मलिक नौकर में चुदाई के रिश्ते की स्टोरी

समय ने मयूर को बेड पर लिटाया और उसके छाती पर बैठ गया. उसने मयूर के दोनो हाथ अपने शरीर के नीचे दबा दिए. मयूर अब हिल-डुल नही पा रहा था. मयूर कुछ समझ पाए उससे पहले समय ने अपना लंड मयूर के मूह के आयेज किया. फिर एक हाथ से मयूर का मूह खोला, और लंड अंदर डालने लगा.

पहली बार आधा डाल के अंदर-बाहर करने लगा. धीरे-धीरे उसने ज़बरदस्ती पूरा लंड मयूर के मूह में दे दिया. समय का लंड बड़ा था, इसलिए मयूर के गले तक वो जेया रहा था. कुछ देर ऐसे करने के बाद समय ने अपनी स्पीड बधाई, और मयूर के मूह की चुदाई ज़ोरो से शुरू हो गयी.

समय अपनी हवस और मयूर के प्यार का फ़ायदा उठा रहा था. मयूर समय के लंड को मूह में लिए हुए था. इसलिए उसकी आखों से आसू आ गये, और उसका थूक उसके मूह से लंड के साथ अंदर या बाहर गिर जाता.

कुछ देर बाद समय को मयूर पर तरस आया, और उसने अपना लंड निकाला. मयूर की आँखों में आँसू देख समय को बुरा लगा. मयूर को संभालने के लिए तोड़ा वक़्त लगा. समय ने उससे जब माफी माँगी तो मयूर ने कहा, की उसे बहुत मज़ा आया. और भले ही समय ने उसके साथ अचानक किया, पर अगर वो ये सब नही करता तो उसे इस वक़्त जो मज़ा आया वो नही आता.

ये सुन कर समय को अछा लगा. कुछ देर दोनो नंगे लेते रहे. फिरसे जब दोनो के लंड तंन चुके थे, समय ने धीरे से मयूर के लंड को पकड़ा. पर इस बार वो और नीचे मयूर की गांद के और अपना हाता ले गया. मयूर ने अपने दोनो पैर स्वागत में समय के लिए खोल दिए. समय ने अपनी उंगलियों से मयूर की गांद के च्छेद पर खेलना शुरू किया.

मयूर का ये पहला एहसास कमाल का था. वो समय की उंगलियों के मज़े ले रहा था. समय नीचे मयूर की गांद में उंगली डालने लगा. पहले मुश्किल हुई, पर तेल लगाने के बाद कुछ ही परायासो में समय की उंगलिया मयूर को छोड़ने लगी थी.

ये सब करते हुए समय मयूर को देख रहा था. मयूर सातवे आसमान पर था. वो नंगा अपने दोस्त कम प्यार की बाहों में अपने पैर फैलाए अपनी गांद में मज़े ले रहा था.

कुछ देर बाद समय मयूर के उपर चढ़ गया, और उसके दोनो पैर फैला के बीच में बैठ गया. उसने अपना लंड मयूर की गांद पर रखा. मयूर को कुछ समझ नही आया तो उसने माना किया. मयूर उस वक़्त ज़्यादा पढ़ा-लिखा नही था, तो उसे कुछ नही समझा.

पर समय पढ़ा लिखा था, तो उसे कुछ बातें पता थी. आख़िर समय ने मयूर को माना ही लिया. पर ये सोच कर की समय का लंबा और इतना बड़ा लंड उसकी गांद में जाएगा, मयूर दर्र चुका था. समय ने उसके दोनो पैर अपने कंधे पर रख दिए, और लंड को गांद पर सेट किया. मयूर ने तकिया पकड़ लिया, और आँखें बंद कर दी.

समय ने पहले अंदर डालने की कोशिश की, पर मयूर की गांद टाइट थी, तो थोड़ी मुश्किल हुई. पर बाद में तेल की मदद से उसने धीरे से अपना लंड घुसाया. जैसे ही लंड अंदर जाता मयूर को दर्द होता. मयूर चीखने वाला था, पर समय ने उसी की चड्डी, जो बाजू में पड़ी थी, उसे मयूर के मूह में तूस दिया.

कुछ देर करने के बाद पहले समय का सूपड़ा या टोपा अंदर गया. मयूर ने लंड निकालने को कहा. उसने समय से भीख माँगी और रोने लगा. पर समय कहा सुनने वाला था. समय ने ज़ोर लगाया और आधा लंड अंदर डाल दिया. मयूर की जान निकली जेया रहा थी. कुछ देर पॉज़ लेने के बाद समय ने और धक्के दिए, और कुछ धक्को के बाद उसका पूरा लंड मयूर के अंदर था.

मयूर को ऐसे लगा जैसे किसी ने लोहे का गरम रोड उसकी गांद में डाल दी थी. कुछ देर समय मयूर के उपर ऐसे ही लेता रहा. थोड़ी देर बाद समय ने धक्के देने शुरू किए. पहले तो मयूर को दर्द हुआ, और उसके आँसू नही रुके. पर थोड़ी देर बाद समय के लंड से छुड़वाने में उसे बड़ा मज़ा आया.

फिर उसने भी अपनी गांद उठा कर छुड़वाना शुरू किया. मयूर का साथ मिलने पर समय ने उसके दोनो पैर पकड़े और अपनी गाड़ी चलाई. मयूर को समय ने लगभग 15-20 मिनिट छोड़ा, और उसकी गांद में ही झाड़ गया.

समय का गरम-गरम कम मयूर अपनी गांद में महसूस कर रहा था, और मयूर को चुड के मज़ा आ गया. कुछ देर दोनो एक-दूसरे के उपर ऐसे ही नंगे सोते रहे. फिर उन्हे नींद आ गयी. कुछ देर बाद समय की नींद खुली.

उसने देखा की मयूर भी नंगा सो रहा था, तो उसने मयूर को उठाया, उसे चूमा, और वापस उसके शरीर को चाटने लगा. मयूर भी अब उत्तेजित हो गया. इस बार समय ने मयूर को डॉगी बनाया और फिर उसकी गांद को पीछे से चाटना शुरू किया.

उसकी जीभ मयूर की गांद पर थी, और बीच-बीच में समय मयूर की गांद पर थप्पड़ मार रहा था. उसकी वजह से मयूर की गांद लाल हो गयी थी. समय ने मयूर की गांद कस्स कर पकड़ी, और फिर अपना लंड उसकी गांद के च्छेद के उपर रख दिया.

इस बार मयूर बिल्कुल तैयार था, और इस बार एक ही झटके में पहले आधा लंड गांद में घुस गया. और फिर कुछ झटको बाद पूरा लंड डालने में समय सफल हुआ. मयूर अपनी गांद छुड़वाने का पूरा मज़ा ले रहा था. दर्द में ये आनंद पहली बार उसे मिला था.

समय ने भी खूब जाम के कढ़ी धीरे कभी तेज़ी से कुत्ता बना के मयूर को छोड़ा.

मयूर ने भी इस बार खून मज़े लिए. उसने भी अपनी गांद आयेज-पीछे करके पूरा साथ दिया. इस बार फिरसे समय ने अपना पानी मयूर की गांद पर डाल दिया. मयूर समय को देख रहा था. तभी समय ने मयूर के लंड को पकड़ा, और फिर उसे हिलने लगा. कुछ देर बाद मयूर का पानी भी निकल गया.

दोनो ने बातरूम में अपने आप को सॉफ किया, और दोनो नंगे ही सो गये. दूसरे दिन वो नंगे उठे, तो उन्हे लगा की उन्होने कोई ग़लती या गुनाह कर दिया. पर एक-दूसरे को नंगा देख कर और बीती रात के प्यार को याद करते हुए उन्होने खुद को अपनाया. पर बाहर की दुनिया इसके लिए तैयार नही थी. इसलिए उन्होने सब से ये बात च्छुपाई.

उसके बावजूद वो दोनो आयेज सेक्स किया करते. ऐसे ही इन दोनो की, और पुर परिवार में अलग लोगों की सेक्स स्टोरीस जानने के लिए मुझे इस कहानी की प्रतिक्रिया बताइए. अगर आपको ये कहानी पसंद आई, तो मैं और कहानी इसके पार्ट्स में लिखूंगा. अपनी प्रतिक्रिया जवानिकजोश@आउटलुक.कॉम पर भेज सकते है.

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