मा हुई कामयाब बेटे का लंड लेने में

अब मा का जब मॅन करता, जहा मॅन करता वही मूठ मारने लगती. प्रॉमिस की वजह से मैं उन्हे कुछ कह भी नही पाता था. एक बार मा अपना पेटिकोट उठा कर मूठ मार रही थी, और अपनी चरम-सीमा पर थी, और उसी टाइम मैं अचानक से रूम में घुस गया. उनकी छूट का सारा रस्स मेरे उपर आया.

मा: अर्रे सॉरी बेटा, मेरे को पता नही था तू आ जाएगा, सॉरी.

मैं: मा लेकिन आपने मेरे को सारा गंदा कर दिया.

मा: सॉरी, रुक मैं सॉफ कर देती हू.

मैं: हा.

मा: बेटा एक यूनीक स्टाइल से सॉफ करू?

मैं: हा करो!

मा: ये ले.

फिर मा ने मेरा पूरा फेस अपनी जीभ से चाट-चाट कर सॉफ किया.

मा: ले तेरा फेस भी सॉफ हो गया, और मैने अपना खुद का रस्स भी चाट लिया.

मुझे अब ऐसा लग रहा था जैसे मेरी सौतेली मा मेरे को अपनी हवस का शिकार बना रही हो. लेकिन मैने ध्यान नही दिया, और अपना समान लेकर रूम से बाहर आ गया. आज का दिन जैसे-तैसे कट्ट गया. रात को मैं और मा एक साथ सो रहे थे. अचानक मेरे को ऐसा लगा की मेरे उपर किसी ने पैर रखा हो. मैने आख खोल कर देखा तो मा ने अपना पैर मेरे उपर चढ़ा रखा था, और वो बहुत तेज़-तेज़ बोले जेया रही थी.

मा: आह ह ये छूट ने तो परेशन कर दिया बहनचोड़, निकल जेया पानी अब.

वो बार-बार अपने पैर को मेरे पैर से रग़ाद रही थी, और उनकी उंगलियाँ मेरी कमर में भी टच हो रही थी. बीच-बीच में उनका पैर मेरे लंड को भी चू रहा था. मा ने 10-15 मिनिट तक छूट रगडी, और उनका पानी निकल गया. उन्होने देखा की मैं जागा हुआ था.

मा: क्या हुआ बेटा?

मैं: कुछ नही मा.

मा: शायद मेरी वजह से तेरी नींद खुल गयी बेटा, सॉरी.

मैं: इट’स ओक मा.

मा: चल अब तू उठ गया है, तो मेरा एक काम करेगा?

मैं: हा बोलो?

मा: थोड़ी सी मालिश कर दे.

मैं: हा रूको, मैं तेल गरम करके लाया.

मा: मेरा प्यारा बेटा!

अब मैं तेल गरम करके लाया, तब देखा मा आज सीधी लेती हुई थी.

मैं: ऐसे कैसे आपके छूतदों की मालिश करूँगा?

मा: आज छूतदों की नही मेरी चुचियों की मालिश करनी है.

मैं: ठीक है मा.

मा: हा तो खड़ा क्यूँ है? खोल मेरी ये ब्रा और ब्लाउस.

मैं: हा.

मा: हा अब अछा लग रहा है बेटा ऐसे खुले-खुले. चल अब शुरू कर.

मैं: हा मा.

मा: आहह ह गोल-गोल हाथ फेर इन चुचियों पर ह. ऐसे ही ऑश हू, मज़ा आ गया. आहह मज़ा आ गया. तेरे हाथो में कुछ तो बात है. बेटा मेरी एक विश पूरी करेगा?

मैं: हा बोलो?

मा: मेरा मॅन है की मैं मूठ मारु, और तू भी अपनी मूठ मारे मेरे साथ.

मैं: क्या? ये क्या कह रही हो मा?

मा: हा बेटा, प्लीज़ ना. मैं भी तो तेरे आयेज मार्टी हू, तू भी मार ले ना.

मैं: नही मा, मुझसे नही होगा.

मा: अछा चल मेरी सारे उतार दे, और अपने कपड़े उतार दे. फिर मेरी मालिश कर.

इतना तो कर सकता है ना अपनी मा के लिए?

मैं: हा.

अब मैं पूरा नंगा हो गया और मा भी. मा ने मेरा लोड्‍ा देखा और देखते ही बोली-

मा: वाह ब्स्दक! इतना सही लोड्‍ा लेकर घूम रहा है. बेटा तू मेरी तरह मूठ नही मारता क्या?

मैं: नही मा.

मा: ऑश अछा बेटा, अब मैं कुछ भी बोलू तू बुरा मत मनियो.

मैं: ठीक है मा.

ये बोलते ही मा ने मूठ मारनी शुरू कर दी.

मा: ह अहह अहह कितना मस्त लोड्‍ा है ये तो. छूट की सारी आग मिटा देगा ह बहनचोड़ ह. मज़ा आ जाएगा इसको छूट में ले कर ह. बहनचोड़ देखो बेटे का ऐसा मस्त लोड्‍ा है, और यहा कुटिया की तरह उंगली करनी पद रही है आह.

ये बोलते-बोलते मा एक-दूं पीछे मूडी, और सारा पानी मेरे लंड पर निकाल दिया.

मा: अर्रे बेटा, ये क्या कर दिया मैने?

मैं: कोई नही मा, मैं कर लूँगा सॉफ.

मा: नही रुक, मैं ही करती हू.

ये बोलते मा ने मेरा लंड अपने मूह में ले लिया. इतने में कुछ कर पाता मेरी हवस ने मेरे को रोक लिया. मैं अलग ही दुनिया में पहुँच गया. मा ने 5 मिनिट तक लोड्‍ा चूसा.

मा: ले सॉफ हो गया.

मैं: थॅंक्स मा, मेरे को मज़ा आया.

मा: कुत्ता ना हो तो. मा ने लोड्‍ा चूसा, और उसमे मज़ा आएगा तेरे को.

मैं: हा मा आया.

मा: लेकिन तूने अपनी मा की विश तो पूरी नही करी.

मैं चाहता था की माना करू, लेकिन मा की हवस ने मेरे को अपना शिकार बना लिया था, और मैं माना नही कर पाया.

मैं: चलो ठीक है, विश पूरी कर देता हू.

मा: सॅकी?

मैं: हा.

मा: ऑश बेटा, मेरा प्यारा बेटा. आजा बेड पर दोनो एक-दूसरे के आयेज मूठ मारते है.

मैं: हा मा आओ.

अब मैं और मा बेड पर आ गये.

मा: बेटा तेरा हाथ आयेज कर.

मैं: ये लो.

मा: आ थ, अब तू ऐसे ही मेरे हाथ पर थूक!

मैं: आ थ.

मा: चल बेटा मारते है मूठ.

मैं: हा.

मा: ह बेटा अहह अहह तेरा लंड देख कैसे उपर-नीचे हो रहा है, जैसे छूट छोड़ रहा हो. ह अहह अहह मज़ा आ रहा है बेटा.

मैं: हाा मा अहह.

मा: ध्यान से देख इस छूट को अहह अहह ह तेरा लंड देख कर ही पानी निकाल रही है ये. अहह बेटा मार मूठ ऐसे ही आह श ष्ह.

10 मिनिट बाद मा का सारा रस्स मेरे उपर आ गया, और मेरा रस्स मा के उपर.

मैं: सॉरी मा, सॉरी.

मा: ऐसे हो जाता है. देख तेरा रस्स मेरी छूट तक आया है.

मैं: सॉरी मा,

मा: बेटा इसको सॉफ तू ही कर्दे.

मैं: हा मा.

मा: बेटा जैसे मैने तेरा फेस सॉफ किया था वैसे.

मैं: चाट कर?

मा: हा.

मैं: लेकिन.

मा: लेकिन क्या, गंदा भी तूने ही किया है.

मैं: अछा ठीक है.

अब मैं बेड पर लेट कर मा की छूट चाटने लगा.

मा: ह आह ह कुत्ते ऐसे ही आह कुत्ते चाट, मज़ा आ गया.

मैं: हो गया मा?

मा: बहनचोड़ जब हो जाएगा मैं अपने आप बोल दूँगी. ऐसे रुक मत आह आह चाट, बहुत टाइम बाद चटाई हो रही है मेरी छूट की अहह.

10 मिनिट बाद मा ने मेरा चेहरा अपनी छूट पर दबाया, और सारा पानी निकाल दिया.

मा: ह मज़ा आ गया बेटा, सच में! श हू हू.

मैं: अब सोए मा?

मा: कुत्ते तेरे को बड़ी जल्दी है सोने की.

ये बोलते मा ने मेरे को छाँटा मारा और बोली-

मा: ब्स्दक इतना गरम करके बोल रहा है सोए. गान्डू मेरे को ठंडा कों करेगा?

मा के थप्पड़ से मेरे को भी गुस्सा आ गया, और मैं बोला-

मैं: मैं ही करूँगा मा.

मैने मा के बूब्स दबाए, और स्मूच करी.

मा: आ बेटा, मी लव्ली सोन. नाउ योउ अरे रेडी तो फक मे.

मैं: एस.

अब मैने मा को लिटाया, उनके पैर खोले, और छूट पर थूका, और लंड दबाया.

मा: आ बहनचोड़ कुत्ते, धीरे, मा छोड़ दी तूने छूट की ह आह ब्स्दक.

मैं: मा अब चिल्ला मत, मज़े ले लंड के.

मा: अहह बेटा अहह अहह

मैं: ये ले तेरी छूट अब शांत हो गयी मा.

मा: ऐसे ही बेटा ह आ. फक मे, फक मे, फक मे, एस. वाउ ऑम्ग.

मैं: आह माआ आह, आख़िर तुमने अपनी हवस का शिकार बना ही लिया अपने बेटे को.

मा: बेटा क्या करती, उस दिन तेरा लंड शॉर्ट्स में देख कर कंट्रोल ही नही हुआ.

मैं: अछा तो इतने दिन क्यूँ रुकी?

मा: तेरे पापा और बेहन का जाने का इंतेज़ार कर रही थी ह आ.

मैं: श तो लो अब लोड्‍ा मेरा मा आह अहह.

मा: कम ओं बेटा ह अहह फक, छोड़ डाल छूट को!

मैं: ये लो, ये लो, अहह.

मा: गांद भी मारेगा क्या?

मैं: बिल्कुल मारूँगा मा.

मा: असली मदारचोड़ बन जाएगा तू तो फिर.

मैं: आह ह माआअ अहह. अब गांद छोड़नी है अपनी मा की.

मा: अछा ये ले.

मैं: हा ये हुई ना बात.

मा: फाड़ दे कुत्ते, सुअर की औलाद, अहह.

मैं: ये ले मा.

मा: आ एस, एस.

मैं: अहह अहह.

मा: आहह, लगता है उस कुटिया को भी छोड़ता था तू?

मैं: तू लोड्‍ा ले मा, इतना मत सोच.

मा: ह अहह बड़े दिन लग गये ये लोड्‍ा लेने में. लेकिन आख़िर-कार मिल गया.

मैं: होने वाला है अहह?

मा: चुचियों पर मेरी निकाल दे.

फिर मैने अपना सारा माल मा की चुचियों पर निकाल दिया, और हम दोनो सोने के लिए लेट गये.

डियर रीडर्स, ये थी मेरी और सौतेली मा की सेक्स स्टोरी. ई होप आपको ये कहानी पढ़ कर मज़ा आया होगा. मुझे मैल पर रिप्लाइ करके फीडबॅक ज़रूर दे. गमाल:- कामदेवबबा996@गमाल.कॉम.

कोई ऐसे ही सेक्स करना चाहता है, तो मैल करके रिप्लाइ दे. और अगर मुझसे कुछ ग़लती हुई हो, तो मैं आपसे माफी चाहूँगा. इस कहानी को लेकर कोई आइडिया या सजेशन हो तो प्लीज़ मैल करके बताए.

थॅंक्स!

कामदेवबबा!

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