, तो मुझे मेरी वाइफ ने बोला की आप घर पे जा आओ, और बाद में चेकप हो जाएगा तो मैं फोन कर लूँगी. हॉस्पिटल भी मेरे घर से 3 केयेम ही डोर है, तो मैने भी बोला ठीक है तुम और मम्मी चेकप करवा लो. बाद में मुझे फोन कर देना.

तो मैं घर वापस आ गया, और पालक के साथ अब मैं घर पे अकेला था. हम दोनो टीवी वाले रूम पे आ गये, और सोफा पे बैठ कर टीवी देखने लगे. हम टीवी देखते-देखते नॉर्मल बात कर रहे थे, की एग्ज़ॅम कैसा गया, वग़ैरा-वग़ैरा. मेरे मॅन में बस उसको छोड़ने का ही सीन चल रहा था. उसको देख के मुझसे कंट्रोल नही हुआ, और मैने अपना हाथ उसकी टाँग पे रख दिया.

लेकिन वो कुछ भी रिक्ट नही की, बस नज़र झुका ली अपनी. तो मैने अपने हाथ से उसकी टाँग दबा दी. वो फिर भी कुछ ग़लत रिक्ट नही की, बस नज़र झुका कर बैठी रही. अब मैं समझ गया की ये चूड़ने के लिए तैयार थी. मैने उसका मूह पकड़ा, और उसके लिप्स पे किस करने लगा.

उसके बड़े-बड़े छूतदों को मैं अपने हाथो से दबाने लगा, और ये सब चुम्मा-छाती करते हुए मैने उसकी सलवार उतार दी. फिर उसकी छूट में उंगली दे दी, और उसकी फिंगरिंग करने लगा. अब वो तोड़ा-तोड़ा आ आ करके चिल्लाने लगी थी.

थोड़ी देर उसकी फिंगरिंग करने के बाद मैने अपनी पंत उतरी, और अपना लंड उसके मूह में दे दिया. मुझे लगा की कुछ नखरे करेगी, लेकिन वो तो चुप-छाप मेरे लंड को चूसने लगी. उसके मूह की गर्मी इतनी मस्त थी. उसके लाल होंठ मेरे काले लंड को ऐसे जकड़े हुए थे की मेरा मॅन ही नही किया अपना लंड उसके मूह से निकालने को.

4-5 मिनिट्स तक मैं ऐसे ही उसको लंड चुस्वता रहा. बीच-बीच में उसका सर पकड़ कर डीप घुसने की भी ट्राइ कर रहा था. लेकिन उससे मेरा 6 इंच का लंड पूरा नही लिया जेया रहा था अपने मूह में. लेकिन आधा लंड चुसवाने में भी मज़ा मुझे पूरा आ रहा था.

कुछ देर बाद जब मैं झड़ने वाला था, तो मैने उसको बोला की अपना मूह खोल ले पूरा. और अब मैं उसके मूह के उपर अपने लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा. फिर उसके मूह में ही माल निकाल दिया मैने. कुछ माल उसके मूह के अंदर गिरा, और कुछ उसके मूह के बाहर उसके होंठो और गाल पर.

मैने उसको बोला की मेरे माल को पी जेया. और वो भी एक-दूं पी गयी मेरा माल. ये देख कर मैं बहुत की खुश था की यार एक तो इतनी खूबसूरत लड़की, और उपर से इतनी सूबमीस्सीवे. जो बोलो चुप-छाप कर लेती है. अब मैं पालक के पुर मज़े लेने वाला था. वाइफ के साथ तो नॉर्मल ही सेक्स चलता है, लेकिन पालक के साथ में अब सब कुछ ट्राइ करना चाहता था.

अब उसकी छूट मारना चाहता था. लेकिन अभी टाइम नही था. मुझे हॉस्पिटल भी जाना था. इसलिए हम दोनो तैयार हुए, और हॉस्पिटल चले गये. वाहा से आने के बाद कुछ देर मार्केट घूमे और घर वापस आ गये सब. अब मुझे पता था की अब पालक को छोड़ने का मौका रात को ही मिलेगा, जब बाकी लोग सो जाएँगे.

रात को मेरे पेरेंट्स 1स्ट्रीट फ्लोर पे सोते है, और मैं वाइफ के साथ 2न्ड फ्लोर पे. 2न्ड फ्लोर पे 3 रूम्स है, और एक रूम में पालक सोई हुई थी. मैने उसको बोल दिया था की रात को सोना मत, और रात को तेरे रूम में अवँगा.

मेरी वाइफ 11 बजे सो गयी और मैं 12:30 बजे पालक के रूम चला गया. वैसे भी मैं सिग्गेरते पीने के लिए बहुत बार रात को उठ कर रूम के बाहर जाता था, तो वाइफ ग़लती से उठ भी गयी तो यही सोचेगी की सिग्गेरते पीने गया था.

पालक के रूम में जाते ही मैने अपना पाजामा खोला, और अपना लंड पालक के मूह में दे दिया. 2 मिनिट्स लंड चुसवाने के बाद मैने पालक के कपड़े खोल दिए, और उसकी टाइट छूट में लंड घुसा दिया.

पालक की धीमी आ आ की आवाज़ से मेरा लंड और जोश में आ गया और पालक की छूट को मशीन की तरह छोड़ने लगा. कुछ देर बाद जब मैं झड़ने वाला था, तो मैने अपना लंड निकाला और पालक के फेस पे माल निकाल दिया.

अपना माल उसके फेस पे देख कर एक अलग ही लेवेल की सॅटिस्फॅक्षन मिल रही थी मुझे. उसको छोड़ने के बाद मैं बाहर आया और सिग्गेरते पीने चला गया. फिर अपने रूम में सोने चला गया. लेकिन अब नींद नही आ रही थी. 20 मिनिट्स बाद मैं फिरसे पालक के रूम चला गया, और फिरसे जाते ही मैने उसके मूह में अपना लंड दे दिया. थोड़ी देर बाद मैने उसको बोला की वो मेरे टटटे छाते.

वो भी बिना कोई नखरे किए मेरे टट्टो को चाटने लगी. लेकिन अब तो मुझे सब ट्राइ करना था. मैने उसको बोला की अब मेरी गांद भी चाट ले. मेरी गांद को भी वो बिना नखरे किए चाटने लगी. उसकी जीभ मेरी गांद को टच कर रही थी तो नेक्स्ट लेवेल मज़ा आ रहा था. अब मैने दोबारा उसके मूह में लंड दे दिया, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह में लंड अंदर बाहर करने लगा.

उसके मूह का सारा थूक मेरे लंड में लग चुका था. बस ऐसे ही लंड चुस्वते-चुस्वते मैं उसके मूह में झाड़ गया. और फिर सोने चला गया. अगले दिन उसको वापस जाना था, तो वो घर चली गयी. फिर अभी 3 दिन पहले मैं उनके घर गया हुआ था. वाहा फुल छोड़ने का तो मौका मिला नही, लेकिन एक बार 5 मिनिट्स के लिए हम अकेले थे.

खिड़की से नज़र रखी हुई थी नैने की कोई आ ना जाए. वाहा ना उसके कपड़े उतारे, ना किस किया, बस सीधा उसके मूह में लंड दिया, और मूह में ही झाड़ गया. अगली बार फुल मौका मिलेगा तो ढंग से, तसल्ली से पूरा नंगा करके छोड़ूँगा.

उसके घर वाले उसको फालतू में बाहर नही जाने देते, नही तो अब तक बहुत बार चोद चुका होता. लेकिन अभी भी कोई टेन्षन नही, बस 4-5 मिनिट्स का टाइम चाहिए, फटाफट लंड निकाल के मूह में डेडॉ और पूरा मज़ा लो.

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