Mera Kamuk Badan Aur Atript Yauvan- Part 1

मैंने मनीषा को भी साथ चलने का बोला पर वो और सामान खरीदने लगी तो मुझे देवेश के साथ अकेले ही गोदाम में जाना पड़ा जो दुकान के तीसरे माले पर था।

गोदाम में जाते ही उसने मुझे बैठने का बोला और फिर साड़ियाँ दिखाने लगा।

वो मेरे बगल में ही खड़ा था जिससे मुझे उसका खड़ा लंड मेरे मुंह के पास ही महसूस हो रहा था। जब मैंने नज़र उठा कर उसकी तरफ देखा तो वो मेरे मम्मों को घूर रहा था।

मैं उससे बोली- क्या हुआ जनाब? ऐसा क्या देख रहे हो आप मुझको?
वो मुस्कुरा कर बोला- आप इस साड़ी में बहुत सुन्दर दिख रही हैं।
मैं भी उसको छेड़ते हुए बोली- हाँ, वो तो आपकी पैंट देख कर ही पता लग रहा है।

मेरी इस बात से वो पहले तो चुप रहा और फिर बोला- भाभी जी, आप का ब्लाउज तो बहुत ही लो कट का है। आप बहुत सेक्सी लग रही हो इसमें!
मैंने हंसते हुए उसे धन्यवाद बोला।

मुझे एक साड़ी पसंद आ गई थी और मैंने उसे पैक करवा ली थी तभी देवेश बोला- अगर आपको स्टाइलिश मैचिंग अंडर गारमेंट्स भी लेने है तो वो भी मिल जाएंगे।
तो मैं अपने लिए अंडर गारमेंट्स देखने लगी।

उनमें से कुछ मुझे पसंद आये तो मैं देवेश से बोली- मैं इन्हें ट्राय करना चाहती हूँ।
तो देवेश बोला- ट्रायल रूम तो नहीं है, अगर आपको ट्राय करना है तो यहीं कर सकती हैं।

मैं उससे बोली- मैं क्या तुम्हारे सामने चेंज करुँगी?
तो देवेश बोला- आप फ़िक्र न करें, यह तो मेरे रोज का काम है।

यह कहानी भी पड़े  बुआ को लंड चुसाया और उसकी चूत मारी

मैं देवेश के मन की भड़ास को समझ चुकी थी और अब मैं भी इसका मजा लेना चाहती थी तो मैं भी उसके सामने ट्राय करने के लिए तैयार थी।

मैं नंगी हो गई
मैंने देवेश की तरफ पीठ की और फिर अपने पल्लू को नीचे गिराकर अपने ब्लाउज के हुक को खोल दिया और ब्लाउज उतार कर साइड में रख दिया।
फिर मैंने अपनी ब्रा को भी उतार दिया।

अब मैं ऊपर से बिल्कुल नंगी और कमर से साड़ी में थी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने अब नई ब्रा को उठाया और पहनने लगी, मैंने उसे ठीक से अपने मम्मो पर सेट किया और फिर हुक लगाने लगी।
ब्रा का हुक मुझसे नहीं लग रहा था तो मैंने देवेश की तरफ सर घुमा कर उसे इशारा किया।
वो समझ गया और आकार ब्रा का हुक लगाने लगा।

वो मुझसे सटकर खड़ा था जिससे उसका लंड मेरी गांड में झटके दे रहा था।
मैं भी अपनी गांड को पीछे की ओर उसके लंड पर दबा रही थी और शायद इसका एहसास उसको हो गया था तो उसने ब्रा के ऊपर से ही अपने हाथों को मेरे मम्मों पर रख दिया।
और फिर धीरे धीरे उन्हें सहलाने लगा।

अब उसने मुझे अपनी और घुमाया और मेरे होंठों को चूमने लगा। उसने ब्रा भी उतार कर फेंक दी और अब वो मेरे नंगे मम्मों को मसल रहा था।

उसने ज्यादा देर ना करते हुए मेरी साड़ी, पेटिकोट को उतार दिया।
अब मैं केवल पैंटी में उससे लिपटी हुई खड़ी थी।

यह कहानी भी पड़े  पड़ोसन भाभी की चुदाई करके चोदना सीखा

दुकान में मेरी चूत चुदाई
देवेश ने मुझे उठाकर काउंटर पर बैठा दिया और मेरी टाँगें उठाकर पैंटी उतार दी। अब वो मेरी चूत पर थूक कर उसे अपनी उंगलियों से मलने लगा।
उसने मेरी चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया और फिर एक उंगली मेरी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा।

Pages: 1 2 3 4

error: Content is protected !!