मेरी अपनी चाची खंड-1

बात बचपन से शुरू करते है। एक गरीब परिवार से हूं, शुरू से से बहुत से चीज़ें ऐसी देखी जो एक बच्चे के साथ नही होनी चाहिए थी। कम से कम बच्चे से उसका बचपन तो नही छीना जाना चाहिए था। पर खैर कर भी क्या सकते थे हालात पर हर एक का शायद काबू नही होता है।

पढ़ाई लिखाई भी ठीक से नही की सही बताऊ तो ज़रूरतें ही कभी पूरी नही हो पाई। नाम और जगह आपको नही बता पाऊंगा । उत्तराखंड का रहने वाला हूँ। पहली बार लिख राह हूँ लिखने का कोई अंदाज़ा नही है तो थोड़ा एडजस्ट करना आप लोग। मेरी 12वी हो गयी थी। घर मे पैसा भी नही था, न ही कॉलेज था तो में अपने चाचा के यहां आकर कॉलेज कर रहा था।

चाचा और मेरी कभी बनती नही थी। चाचा की उम्र भी बहुत थी 45 के आस पास। उन्होंने अभी तक शादी भी नही की थी। चाचा दिखने में बस एवरेज है। घर वाले सब गांव में रहते है, चाचा जॉब करते है छोटी मोटी वो किराये के मकान में यहां कस्बे में रहते है।

में भी चाचा के यहां रहके है कॉलेज करने लगा। सुबह कॉलेज जाता था दोपहर में वापस आता था। अब तो हालांकि में फाइनल ईयर में हूं। एक साल ऐसे है गुज़र गया। अब चाचा और मैं कभी कभी बात कर लेते थे। चाचा भी परेशान रहते थे।

एक दिन जहा चाचा काम करते थे वो हमारे घर आये, उस दिन छुट्टी वाला दिन था। उन्होंने मेरे चाचा से कहा कि अब तो शादी कर लो दूसरी ज़िन्दगी थोड़ी न मिलती है। चाचा भी हँसने लगे।

मुझसे मेरे पापा का नंबर लिया और उन्हें कॉल करके 3-4 दिन में आने के लिए कह दिया। कुछ दिन बाद पापा भी घर आये, उन्होंने अंकल से बात की आकर तो पता चला कि अंकल उनसे चाचा की शादी की बात करने के लिए बुला रहे थे।

अंकल ने बताया कि उनके मिलने वाले है उनकी बेटी की भी शादी नही हुई है 35 साल उम्र है और कहने लगे के आपके छोटे भाई की उम्र भी 45 की करीब की है। मुझे लगा तो मैंने आपको बता दिया। लड़की पे आप कहोगे तो नज़र मार लेना एक बार, बाकी जैसा आपको सही लगे। और फिर कुछ देर बाद अंकल चले गए।

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घर वालो में बात हुई लड़की भी देख के आये उन्हें भी ठीक लगा सब। फिर फैसला लिया कि चाचा की शादी कर देते है। 2 महीने में चाचा की शादी भी हो गयी। कुछ टाइम चाची गांव में रही फिर वो भी चाचा के साथ रहने कस्बे आ गयी।

मेरी भी पढ़ाई चल ही रही थी। मेरा नेचर थोड़ा शर्मिला है कभी किसी से बात है नही की खास कर के लड़कियों से। चाची भी नई नई थी, अगर वो कुछ पूछती थी तो हा या न में जवाब दे देता था मैं। मैं पता नही क्यों पर चाची से कभी नज़रें नही मिला पता था।

थोड़ा वक्त ऐसे ही बीत गया। जहाँ हम रहते है एक कमरा है कमरे के बाहर छोटी सी गैलरी है। उसी में किचन है और वाशरूम है। चाचा चाची कमरे में और में गैलरी में सोता हूं। वही पर पढ़ाई करता हूं और सो जाता हूं।

सुबह चाचा 8 बजे तक काम पर चले जाते है में बजे 9:30 तक कॉलेज के लिए चले जाता हूं। कॉलेज में ज़्यादा क्लासेज तो होती नही है पर घर पर भी बोर होता हूं मैं, दोस्त भी कोई खास नही है। पैसा भी नही है तो कोई लड़की घास भी नही डालती है और मुझे लड़कियों से बात भी नही होती है, शर्माता ज़्यादा ही हूं कुछ।

रोज़ की तरह दिन गुज़र रहे थे। कॉलेज से घर फिर घर का छोटा मोटा काम, फिर स्टडी फिर सो जाना। कभी कभी मैं चाचा और चाची मिलकर टीवी देख लेते थे। खाना साथ ही खाते थे सब। दोपहर का खाना चाचा साथ ही ले जाते थे।

अक्सर चाची और मैं दोपहर का खाना साथ में ही खाया करते थे। कुछ समय बाद चाची और मेरी नार्मल बात चीत हो जाय करती थी। वो मुझसे बाज़ार से सामान मंगा लिया करती थी, अक्सर चाची के साथ बाजार भी जाया करता था।

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ज़िन्दगी ठीक चल रही थी। वक़्त गुज़रता गया, चाची उदास उदास सी रहने लगी। चाचा भी काम से आकर खाना खाते कुछ देर न्यूज़ देखते और फिर सो जाते थे। रोज़ का यही नियम था।

चाची जब मुझे ज़्यादा उदास दिखती तो में उनसे पूछ लिया करता था के क्या बात है? पर वो हमेशा मुस्कुरा कर बात छिपा दिया करती थी।

कभी कभी वो मेरी कॉलेज के बारे मे पूछ लिया करती थी। फिर मेरी कॉलेज की छुट्टी भी थी मुझे गांव भी जाना था तो मैंने चाची से भी कहा कि चलो आपको भी अच्छा लगेगा।

उन्होंने चाचा से पूछा और हम 4-5 दिन के लिए गांव आ गए। गांव में चाची को भी अच्छा लगा फिर जब हम वापस आ रहे थे तो चाची ने मुझसे रास्ते मे थैंक यू कहा बोली अच्छा किया कि तू मुझे ले आया।

फिर चाची और मेरी अच्छी बात चीत होने लगी थी। घर पर आकर 2-4 दिन तो ठीक लगा पर फिर चाची उदास उदास सी रहने लगी। पूछने पर बस मुस्कुरा दिया करती थी।

मुझे भी कुछ समझ नही आता था कि क्या करूँ। मेरी चाची सावली रंग की है, उम्र की वजह से थोड़ी मोटी लगती है, कुल मिलकर बहुत अच्छी है वो। चाची हमेशा सूट पहनती है। चाची के फिगर का मुझे अभी तक कोई अंदाज़ा नही था। वो आपको मैं आगे बता दूंगा।

चाची के ऊपर कभी मेरी गलत नज़र नही गयी थी। क्यूंकि मैंने हमेशा उन्हें बस चाची की नज़रो से ही देखा था लेकिन आगे क्या होने वाला था ये मुझे भी नहीं पता था। क्युकी मेरी भी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी और अब मैं और चाची आपस में बाते भी किया करते थे और धीरे धीरे बाते और ज्यादा होने लगी।

अब आगे की कहानी अगली कहानी में बताऊंगा।

कमेंट करके जरूर बताना की आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी कहानी थोड़ी लम्बी है और चुदाई और सब की बाते आगे होगी। क्युकी मैं आप लोगो को सब कुछ बताना चाहता हु जिससे आपको पता चले की कैसे क्या हुआ।

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